फिरोजाबाद। नगर निगम द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक को पूर्णतः प्रतिबंधित करने के उद्देश्य से नगर आयुक्त के निर्देशन में नगरीक्षय क्षेत्र में अभियान चलाकर प्रतिबंधित पॉलीथिन का प्रयोग करने वालां के खिलाफ अभियान चलाकर जुर्माना वसूलने की कार्यवाही की जा रही है।
इसी क्रम में बुधवार को जेडएसओ संदीप भार्गव, एण्टी एसयूपी टीम लीडर मनोज कुमार के निर्देशन में नगर निगम की स्पेशल टीम एण्टी एस.यू.पी. द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग, भण्डारण करने पर डराम सिंह से दो हजार रू., गोविन्द से दो हजार रू., आशीष एक हजार, विकास जैन से रसूलपुर से तीन हजार रू. एवं साहिल सम्पतिराम हॉस्पीटल के पास से दो हजार रू. का जुर्माना बसूल किया।
प्रियंका गांधीः 25 साल प्रचार, अब उम्मीदवार..
राजनीति की ‘स्टार’ प्रियंका गांधी कुछ ही वर्षों से कांग्रेस महासचिव है। पहले यूपी की प्रभारी भी रहीं। पार्टी में इस पद के पहले उनकी शुद्ध भूमिका प्रचारक की रही। पापा (पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी) के साथ अमेठी में राजनीति का ककहरा सीखा। मां सोनिया गांधी और पापा के बालसखा कैप्टन सतीश शर्मा के प्रचार की कमान संभाल कर व्यवहारिक पाठ पढ़ा। लगातार जीत का इतिहास गढ़ा। भाई राहुल गांधी के साथ विपक्ष में जीवन को कढ़ा। ढाई दशक तक केवल और केवल परिवार और पार्टी के लिए पसीना बहाते हुए प्रियंका गांधी अब राजनीति के उस मुकाम पर पहुंच रही हैं जो हर राजनीतिक का सपना होता है। वह चाहती तो कभी का इस मुकाम पर पहुंच चुकी होतीं लेकिन परिवार की मर्यादा तोड़ी न छोड़ी। सिर्फ मां, भाई और विरासत में मिली पार्टी की सेवा ही उनके जीवन का एकमात्र लक्ष्य रहा।
हाँ! इन 25 वर्षों के प्रचार अभियान कभी मनमुताबिक मां और भाई को वोट न मिलने पर प्रियंका कार्यकर्ताओं नेताओं से नाराज भी हुई और अच्छा रिजल्ट आने पर सबकी तारीफ में भी कोई कमी नहीं की। यह उनका अपना स्टाइल है। पब्लिक से भावनात्मक और मुद्दे के रूप में ‘कनेक्ट’ करना जितना वह जानती हैं, उतना शायद ही कोई और नेता जानता हो। सोनिया गांधी के 20 वर्षों के कार्यकाल में हमने उनकी यह खूबी बहुत नजदीक से देखी है। एक अवसर तो ऐसा भी आया जब प्रियंका गांधी ने हम जैसे सामान्य पत्रकार को भी व्यक्तिगत रूप से जीत दिलाने में श्रेय देते हुए हाथ जोड़ दिए। ऐसा केवल हमारे साथ ही हो ऐसा भी नहीं। उन्होंने मां और भाई के चुनाव क्षेत्र में हर छोटे बड़े आम और खास सबका ख्याल रखा।
मोदी पर विवादित टिप्पणी करने वाले इमरान मसूद के खिलाफ आरोप तय
अजय कुमारः लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ विवादित बयान देकर सुर्खियां बटोरने वाले कांग्रेस के बड़बोले नेता इमारान मसूद पर कोर्ट का शिकंजा कसता जा रहा है। लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान सहारनपुर में दिये अपने भाषण में इमरान मसूद ने तब के बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और भाजपा नेता नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोटी-बोटी काट देने वाली अभद्र टिप्पणी की थी। जिसके पश्चात इस मामले में कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट में आरोप तय किए गए हैं, जबकि सांसद ने आरोपों इंकार किया है।