Tuesday, May 7, 2024
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UP सरकार धार्मिक एवं पर्यटन सुविधाओं का विकास कर आस्था का कर रही है सम्मान

सभ्यता एवं संस्कृति के उदय के साथ ही मनुष्य की आस्था का भी उदय हुआ। इसी के साथ धर्म एवं धर्म से जुड़े स्थलों की महत्ताभी बढ़ी। उत्तर प्रदेश में अनेक धर्मों से जुडे़ बहुत से प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं, जहॉ प्रति वर्ष अनेक लोग अपनी-अपनी आस्था एवं विश्वास के अनुसार दर्शन करने आते हैं। इनमें काशी, अयोध्या, मथुरा, प्रयागराज, फतेहपुर सीकरी आदि प्रमुख है। इसके अलावा पर्यटन की दृष्टि से भी ऐसे स्थलों का महत्व है। पूरे देश से एवं विदेशों से भी पर्यटक यहां घूमने आते हैं। ऐसे में प्रदेश के इन दर्शनीय स्थलों एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण जगहों का विकास एवं सौन्दर्यीकरण किया जाना आवश्यक है, जिससे आस्था का सम्मान हो सके एवं समाज एवं राज्य की छवि बेहतर हो सके।
उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार के साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में प्रदेश में आस्था से जुड़े अनेक स्थलों का विकास कार्य कराया जा रहा है। इनमें अयोध्या में श्री राम मंदिर का भव्य निर्माण प्रारम्भ हो चुका है। साथ ही श्री राम नगरी अयोध्या में विकास के अनेक कार्यों के माध्यम से धार्मिक नगरी की प्राचीनता को अक्षुण्य रखते हुए आधुनिक स्वरूप दिया जा रहा है। इनमें अयोध्या में एक अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण भी शामिल है ताकि देश-दुनिया के श्रद्धालु आसानी से अयोध्या भ्रमण कर सके।इसी क्रम में श्रीराम मंदिर मॉडल पर एक डाक टिकट भी जारी किया गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव ने लगातार तीन वर्षों मंे गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान दर्ज किया है और वर्ष 2021 में पुनः रिकॉर्ड की तैयारी की जा रही।
विश्व का सबसे बड़ा मेला प्रयागराज कुम्भ-2019 अब तक के सबसे भव्य एवं सफल आयोजन के साथ ही तीन-तीन विश्व कीर्तिमान बनने के साथ सम्पन्न हुआ। इसे यूनेस्को की सराहना भी मिली तथा इसमें भारत एवं विश्व से करोड़ों श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों ने सहभागिता की। गंगा-यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम पर आयोजित इस मेेले में प्रदेश सरकार ने पूरी भव्यता के साथ दिव्यता का संगम दिखाया।प्रदेश सरकार की प्रशासनिक क्षमता व रणनीतिक कौशल को समूचे विश्व में सराहना मिली।
आस्था के सम्मान के अन्तर्गत ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र एवं विश्वनाथ नगरी वाराणसी में ’काशी विश्वनाथधाम कॉरिडोर’ का विकास भी प्रदेश सरकार द्वारा कराया जा रहाहै। उत्तर प्रदेश में धार्मिक महत्व के अनेक सर्किट का विकास एवं सौन्दर्यीकरण कराया जा रहा है। रामायण सर्किट के अन्तर्गत चित्रकूट, अयोध्या एवं श्रृंग्वेरपुर में पर्यटन सुविधाओं का विकास एवं उन्नयन, मथुरा एवं बृज क्षेत्र में बृज तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद की स्थापना एवं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़े प्रमुख स्थलों का विकास प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिकता से कराया जा रहा है।
