Monday, November 18, 2024
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रेलवे कर्मचारियों को 50 लाख का बीमा दे सरकार – आई पी एस चौहान

कानपुर। उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री आई पी एस चौहान ने भारत सरकार से मांग की है कि रेलवे कर्मचारियों फ्रंट लाइन के कोरोना योद्धा हैं, जो प्रतिदिन ड्यूटी कर के देश की अर्थव्यवस्था को संभालें हुए हैं। इनका अलग से कैंप लगाकर टीकाकरण करवाया जाय, संगठन मंत्री राजा राम मीणा ने कहा ट्रैक मेंटेनर एक ऐसा पद है जिसकी ड्यूटी में कभी सोशल डिस्टेंस संभव नहीं, जबकि कोरोना काल में उन पर अत्यधिक ड्यूटी का दबाब बनाकर ज्यादा काम लिया जा रहा है, अत: अतिआवश्यक कार्यों में ही ट्रैक मेंटेनर की ड्यूटी लगाई जाय। भारतीय रेलवे मजदूर संघ के केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य कुन्दन कुमार सिंह ने कहा कि सरकारी संस्थाओं में रेलवे सबसे बड़ी संस्था है एवं कोरोना से लड़ने के लिए सभी मैकेनिज्म रेलवे के पास उपलब्ध है जिससे रेलवे कर्मचारियों की जान बचा सकती है, अभी दो हजार से ज्यादा रेलवे कर्मचारियों की जान कोरोना की वजह से हो चुकी है। रेलवे के हजारों इंजीनियर, कारखाने, अस्पताल, डाक्टर, आईसोलेशन की तमाम खाली बिल्डिंग एवं कोच यदि इनका समुचित उपयोग हो तो कम से कम रेलवे कर्मचारी एवं उसके परिवार के 50 लाख व्यक्तियों के बोझ से राज्य सरकार को मुक्त किया जा सकता है। परंतु आज वेक्सिनेशन के लिए राज्य सरकार के अस्पतालों में रेलवे कर्मचारी मारे मारे फिर रहें हैं फिर लौट कर ड्यूटी भी कर रहें हैं। कानपुर के लोको पायलट की बात करें तो एक सौ से ज्यादा कोरोना संक्रमित है जिससे अन्य कर्मचारियों पर वर्क लोड बढ़ गया है इसी तरह ट्रैकमेंटेनर, गेटमैन, प्वाइंटसमैन, गार्ड, टीटी आदि विभागों का भी यही हाल है। रेलवे के प्रत्येक बड़े अस्पतालों में अपना ऑक्सीजन प्लांट अभी तक लग जाने चाहिए थे देश के एक दो जोन ऑक्सीजन प्लांट लगाकर ऑक्सीजन की कमी को दूर कर रहें हैं। कानपुर में ही 5-6 रेलवे के छोटे बड़े अस्पताल हैं जहां डाक्टर, नर्स, कम्पाउंडर मौजूद रहते हैं, यदि सभी टीकाकरण करवाना शुरू करवा दिया जाय तो एक महीने के अंदर सभी कर्मचारी का फर्स्ट डोज टीका लग सकता है। संघ यह मांग करता है कि अतिआवश्यक ट्रैन ही चलाया जाय हलांकि संगठन के मांग पर कानपुर नई दिल्ली शताब्दी एक्स्प्रेस को बंद कर दिया गया है। कानपुर से नई दिल्ली चलने वाली श्रमशक्ति एक्सप्रेस को भी बंद कर दिया जाना चाहिए क्योंकि ये अप में लगभग खाली ही जाती है, ऐसे कानपुर से दिल्ली जाने आने के लिए अन्य सुविधाएं भी मौजूद हैं। इस अंतर्राष्ट्रीय विपदा में रेलवे कर्मचारियों अपने जान कुर्बान कर देशहित में कार्य किया है अतः सरकार को इनका फ्रिज किया हुआ डीए अविलंब लागू करना चाहिए। देश सेवा करते हुए कोरोना से शहीद हुए रेलवे कर्मचारी को 50 लाख का बिमा, कोरोना संक्रमित काल के पिड़ित कर्मचारियों के लिए स्पेशल सीएल, संक्रमण रेट कम करने के उद्देश्य से कम से कम ड्यूटी करवाई जाए इत्यादि उपाय कर हम देश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोक सकते हैं।