Thursday, May 15, 2025
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स्त्रीशक्ति के हिमायती थे डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर

डॉ0 आंबेडकर महिलाओं की उन्नति के प्रबल पक्षधर थे। वे महिलाओं को हक दिलाना चाहते थे। उनका मानना था कि किसी भी समाज का मूल्यांकन इस बात से किया जाता है कि उसमें महिलाओं की क्या स्थिति है। दुनिया की लगभग आधी आबादी महिलाओं की है। इसलिए जब तक उनका समुचित विकास नहीं होता कोई भी देश चहुंमुखी विकास नहीं कर सकता। डॉ0 आंबेडकर का महिलाओं के संगठन में अत्यधिक विश्वास था। उनका कहना था कि यदि महिलाएं एकजुट हो जाएं तो समाज को सुधारने के लिए क्या नहीं कर सकती हैं। वे लोगों से कहा करते थे, कि महिलाओं और अपने बच्चों को शिक्षित कीजिए। उन्हें महत्वाकांक्षी बनाइए। उनके दिमाग में यह बात डालिए कि महान बनना उनकी नियति है। महानता केवल संघर्ष और त्याग से ही प्राप्त हो सकती है।
भारत में सवर्ण विचारकों ने जाति और महिला आंदोलन को अलग अलग करके देखा है। ऐसे विचारक महिला समस्या को स्वतंत्र समस्या मानते हैं। जबकि भारत में महिलाओं की समस्या जाति से भी जुड़ी हुई है| महिला समस्या पूरी दुनिया में है। लेकिन जाति पूरी दुनिया में नहीं है। ये भारत की विशिष्टता है।बाबासाहेब डॉ0 आंबेडकर ने भारत में जाति और महिला समस्या को जोड़कर देखा, उन्होंने 1916 में कोलम्बिया यूनिवर्सिटी में एक पेपर प्रस्तुत किया जिसका शीर्षक था दृ  ‘भारत में जातियां . संरचनाए उत्पत्ति और विकास ‘। इस पुस्तक में उन्होंने दिखाया कि जाति की मुख्य विशेषता अपनी जाति के अंदर शादी करना हैण् कोई अपनी इच्छा से शादी नहीं कर सकेए इसलिए प्रेम करने भी रोक लगाई गयी। बाबा साहेब लिखते हैं कि .यदि किसी पुरुष की मृत्यु हो जाती है| उसकी पत्नी विधवा हो जाती है। अब उस जाति में यदि कोई योग्य पार्टनर उसे नहीं मिला। तो वह बाहर सेक्स संबंध बना सकती है| वह बाहर सेक्स संबंध नहीं बना पाएए इसके लिए दो प्रबंध किये गए . सती प्रथा तथा विधवा विवाह पर रोक। सती प्रथा में उस औरत को जिन्दा जलाया जाता है। एवं विधवा के रूप में उसे जीवन भर नर्क की जिंदगी जीनी होती है। अभी सती प्रथा तो प्रचलित नहीं है। लेकिन विधवा महिला को अभी भी सम्मान की नजर से नहीं देखा जाता।
डॉ0 अम्बेडकर का काल दलित महिलाओं की अपनी व समाज की स्वतन्त्रता समानता को लेकर की गई सक्रिय व संघर्षपूर्ण भागीदारी का स्वर्ण काल है। डॅा0 अम्बेडकर के समय में चले दलित आन्दोलन में लाखों.लाख शिक्षित.अशिक्षित, घरेलू, गरीब मजदूर किसान दलित शोषित महिलायें जुड़ी। उन्होनें जिस निर्भीकता बेबाकी और उत्साह से दलित आन्दोलन में भागीदारी निभाई वह अभूतपूर्व थी। दलित महिला आन्दोलन और डॉ0 अम्बेडकर के साथ महिला आन्दोलन की सुसंगत शुरूआत 1920 से मान सकते है हालांकि सुगबुगाहट सन् 1913 से ही हो गई थी। 1920 में भारतीय बहिष्कृत परिषद की सभा कोल्हापुर नरेश छत्रपति शाहू जी महाराज की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस सभा में पहली बार दलित महिलाओं ने भाग लेकर अपनी सक्रिय भूमिका निभाई। पहली बार दलित स्त्रियों ने शिक्षा के महत्व को समझते हुए इस सभा में सौ. तुलसाबाई बनसोडे और रूकमणि बाई ने घरेलू भाषा में लड़कियों की शिक्षा पर बात रखी। उन्होने अपने विचार रखते हुए कहा कि लड़कियों की असली शक्ति शिक्षा ही है। इस परिषद में लड़कियों के लिए अनिवार्य और मुफत शिक्षा का प्रस्ताव पारित किया गया।
डॉ0 अम्बेडकर जब मात्र छः वर्ष के थे तब उनकी मां गुजर गई। मां के अभाव में कटे दिन उनके मन में स्त्री जगत के लिए हमेशा.हमेशा के लिए महत्वपूर्ण स्थान बना गए। मां की मृत्यु के बाद बालक भीमराव का पालन.पोषण उनकी अपंग बुआ ने बडे़ मनोयोग से किया। हालाकिं वह शारीरिक अपगंता के चलते घर का कुछ भी काम नहीं कर सकती थी। पर बालक भीमराव को प्यार से गोद में छिपाकर वह उसे भरपूर दुलार तो देती ही थीं। जो थोड़ी बहुत मां की ममता की कमी रही भी तो बालक भीमराव की दोनो बड़ी शादी.शुदा बहने तुलसी और मंजुला ने पूरी की। भीमराव की बुआ शरीर से बौने कद की होने के साथ उनकी पीठ पर बड़ा सा कूबड़ भी था। उस समय ऐसी कन्या के विवाह होने की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी अतः बालक भीमराव अविवाहित बुआ के प्यार भरे सान्निध्य में पले। शादी.शुदा बहने मंजुला और तुलसी दोनों बारी.बारी से घर आकर गृहस्थी के साथ बालक आनन्दराव और भीमराव का पालन करती थी।
डॉ0 अम्बेडकर के स्त्री चिंतन को प्रखर बनाने में सबसे अधिक योगदान अगर किसी का कहा जा सकता है तो वह नाम उनके पिताए बुआ और बहनों के बाद केवल उनकी पत्नी रमाबाई का ही हो सकता है। अक्सर दलित लेखक बाबा साहब का जीवन वर्णन करते समयए उनके संघर्षों को बताते समय, उनको भीमराव से बाबा साहब बनाने वाली रमाबाई के योगदान की चर्चा करना भूल जाते हैं। रमाबाई दलितों के महानायक डॉ0 अम्बेडकर नामक विशाल वृक्ष मजबूत जड़ थीए जो आंधी तूफानों से भरे संघर्षपूर्ण दिनों में उन्हें अविचल रूप से थामें मजबूती से खड़ी रही। रमाबाई के मूक बलिदान ने दलित आन्दोलन में रक्त प्रवाह का कार्य किया है।
डॉ0 अम्बेडकर के पढ़ने की क्षुधा को अपने खून पसीने से एक कर, रात.दिन कमा कर, एकांकी जीवन जीते हुए, उपले पाथते हुए, रात.दिन घर में खटते हुए वह रमाबाई ही थी जिसने डॉण् अम्बेडकर के अन्दर ज्ञान की कभी न मिटने वाली प्यास को धनाभाव के कारण बुझने नहीं दिया। जिस समय रमाबाई का विवाह हुआ उस समय रमाबाई को पढ़ना नही आता था। डॉ0 अम्बेडकर ने उन्हें पढ़ना.लिखना सीखा। रमाबाई अक्सर डॉ0 अम्बेडकर द्वारा किए जा रहे कार्यों पर बातचीत करती व अपनी उचित सलाह दिया करती थी। डॉ0 अम्बेडकर उन्हें दलित महिलाओं की सभा में अवश्य ले जाया करते थे। 29 जनवरी 1928 मुंबई में रमाबाई को दलित महिला की परिषद् में अध्यक्ष पद के लिए चुना गया और उन्होने अध्यक्ष के पद को बड़ी बखूबी से संभाला। महाड़ सत्याग्रह के बाद सौभाग्य सहस्र बुद्धे और रमाबाई अम्बेडकर ने सवर्ण स्त्रियों की तरह दलित महिलाओं को साड़ी बांधना सिखाया।
वायसराय की कार्यकारी परिषद में श्रम सदस्य रहते हुए डॉ0 आंबेडकर ने पहली बार महिलाओं के लिए प्रसूति अवकाश (मैटरनल लीव ) की व्यवस्था की। संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में संविधान निर्माताओं में उनकी अहम भूमिका थी। संविधान में सभी नागरिकों को बराबर का हक दिया गया है। संविधान के अनुच्छेद 14 में यह प्रावधान है कि किसी भी नागरिक के साथ लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता। आजादी मिलने के साथ ही महिलाओं की स्थिति में सुधार शुरू हुआ। आजाद भारत के पहले कानून मंत्री के रूप में उन्होंने महिला सशक्तीकरण के लिए कई कदम उठाए। सन् 1951 में उन्होंने  “हिंदू कोड बिल” संसद में पेश किया।
डॉण् आंबेडकर का मानना था कि सही मायने में प्रजातंत्र तब आएगा जब महिलाओं को पैतृक संपत्ति में बराबरी का हिस्सा मिलेगा और उन्हें पुरुषों के समान अधिकार दिए जाएंगे। उनका दृढ़ विश्वास कि महिलाओं की उन्नति तभी संभव होगी जब उन्हें घर परिवार और समाज में बराबरी का दर्जा मिलेगा। शिक्षा और आर्थिक तरक्की उन्हें सामाजिक बराबरी दिलाने में मदद करेगी।

