Friday, May 17, 2024
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अजीबोगरीब घोटालों के लिए प्रसिद्ध हाथरस नगरिया में एक और नया भ्रष्टाचार?

हाथरस। नगर पालिका में हुआ लाइट खरीद में घोटाला इस घोटाले की शिकायत भाजपा के पूर्व सांसद राजेश दिवाकर द्वारा की गई थी। जिस पर लगभग 2 साल तक कुछ नहीं हुआ फिर उसके बाद इसी शिकायत को उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एशोसियेसन के प्रदेश संगठन मंत्री नीरज चक्रपाणि द्वारा जिलाधिकारी महोदय हाथरस से की गई। जिस पर जिलाधिकारी महोदय ने मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में 4 सदस्य कमेटी का गठन कर दिया जांच कमेटी के अध्यक्ष ने शिकायतकर्ता से शपथ पत्र मांगा जिस पर शिकायतकर्ता ने अपना शपथ पत्र साक्ष्य सहित जांच कमेटी के अध्यक्ष को दे दिया। लेकिन शिकायतकर्ता को मुख्य विकास अधिकारी ने आज दिनांक 29 नवंबर तक सुना तक नहीं जब आज शिकायतकर्ता स्वयं मुख्य विकास अधिकारी के कार्यालय पहुंचा, तो वहां उसने उस अधिकारी को मुख्य विकास अधिकारी के कार्यालय में बैठा हुआ देखा, जिस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हुए हैं और तो और वही अधिकारी मुख्य विकास अधिकारी के स्टेनो के रूम में बैठकर शिकायत को निस्तारित करा रहा था। जब इसका विरोध शिकायतकर्ता द्वारा किया गया तो मुख्य विकास अधिकारी के बिगड़े बोल और कहां आज जो कुछ देना है वह आज दे दो आज के बाद मैं कल रिटायर हो रहा हूं अब आप ही बताएं रिटायरमेंट से पहले वह भी 1 दिन पहले कोई कैसे निष्पक्ष जांच कर सकता है? जबकि आज वरिष्ठ कोषाधिकारी अवकाश पर हैं और शायद मुख्य विकास अधिकारी भ्रष्टाचार करके भ्रष्टाचार को मिटाना चाहते हैं? इस लाइट घोटाले में सभी साक्ष्य सामने रखे हैं शिकायतकर्ता ने जो साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं वह देखने लायक हैं नगर पालिका द्वारा सिर्फ 200 लाइटो का टेंडर निकाला गया था जिसमें 100 लाइटें 45 वाट की और 100 लाइट है 90 वाट की खरीदनी थी जिनमें से लाइट खरीद में दो फर्मों के समान रेट आए जिस पर अधिशासी अधिकारी लल्लन राम यादव द्वारा लाटरी पद्धति ना अपनाते हुए दोनों फर्मो को आधा आधा काम दे दिया गया उसके बाद लाइटों के वर्क आर्डर जारी करते रहे और लगभग 22 सौ लाइट खरीद ली गई यह योगी सरकार में हाथरस जिले में लाइट खरीद में सबसे बड़ा घोटाला है और इस घोटाले को अपने रिटायरमेंट से 1 दिन पहले मुख्य विकास अधिकारी हाथरस भ्रष्टाचार करके शायद मिटाना चाहते हैं और तो और शिकायतकर्ता साक्ष्य लेकर घूम रहा है मुख्य विकास अधिकारी साक्ष्य की कहकर ऑफिस से चले गए अब उन्हें लेने वाला कोई नहीं है जांच कमेटी के मेंबरों से शिकायत के बारे में जानने की कोशिश की तो उन्हें तो यही नहीं पता की शिकायत की जांच कर कौन रहा है आज तक जांच कमेटी के मेंबरों से कुछ पूछा तक नहीं गया जिलाधिकारी महोदय बेहद ईमानदार है ओर उनकी कार्य शैली से लगता भी हैं कि वह बहुत जल्द ऐसे लोगों के खिलाफ कठोरात्मक कदम उठाएंगे??वही जब इस संबंध में सीडीओ हाथरस से जानकारी करना चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया!
इससे ऐसा प्रतीत होता है कि भ्रष्टाचार की जांच भ्रष्टाचार करके निपटा दी गई है? शिकायतकर्ता का कहना है कि वह इस शिकायत को लोकायुक्त और अगर जाना पड़ा तो माननीय उच्च न्यायालय की शरण में जाएगा और भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी के साथ-साथ मुख्य विकास अधिकारी को भी पक्षकार बनाएगा