अंतर्राष्ट्रीय दिवस – अत्याचार, यातना के पीड़ितों के समर्थन और नशा निरोधक अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाते हैं – एड किशन भावनानी
हम हर वर्ष करीब-करीब अनेक दिवस किसी ना किसी अंतर्राष्ट्रीय महत्वपूर्ण दिवस के रूप में मनाते हैं। यह सिर्फ भारत में ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। क्योंकि उस दिन का एक विशेष महत्व होता है और वह दिन उस वृतांत के लिए संयुक्त राष्ट्र की असेंबली में बाकायदा प्रस्ताव लाकर बहुमत से पारित किया जाता है और उस दिन को उस विशेष वृतांत दिन के लिए मान्यता मिलती है। अभी हाल ही में हमने जून महीने में ही अनेक अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाए है।…अभी 26 जून 2021 दो वृतांत के लिए महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय दिवस है। पहला अत्याचार याने यातना के पीड़ितों के समर्थन में अंतर्राष्ट्रीय दिवस। दूसरा नशीली दवाओंके दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस।…बात अगर हम अत्याचार या यातना के पीड़ितों के समर्थन में अंतर्राष्ट्रीय दिवस 26 जून 2021के इतिहास की करें तो, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 12 दिसंबर 1997 को 52/149 प्रस्ताव को पारित किया और हर साल 26 जून को अत्याचार को ख़त्म करने के लिए यातना के पीड़ितों के समर्थन में संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने का फैसला किया था। हालाँकि यह याद रखना चाहिए कि कानूनी दंड के कारण होने वाले दर्द या पीड़ा को यातना नहीं माना जाता है। पहली बार 26 जून 1998 को यातना, अत्याचार के पीड़ितों के समर्थन में संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया गया था। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य, अत्याचार या यातना के अपराध के खिलाफ बात करने और दुनिया भर में पीड़ितों और बचे लोगों का सम्मान और समर्थन करना है। अत्याचार या यातना पीड़ितों के समर्थन में संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय दिवस हर साल 26 जून को दुनिया भर में मनाया जाता है। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानवीय अत्याचारों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है, जो न केवल अस्वीकार्य है बल्कि अक्षम्य अपराध भी है, जिसके संबंध में विश्व के हर देश में इसके खिलाफ कठोर कानून भी बने हैं जिसका अत्यधिक सख़्ती के साथ क्रियान्वयन भी होता है। यूएन खुशी के साथ इस वर्तमान दिवस को उन व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए मनाता है जिन्होंने बहादुरी से दूसरों द्वारा लगाए गए अत्याचारों का सामना करने की हिम्मत की। इस वर्तमान दिन का लक्ष्य चेतना को प्रकट करना है और यह दुनिया भर में सम्मेलनों, कार्यशालाओं, शांतिपूर्वक रैलियों, सांस्कृतिक और संगीतमय अवसरों द्वारा पूरा किया जाता है। बहरहाल, कोरोनोवायरस के प्रकोप के कारण, लोगों को घर में रखने के लिए प्रेरित किया जाता है।…बात अगरहम नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस 26 जून 2021 के इतिहास की करें तो, अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस प्रत्येक वर्ष 26 जून को मनाया जाता है। नशीली वस्तुओं और पदार्थों के निवारण हेतु संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 दिसम्बर, 1987 को प्रस्ताव संख्या 42/112 पारित कर हर वर्ष 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा व मादक पदार्थ निषेध दिवस’ मानाने का निर्णय लिया था। यह एक तरफ़ लोगों में चेतना फैलाता है, वहीं दूसरी ओर नशे के लती लोगों के उपचार की दिशा में भी महत्त्वपूर्ण कार्य करता है अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के अवसर पर मादक पदार्थ एवं अपराध से मुक़ाबले के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ का कार्यालय यूएनओडीसी एक नारा देता है। इस अवसर पर मादक पदार्थों से मुक़ाबले के लिए विभिन्न देशों द्वारा उठाये गये क़दमों तथा इस मार्ग में उत्पन्न चुनौतियों और उनके निवारण का उल्लेख किया जाता है। 26 जून का दिन मादक पदार्थों से मुक़ाबले का प्रतीक बन गया है। इस अवसर पर मादक पदार्थों के उत्पादन, तस्करी एवं सेवन के दुष्परिणामों से लोगों को अवगत कराया जाता है। नशीली दवाओ के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाता है, ताकि लोगो को इन दवाओ से होने वाले नुकसान के बारे मे बताया जाये और उन्हें जागरूक किया जा सकेइस आर्टिकल को बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का सहयोग दिया गया है। साथियों, यह सर्वविदित उल्लेखनीय है कि,प्राचीन काल में भी नशे का सेवन किया जाता था। उस समय इसे सोमरस कहा जाता था। हालांकि, इसका उद्देश्य समाज को दूषित करना कतई नहीं था, लेकिन आधुनिक समय में नशा की परिभाषा ही बदल गई है। लोग कई प्रकार के नशा करने लगे हैं, जिनमें शराब, ड्रग्स और हेरोइन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त भी कई प्रकार के नशा हैं। बच्चे भी नशे की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। इससे आने वाली पीढ़ी पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इसके साथ ही खपत अधिक होने से अवैध तस्करी भी जमकर हो रही है। हम आज के परिपेक्ष में भी देख रहे हैं कि, समाज में दिन-प्रतिदिन शराब, मादक पदार्थों व द्रव्यों के सेवन की बढ़ती हुई प्रवृत्ति को रोकने के लिए सामाजिक न्याय विभाग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य समाज में बढ़ती हुई मद्यपान, तम्बाकू, गुटखा, सिगरेट की लत एवं नशीले मादक द्रव्यों, पदार्थों के दुष्परिणामों से समाज को अवगत कराना हैं, ताकि मादक द्रव्य एवं मादक पदार्थों के सेवन की रोकथाम के लिए उचित वातावरण एवं चेतना का निर्माण हो सके। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मादक पदार्थ एवं गैर-कानूनी लेन-देन ज्यादा बढ़ जाने के कारण चिंता का विषय बन गया। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम देखेंगे कि अंतरराष्ट्रीय दिवस, इतिहास और दिवस का महत्व उस वृतांत के प्रति आम नागरिकों को जनजागरण करना होता है। यह दिवस बुराइयों पर अच्छाइयों के विजय का प्रतीक होता है। नागरिकों में संवेदनशीलता और जनजागरण अभियान का एक हिस्सा होता है जिससे नागरिक उस वृतांत के प्रति सचेत और जागरूक हो।
-संकलनकर्ता-कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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