-ब्रज क्षेत्र में गोवर्धननाथ तलहटी में लगाए गए 44 पौधे
-प्रकृति को श्रृंगारित करके मनाया गया पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव का जन्मदिन, 44 वें जन्मदिन पर हुआ 44 पौधों का रोपण
मथुराः जन सामना डेस्क। पर्यावरण की रक्षा के लिए जरुरी है कि हम इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने के साथ पौधारोपण को जीवन के विभिन्न महत्वपूर्ण दिनों से जोड़ें। जन्मदिन व विवाह वर्षगांठ जैसे जीवन के महत्वपूर्ण दिनों को विशेष बनाने के लिए पौधारोपण कर समाज को नई दिशा दी जा सकती है। देश के चर्चित ब्लॉगर, साहित्यकार, लेखक एवं वाराणसी क्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव के 44वें जन्मदिन पर मथुरा में श्री गोवर्धननाथ प्रभु की पावन तलहटी में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में भाग लेते हुए उक्त भावनाएँ व्यक्त की गईं।
स्वदेशी समाज सेवा समिति, सर्वोदय शिक्षा सदन समिति, फिरोजाबाद एवं वन विभाग, गोवर्धन के तत्त्वावधान में आयोजित उक्त कार्यक्रम में श्री गोवर्धननाथ प्रभु की पावन तलहटी में विभिन्न स्थानों पर रुद्राक्ष, तुलसी, हरसिंगार, पीपल, नीम, शरीफा, दाललचीनी, रातरानी इत्यादि के फलदार, औषधीय, छायादार वृक्षों, बेल व पुष्प के 44 पौधों का रोपण धरा को हराभरा एवं पर्यावरण को शुद्ध बनाने हेतु किया गया। इस अवसर पर समर्पण गौशाला, गोवर्धन में भी पौधारोपण का यह पुनीत कार्य किया गया।
इस अवसर पर वन क्षेत्र अधिकारी बृजेश कुमार पवार ने कहा कि, वर्तमान परिस्थितियों में जब वन क्षेत्र का निरंतर ह्रास होता जा रहा है तब संपूर्ण समाज को इस तरह के आयोजनों से सीख लेने की आवश्यकता है। समर्पण गौशाला के प्रबंधक डा. हेमंत कुमार यादव ने कहा कि सम्पूर्ण धरा और प्रकृति को सुरक्षित व संतुलित रखने हेतु हमें पौधारोपण के प्रति लोगों को सजग बनाना होगा। स्वदेशी समाज सेवा समिति, फिरोजाबाद के प्रबंधक वृक्ष मित्र एवं समर्पित समाजसेवी विवेक यादव ने कहा कि कोरोना महामारी ने एक बार फिर से लोगों को पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण के प्रति सचेत किया है। वन विभाग के सब इंस्पेक्टर आशीष कुमार चैहान, समाज सेवी कमल किशोर यादव सहित तमाम महानुभावों की गरिमामयी उपस्थिति में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े चर्चित साहित्यकार और पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने अपने जन्मदिन पर इस अभिनव पहल की सराहना करते हुए कहा कि, भारतीय परंपरा में पेड़-पौधों को परमात्मा का प्रतीक मान कर उनकी पूजा का विधान बनाया गया है। पर्यावरण के साथ-साथ आचरण को भी शुद्ध रखने में वृक्षों का महत्वपूर्ण योगदान है। ऐसे में हर व्यक्ति की यह जिम्मेदारी है कि वह एक पौधा अवश्य लगाए।