-अफसरों की लापरवाही और उदासीनता आ रही गांव डिजिटल गांव बनने में आडे़
-दर्जनभर गांव में बंद पड़े बाइफाई मशीन और ऐंटीना
सासनी, हाथरसः नीरज चक्रपाणि। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संचालित योजनाओं में ग्रामीण क्षेत्रों को डिजिटल करने के लिए इंटरनेट से जोडने वाली योजना के अंतर्गत सीएससी सेंटरों पर लगाए गये वाईफाई के चालू होने का कार्र कागजातों में भले ही पूरा हो गया हो मगर सेंटरों की दीवारों पर लटके वाईफाई अब सफेद हाथी बने ग्रामीणों को मुंह चिढा रहे है।
बता दें कि करीब एक वर्ष अधिक समय पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा गांव को डिजिटल बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित वाईफाई योजना के तहत ग्रामीणों को इंटरनेट से जोडकर उन्हें सभी सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देना तथा ग्रामीणों को अन्य सुविधाओं के लिए इंटरनेट उपलब्ध कराने के लिए इन सेंटरों पर वाईफाई के ऐंटीना लगा दिए गये। उसके लगभग एक वर्ष बाद सीएससी सेंटरों पर वाईफाई की मशीनें भी लगा दी गई और सीएससी वीएलई तथा ग्रामीणों को सांत्वना पुरस्कार देते हुए उन्हें एक माह मुफ्त इंटरनेट देने का प्रलोभन दिया और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के रजिस्ट्रेशन भी कर दिए। मगर इंटरनेट के नाम पर ग्रामीणों को कुछ नहीं मिला। इसकी शिकायतें वीएलई द्वारा सीएससी अफसरों से की गई तो सर्वे के लिए आए कर्मचारियों के आने पर इंटरनेट चालू कर दिया गया मगर कर्मचारियों के जाने के तुरंत बाद इंटरनेट बंद हो गया। अब सीएससी सेंटरों पर वाईफाई मशीनों का हाल है कि सेंटर संचालक रोने के अलावा कुछ नहीं कर सकते। अधिकारी वीएलई की बात सुनने को तैयार नहीं है, यदि कोई वीएलई अधिक कहे तो अधिकारी मार्ग में केविल टूटी होने का बहाना बना रहे हैं।
लाॅक डाउन के दौरान स्कूल बंद होने पर बच्चों को इंटरनेट पर आॅनलाइन शिक्षा दी जा रही है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में लगे वाईफाई से इंटरनेट न मिलने पर लोगों को अपने मोबाइलों से ही इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कर बच्चों को शिक्षित किया जा रहा है। इस विषय में वाईफाई प्रबंधक विनय कुमार से दूरभाष पर बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया जिससे इस बावत कोई बात नहीं हो सकी।