पवन कुमार गुप्ताः रायबरेली। लखनऊ-प्रयागराज राजमार्ग के किनारे स्थित ऊंचाहार के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से प्रतापगढ़ जनपद तक के मरीज इलाज के लिए आते हैं। किन्तु लगातार गिर रही सीएचसी की व्यवस्था से मरीजों का आना भी कम हो रहा है।
बतातें चलें कि अभी पिछले ही दिनों एक दूसरे से कंपटीशन के तौर पर शिक्षक एमएलसी उमेश द्विवेदी और नगर पंचायत अध्यक्षा शाहीन सुल्तान के द्वारा ऊंचाहार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को गोद लेने की प्रक्रिया की गई थी जिसके बाद दूसरे ही दिन से सीएचसी परिसर के अंदर कुछ साफ-सफाई का कार्य कराया गया था। जिसको लेकर वाहवाही भी बटोरी गई । वाहवाही इसलिए क्योंकि जब ऊंचाहार सीएचसी की स्वच्छता को कैमरे में कैद करने के लिए सोचा गया तो परिसर के बाहर तो छोड़िए चिकित्सालय परिसर के अंदर ही जगह-जगह गुटखा और पान की गंदगी का अंबार दिखा। मरीजों को सूचना देने वाले बोर्ड काफी दिनों से नई लिखावट का इंतजार कर रहे हैं। मरीजों एवं उनके संबंधियों को मर्ज से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने वाले परिसर के अंदर लगे बड़े बोर्ड में भी जंग लगे हुए हैं। जिन पर लिखे हुए शब्दों को पढ़ना मुश्किल हो रहा है और मुख्य राजमार्ग के किनारे इस चिकित्सालय में पहुंचने के मार्ग में एवं चिकित्सालय के गेट पर भी कोई मर्करी लाइट उपलब्ध नहीं है। जिससे दूर से यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि इस सीएचसी की व्यवस्थाएं चालू है या बंद। चिकित्सालय परिसर के भी अंदर लगी हुई सोलर लाइटें शो पीस बनी हुई हैं। हालांकि सीएचसी को गोद लेने वाले अभिभावकों से इस अव्यवस्था में सुधार के लिए बात नहीं हो सकी है।
इस विषय में जब सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर एम. के. शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा सीएचसी की व्यवस्थाओं को निरंतर ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है। काफी समय से ऊंचाहार के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को इन मूलभूत सुविधाओं में सुधार के लिए बजट नहीं मिल सका है जिसके कारण यह अव्यवस्थाएं देखने को मिल रहीं हैं।
ऊंचाहार की सीएचसी में इन सारी अव्यवस्थाओं के चलते यह देखने को मिला है कि सीएचसी को गोद लेने के बाद भी चिकित्सालय परिसर के अंदर और बाहर स्वच्छता और मूलभूत सुविधाओं के लिए अभी तक कोई प्रमुख कार्य नहीं हुआ है।