कानपुर|कोरोना की जंग में आयुर्वेद निभा रहा महत्वपूर्ण भूमिका हमारे देश में कोरोना के डबल म्युटेंट के संक्रमण की दर काफी तेज है। जो हर उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। संक्रमण के बढ़ने से सरकारी और निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद करनी पड़ी है। ऐसे में आपके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए हमने आयुर्वेदाचार्य डॉ0 जितेंद्र कुमार दुवेदी के साथ स्वास्थ्य पर चर्चा की। जिसमें उन्होंने बेहतर खानपान और औषधियों तथा योग व प्राणायाम के माध्यम से कोरोनावायरस से बचाव के उपाय बताएं आयुर्वेदाचार्य डॉ0 जितेंद्र कुमार द्विवेदी के साथ स्वास्थ्य पर चर्चा में शिशिर अवस्थी द्वारा पूछे गए सवाल एवं आयुर्वेदाचार्य द्वारा उनके उत्तर
1. क्या आयुर्वेद से कोरोना का इलाज संभव है।
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से इसका इलाज संभव है एजिस पर पूर्ण क्लिनिकल ट्रायल सरकार द्वारा किया जा रहा है।
2. क्या कोविड.19 वैक्सीनेशन के बाद भी आयुर्वेद की इम्युनिटी बढ़ाने वाली औषधियों गिलोय, मुलेठी, अश्वगंधा, तुलसी आदि का सेवन करना उचित है।
वैक्सीनेशन के पूर्व अथवा वैक्सीनेशन के पश्चात सभी व्यक्ति आयुर्वेद की औषधियों का सेवन कर सकते हैं। इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ.साथ आपको पूर्ण स्वस्थ रखने में सहायक है। किंतु चिकित्सक की सलाह के अनुसार मात्रा एवं उचित मार्गदर्शन अति आवश्यक होगी।
3.पतंजलि द्वारा निर्मित कोरोनिल किट का प्रयोग कोरोना संक्रमित व्यक्ति एवं बिना संक्रमित व्यक्ति को किस प्रकार करना चाहिए और यह औषधि कोरोना पर कितनी कारगर है।
पतंजलि की कोरोनिल किट वायरल इन्फेक्शन तथा इम्यूनिटी बूस्टर की दृष्टि से बहुत कारगर है, इसमें विशेष तौर पर तीन औषधि कोरोनिल टेबलेट, स्वसारी वटी, अणु तेल है, इसे संक्रमित व्यक्ति तथा जो व्यक्ति संक्रमित नहीं है व अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाना चाहता है। जिसकी अलग.अलग मात्रा पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्धारित की गयी है। चिकित्सक की सलाह अनुसार इनका सेवन किया जा सकता है।
4. क्या किचन में उपस्थित मसालों/औषधियों से काढ़े का निर्माण किया जा सकता है जो इम्यूनिटी बूस्टर एवं वायरस से बचाव के लिए आवश्यक है।
यदि आप सर्दी.जुकाम से पीड़ित हैं तो घरेलू काढ़े में हल्दी आधा चम्मच, अदरक, दालचीनी एक चौथाई चम्मच, तुलसी 5 पत्र,काली मिर्च 3 से 5, गुड़ 50 से 30 ग्राम पाव भर जल में गर्म करके एक चौथाई हो जाने पर उसका सेवन दिन में एक समय कर सकते हैं।
5. कोरोनावायरस के भय से जो व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर तथा ऑक्सीजन की कमी महसूस करते हैं अथवा उन्हें कमजोरी जैसी महसूस होती है। उनके लिए कौन सा उपाय ऐसा है जिससे वह बहुत ही जल्द स्वस्थ हो जाएं।
ऐसे सभी व्यक्तियों को जिनको कोरोनावायरस का भय सताता है अथवा वह अपने आप को कमजोर महसूस कर रहे हैं या मानसिक अशांति की उनको समस्या है। ऐसे सभी व्यक्तियों को खुशनुमा माहौल में रहना चाहिए तथा उन्हें प्रातः 5 प्राणायाम भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम.विलोम, भ्रामरी तथा उद्गीत अवश्य अपनी जीवनशैली में शामिल करना चाहिए इससे हमारी नाड़ी शुद्ध होगी तथा फेफड़े स्वस्थ रहेंगे तथा उनकी ऑक्सीजन एवं श्वसन से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या खत्म हो जाएगी। कोरोनावायरस से किसी भी व्यक्ति को डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है हां यह जरूरी है, कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने लिए एक सावधानी बरतने वाला नियम बनाना चाहिए। जिसके अंतर्गत सभी व्यक्तियों को मास्क लगाना चाहिए, सामाजिक दूरी का हमेशा ख्याल रखना चाहिए, इसके अलावा अपने मस्तिष्क पर किसी भी प्रकार की कोई भी मानसिक अशांति उत्पन्न नहीं होने देना चाहिए।
6.किसी व्यक्ति को हल्का खांसी जुखाम बुखार होने पर किस औषधि का सेवन करना चाहिए।
इस स्थिति में प्राथमिक उपचार में काढ़े का सेवन, श्वसारि क्वाथ, श्वसारि प्रवाही, लक्ष्मी विलास रस,चिरायता, काढ़ा, ज्वर नाशक वटी, गिलोय का काढ़ा या वटी आदि औषधि का चिकित्सक की सलाह पर सेवन कर सकते है।
उपरोक्त चर्चा में डॉक्टर द्विवेदी ने कई महत्वपूर्ण बातें बताई उन्होंने कहा हमारे शरीर को चार स्तंभ आहार, निद्रा, संयम, श्रम को प्राकृतिक रूप से पालन करना चाहिए। प्रकृति द्वारा प्रदत्त मौसमी फलों, सब्जियों का भरपूर सेवन करें। एवं जन हित में वृक्षों का पालन पोषण करें। जिससे हमारा मानव शरीर हमेशा स्वस्थ रहेगा। इसी के साथ लोगों को सरकार की कोविड.19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए आयुर्वेद से अपने परिवार को स्वस्थ एवं निरोगी बनाए रखना चाहिए।
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