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) गुलाब सिंह ने बताया कि 27 मार्च 2014 को देवबंद में चुनावी जनसभा के दौरान इमरान मसूद ने पीएम नरेंद्र मोदी पर अभद्र टिप्पणी की थी। उन्होंने दो दलित नेताओं को भी जातिसूचक शब्द कहकर संबोधित किया था। मामले में देवबंद कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने धारा 153 ए, 295ए, 504, 506, 3(1) 10 एससी/एसटी एक्ट तथा 125 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में चार्जशीट लगा दी। इमरान मसूद की ओर से आरोपों को निराधार बताते हुए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था, परंतु अदालत ने इसे पर्याप्त आधारों के अभाव में निरस्त कर दिया था।
पीएचडी छात्रों के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा के मायने
नेट पर बढ़ती निर्भरता अनजाने में भारत में शोध के दायरे को सीमित कर सकती है। अनुसंधान विचार, कार्यप्रणाली और परिप्रेक्ष्य की विविधता पर पनपता है। नेट जैसे मानकीकृत परीक्षण, जो आलोचनात्मक सोच पर याद रखने को प्राथमिकता देते हैं, ऐसे विद्वान पैदा कर सकते हैं जो परीक्षा उत्तीर्ण करने में माहिर हैं लेकिन ज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ाने की क्षमता का अभाव है, पूछताछ की यह संकीर्णता नवाचार और मूल विचारों के विकास, दोनों को सीमित कर सकती है शैक्षणिक क्षेत्रों में प्रगति के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। पीएचडी प्रवेश के लिए प्राथमिक मानदंड के रूप में राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (एनईटी) का उपयोग अकादमिक जांच और आलोचनात्मक सोच के दायरे को सीमित कर रहा है।
-प्रियंका सौरभ
नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट जिसे यूजीसी नेट या एनटीए-यूजीसी-नेट के रूप में भी जाना जाता है, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर के लेक्चररशिप के लिए योग्यता और भारतीय नागरिकों के लिए जूनियर रिसर्च फेलोशिप के पुरस्कार के लिए निर्धारित करने के लिए एक परीक्षा है।
डॉ0 हिमांशु पाठक, महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने किया केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान का भ्रमण
श्याम बिहारी भार्गवः मथुरा। केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम में डॉ0 हिमांशु पाठक, महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं सचिव डेयर, नई दिल्ली का आगमन हुआ।
महानिदेशक द्वारा जमुनापारी शेड पर स्थित नवनिर्मित बक स्टेशन का उद्घाटन किया गया उसके उपरांत संस्थान की विभिन्न बकरी एवं भेड़ परियोजनाओं का भी भ्रमण किया गया और बकरी व भेड़ की विभिन्न प्रकार की नस्लों एवं उनके रखरखाव पर चर्चा की।
संस्थान भ्रमण के उपरांत कार्यक्रम की शुरुआत माननीय महानिदेशक की संस्थान के वैज्ञानिकगण, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ गोष्ठी से हुई।
संस्थान निदेशक डॉ0 मनीष कुमार चेटली द्वारा मंच पर महानिदेशक एवं विशिष्ट अतिथि डॉ0 संजीव गुप्ता, सहायक महानिदेशक, डॉ0 पी0 के0 राय, निदेशक सरसों अनुसंधान संस्थान, भरतपुर, डॉ0 विनय भारद्वाज, निदेशक एन.आर.सी ऑन सीड एवं स्पाइसी, अजमेर का पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर एवं पटका पहनाकर स्वागत किया गया एवं बकरी की विश्व में तथा भारत में गरीबी उन्मूलन, आजीविका सृजन में योगदान की चर्चा की।
केंद्र एवं प्रदेश सरकार के तरफ से उज्ज्वला योजना की महिलाओं को मिलेगा दिवाली पर फ्री गैस सिलेंडर का लाभ