चित्रकूट धाम में अष्टभुजा तथा विध्यांचल (मीरजापुर) में कालीखोह में रोपवे का संचालन प्रारम्भ हो चुका है जब कि बरसाना, मथुरा में रोपवे का निर्माण प्रगति पर है।इनसे पर्यटन सुविधाओं की वृद्धि हुई है एवं तीर्थ यात्रियों को भी सहूलियत हो रहीहै। नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद, विंध्यतीर्थ क्षेत्र विकास परिषद, शुक्रधाम तीर्थ विकास परिषद, चित्रकूट तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद तथा देवी पाटन तीर्थ विकास परिषद के माध्यम से प्रदेश सरकार द्वारा सम्बन्धित क्षेत्रों में धार्मिक एवं पर्यटन के विकास संबंधी कार्य कराए जा रहे हैं।
प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश में पर्यटन की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एवं पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश को देश व विश्व मानचित्र पर स्थापित करने के लिए अवस्थापना सुविधाओं एवं अन्य सुविधाओं की स्थापना पर जोर दे रही है। महाभारत सर्किट के अन्तर्गत महाभारत से जुड़े स्थलों का विकास किया जा रहा है। जैन एवं सूफी सर्किट के अन्तर्गत आगरा एवं फतेहपुर सीकरी में पर्यटन सुविधाएं विकसित की जा रही है। गोरखपुर के रामगढ़ ताल में वाटर स्पोर्ट्स, चन्दौली में देवदरी व राजदरी वाटर फॉल स्थलों का विकास कराया जा रहा है। विभिन्न महोत्सवों के माध्यम से स्थान विशेष की विशेषताओं से लोगों को जोड़ा जा रहा है। उत्तर प्रदेश ट्रैवलमार्ट (लखनऊ), इण्डिया ट्रैवलमार्ट (नईदिल्ली), आम महोत्सव, गोरखपुर महोत्सव आदि का आयोजन समय-समय पर किया जा रहा है। चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव के आयोजन द्वारा देश की स्वतंत्रता के वीरों एवं शहीदों के प्रति श्रद्धा एवं कृतज्ञता प्रकट की जा रही है।
संस्कृति को सम्मान प्रदान करने हेतु प्रदेश की वर्तमान सरकार मगहर में संतकबीर अकादमी की स्थापना कर रही है। जहां कबीर से जुड़े काव्य पर शोध व अध्ययन की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।गोरखपुर में 5000 की दर्शक क्षमता के प्रेक्षागृह एवं खुले मंच की स्थापना के माध्यम से क्षेत्रीय, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय कलाकारों को मंच प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने कैलाश मान सरोवर यात्रियों की अनुदान राशि 50 हजार रूपये से बढ़ाकर 1 लाख रूपये प्रति यात्री कर दी है। वही सिंधु दर्शन अनुदान 20 हजार रूपये प्रतियात्री निर्धारित किया गया है। प्रदेश सरकार 60 वर्ष से अधिक आयु के 321 वृद्ध एवं विपन्न कलाकारों को रू0 2000 प्रतिमाह पेंशन भी प्रदान कर रही है। जिससे उन्हें जीवन के इस महत्वपूर्ण समय में सहायता मिल रही है।
उत्तर प्रदेश की प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में एक-एक पर्यटन केन्द्र का विकास मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्द्धन योजना के अन्तर्गत किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन संभावनाओं एवं धार्मिक महत्व को देखते हुए है रिटेज सर्किट, स्पिरिचुअल सर्किट, बुन्देल खण्ड सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, ईको सर्किट का भी चिन्हांकन किया गया है एवं इनके विकास के कार्य कराये जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार की उपर्युक्त विकास परक योजनाओं से प्रदेश के धार्मिक स्थलों का विकास हो रहा है। इनसे तीर्थ यात्रियों एवं श्रद्धालुओं को सुविधाएं मिल रही है। साथ ही इनसे प्रदेश की पर्यटन संभावनाएं भी बढ़ रहीहै। यह योजनाएं स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार का साधन भी बढ़ा रहीहै। उत्तर प्रदेश के चहुमुखी विकास के क्रम में प्रदेश सरकार के यह कदम सराहनीय है।