– मानवता को किया शर्मशार, कहा नही होगी बिना पैसे दिये जांच
कानपुर। सर्वोदय नगर स्थित भविष्य निधि विभाग में अपनी गाढ़ी कमाई को अगर वापस लेना है तो आप अपनी सेहत को जरूर दुरूस्त कर ले क्योंकि आपका काम आसानी से हो जाये यह संभव नही है। कुछ तो ऐसे है जो अपनी पेंशन पाने की उम्मीद लिये डबडबाई नजरो से विभाग की ओर देखते है लेकिन उनको निराशा के अलावा और कुछ नही मिला। ऐसा ही एक मामला एक सफाई कर्मी का है जिसने अपने पिता का नाम ठीक कराने के लिये 6 महीने लग गये लेकिन इसके बावजूद भी विभाग ने कोई कार्यवाई नही की। विगत 6 महीने से विभाग के चक्कर सफाई कर्मी की सुनवाई तो नही हुई लेकिन इंस्पेक्टर को जांच के लिये नजराने की बात जरूर आ गयी। इस बावत उसने जाकर केयरटेकर प्रशांत शुक्ला से अपनी आप बीती सुनाई तो उन्होंने भी कोरा आशवासन देकर उसे चलता कर दिया ,लेकिन सफाई कर्मी के पिता का नाम एकाउण्ट में ठीक न हो सका। जब सफाई कर्मी ने एक बार फिर गुहार लगाई तो उसे पैसे देने को कहा गया कि जब तक पैसे नही दोगे तब तक जांच नही हो पायेगी।
आपको बताते चले कि फजलगंज की एक कैमिकल्स फैक्ट्री में बतौर राजेश सफाई कर्मी है। राजेश का फंड कटता है। पिता की बीमारी में इलाज कराने के लिये जब उसे पैसो की आवशयकता पडी तो उसने भविष्य निधि कार्यालय में आवदेन किया जिस पर उसे जानकारी हुई कि उसके पिता का नाम गलत लिखा हुआ है। राजेश ने माह जनवरी में अपना जिला अस्पताल से मेडिकल करवाया और भविष्य निधि विभाग को दे दिया। इसके बावजूद भी राजेश की जांच प्रक्रिया पूरी नही की गई। राजेश ने भविष्य निधि के केयरटेकर व यूनियन के महामंत्री प्रशांत शुक्ला से मिला और उनको अपनी समस्या से अवगत कराया जिस पर उन्होंने उसे कोरा आष्वासन देकर चलता कर दिया। राजेश ने फिर एक माह बाद जब सम्पर्क किया जो कोरोना काल और इंस्पेक्टर को कोरोना है कि बात कह उसे फिर टरका दिया और उससे पुनः कागजात को जमा कराने के लिये कहा। राजेश ने इन 6 माह में तीन बार कागज को रिसीव करवाया और प्रशांत शुक्ला को भी उसकी हार्ड कापी भिजवाई,लेकिन मानवता को शर्मशार करते हुए प्रशांत शुक्ल ने उसे कार्यालय से भगा दिया। पीडित राजेश ने बताया कि इंस्पेक्टर को पैसे देने के लिये कहा जा रहा है कि जब तक पैसा नही दोगे तुम्हारी जांच नही हो पायेगी। पीडित राजेश ने कहा है कि अगर उसके साथ न्याय नही किया गया तो वह भविष्य निधि के गेट पर आत्महत्या करने को मजबूर होगा।
*आम लोगो से नही मिलते है अधिकारी*
भविष्य निधि कार्यालय में कोई भी आम आदमी अगर चाहे कि वह अपनी समस्या को किसी अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर सके तो यह बिलकुल ही नामुमकिन है। दिलचस्प बात तो यह देखनी को मिली कि भविश्य निधि के किसी अधिकारी का कोई भी सीयूजी नम्बर सार्वजनिक नही किया गया कि वह दूरभाश से ही सम्पर्क कर अपनी व्यथा बता सके।
बाबू , इंस्पेक्टर अधिकारियों की आड में करते है दलाली
भविष्य निधि विभाग के सूत्रो की माने तो परेशान धूमने वाले पीडितो का काम साधारण तरीके से न होकर पीछे की खिडकी से किया जाता है। जिसमें बाबू से लेकर इंस्पेक्टर तक जमकर दलाली करते है। किसी को बीमारी के लिये पैसो की जरूरत हो या फिर बेटी की शादी के लिये। यहां चप्पल घिस जायेगी, लेकिन आपको अपना पैसा बिना दलाली दिये नही होगा।