चन्दौली। जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे ने पत्र जारी करते हुये कहा कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार जनपद में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभार्थियों को निःशुल्क एलपीजी सिलेण्डर रिफिल वितरित किये जाने हेतु संबंधित एजेंसी को निर्देशित किया गया है। उन्होंने बताया कि निःशुल्क सिलेंडर वितरण की अवधि- इस योजनान्तर्गत लाभार्थियों को वित्तीय वर्ष 2024-25 के प्रथम चरण में माह अक्टूबर, 2024 से दिसम्बर, 2024 तक तथा द्वितीय चरण में जनवरी, 2025 से मार्च, 2025 तक निःशुल्क सिलेण्डर रिफिल प्रदान किया जाना है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत जनपद में 01 लाख, 97 हजार 521 लाभर्थियों को निःशुल्क गैस सिलेंडर वितरण किया जाएगा।
निःशुल्क सिलेंडर रिफिल वितरण योजना हेतु पात्रता शर्ते
पी०एम०यू०वाई० के ऐसे ए०सी०टी०सी० लाभार्थी, जिनके बैंक खाते आधार लिंक होंगे तथा जिनका आधार प्रमाणित होंगे, वही उक्त योजना हेतु पात्र होंगे। (ग) उक्त योजना प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनान्तर्गत निर्गत होने वाले डी०बी०सी० (लाभार्थी को दिए गए दूसरे सिलेण्डर कनेक्शन) पर लागू नहीं होगी।
आगरा मंडल में दिवाली और छठ के दौरान चलाई जा रहीं 80 स्पेशल ट्रेनें
आगरा। आगरा मंडल में दिवाली और छठ पूजा के दौरान मंडल रेल प्रबंधक आगरा तेज प्रकाश अग्रवाल के मार्गदर्शन में यात्रियों की सुगम आवाजाही के लिए रेल द्वारा 80 स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। इन स्पेशल ट्रेनों का संचालन 1 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच किया जा रहा है। हर साल त्योहारों के अवसर पर रेलवे द्वारा स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जाता है। इस वर्ष इन स्पेशल ट्रेनों की संख्या में भारी बढ़ोतरी की गई है।
गौरतलब है कि दिवाली और छठ पर्वों के दौरान लाखों की संख्या में यात्री सफर करते हैं। यात्रियों की भारी भीड़ को सुगम एवं आरामदायक यात्रा प्रदान करने के लिए रेलवे द्वारा इस वर्ष भी विशेष ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। जिससे बड़ी तादाद में यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने का काम करेंगी।
फिजिक्स वाला (पीडब्लू) का नया विस्तारः 77 नए लर्निंग सेंटर्स की स्थापना
कानपुर। फिजिक्स वाला (पीडब्लू) भारत की प्रमुख एडटेक कंपनी है, जिसने उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए शैक्षणिक वर्ष 25-26 में 77 नए ऑफलाइन टेक-इनेबल्ड लर्निंग सेंटर्स खोलने की घोषणा की है। आकाश श्रीवास्तव ने बताया कि ये नए सेंटर्स तमिलनाडु, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कई अन्य राज्यों में खोले जाएंगे।
इस विस्तार से पीडब्लू के ऑफलाइन सेंटर्स की कुल संख्या 126 से बढ़कर 203 हो जाएगी, जो 141 शहरों में होंगे। इस कदम का उद्देश्य खासकर टियर 2 और टियर 3 शहरों के बच्चों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुँचाना है, ताकि देश के दूर-दराज के इलाकों में भी इसका लाभ मिल सके।
शैक्षणिक वर्ष 24-25 में, पीडब्लू के विद्यापीठ और पाठशाला सेंटर्स में 2 लाख से ज्यादा छात्रों ने एडमिशन लिया, जो पीडब्लू के मिशन पर लोगों के बढ़ते भरोसे को दर्शाता है। अगले शैक्षणिक वर्ष में, पीडब्लू का लक्ष्य 2.5 लाख छात्रों को पढ़ाना है। कंपनी हर छात्र को आवश्यक गाइडेंस और संसाधन प्रदान करने पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर रही है।
डासना मंदिर के महंत यति और योगी के मंत्री सहित 12 के खिलाफ गैर जमानती वारंट
अजय कुमारः लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुए दंगे के दौरान नंगला मंदौड़ पंचायत के परिवाद के मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद, कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व मंत्री सुरेश राणा, पूर्व सांसद कुंवर भारतेंद्र समेत 12 आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। गैर जमानती वारंट जारी के के साथ ही सिविल जज सीनियर डिवीजन/विशेष एमपी एमएलए कोर्ट के पीठासीन अधिकारी देवेंद्र सिंह फौजदार ने अगली सुनवाई के लिए 29 अक्टूबर नियत की है।
गौरतलब हो, नंगला मंदौड़ इंटर कॉलेज के मैदान पर 31 अगस्त 2013 को हुई पंचायत के मामले में तत्कालीन एडीएम प्रशासन की ओर से 21 आरोपियों के खिलाफ धारा 188 में परिवाद दर्ज कराया गया था, जिसके बाद पूर्व मंत्री डॉ. संजीव बालियान, सपा सांसद हरेंद्र मलिक, पूर्व सांसद सोहनवीर सिंह, बिट्टू सिखेड़ा, श्यामपाल, पूर्व विधायक उमेश मलिक, यशपाल पंवार और साध्वी प्राची कोर्ट में पेश हुए।
कुंदरकी सीट पर चार मुस्लिम उम्मीदवार के मैदान में होने से भाजपा गदगद
संजय सक्सेनाः लखनऊ। उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर चुनाव होना हैं इसमें से कुंदरकी विधानसभा सीट के लिये सपा और बीजेपी ने अभी तक अपने-अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नहीं की है। सपा के लिये हमेशा से यह सीट फायदे का सौदा रही है। सपा मुस्लिम वोटों के सहारे यहां चुनाव आसानी से जीत जाती है, लेकिन इस बार बीजेपी मुस्लिम वोटरों में बिखराव के सहारे अपनी जीत सुनिश्चित करने में लगी है। सपा का गढ़ माने जाने वाली कुंदरकी विधानसभा सीट की राह 1993 के बाद से भाजपा के लिए हमेशा पथरीली रही है। सिर्फ 1993 में ही यहां कमल खिल सका है। 2012 से लगातार तीन चुनावों में साइकिल ही दौड़ती आ रही है। लंबे असरे बाद उपचुनाव लड़ रही बसपा ने रफतल्ला उर्फ नेता छिद्दा को प्रत्याशी घोषित किया है। बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारा है तो आजाद समाज पार्टी (आसपा) ने चांद बाबू को मैदान में उतारा है। कुंदरकी सीट पर सपा ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं यानी टिकट घोषित नहीं किए हैं। सपा से पूर्व विधायक हाजी रिजवान के चुनाव लड़ने की प्रबल उम्मीद है तो ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने यहां से मोहम्मद वारिस को उतारा है। इस तरह चार विपक्षी दलों से मुस्लिम कैंडिडेट मैदान में है, जिसके चलते मुकाबला मुस्लिम बनाम मुस्लिम कुंदरकी सीट का हो गया है। बीजेपी ने अभी टिकट घोषित नहीं किए हैं। सपा और भाजपा सभी गोटें बिछ जाने के बाद अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा करने का मूड बनाये हुए है। कुंदरकी में भाजपा डबल इंजन सरकार की ताकत लगाकर इतिहास पलटने की तैयारी में है, वह मुस्लिम मतों में सेंधमारी करने में भी जुटी है। जबकि सपा एमवाई (मुस्लिम यादव) समीकरण के सहारे फिर चुनावी वैतरणी पार करने की उम्मीद लगाए बैठी है।
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