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धर्म,आस्था और संस्कृति का संगम है महाकुम्भ:सतपाल  महाराज

हरिद्वार| उत्तराखंड के पर्यटन संस्कृति कैबिनेट मंत्री एवं सुप्रसिद्ध समाजसेवी  सतपाल  महाराज ने कहा कि कुम्भ महापर्व सदियों से चला आ रहा है भारतीय सनातन संस्कृति का अद्वितीय महापर्व है जिसका अमृतमय सन्देश आत्मसात करके ही विश्व को विनाश से बचाया जा सकता है। महाराज  ने प्रेमनगर आश्रम स्थितगोवर्धन हॉल में आयोजित विशाल अध्यात्म-योग-साधना शिविर के दूसरे दिन श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें कोविड-19 के सभी नियमों का पालन करते हुए अपने दैनिक तथा सामाजिक कार्यों  को करने की आदत बनानी है। महाराज ने कहा कि भारत के ऋषि-महऋषियों एवं धर्म शास्त्रों के ज्ञान का मूल है कि समस्त प्राणियों के श्वांस-प्रश्वांस में समाये प्रभु-नाम के अध्यात्म तत्व-ज्ञान से ही मानव के विनाश कारी मन पर काबू किया जा सकता है।

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चुनाव वाले दिन कारखानों में रहेगा अवकाश

हाथरस। जिला मजिस्ट्रेट/जिला निर्वाचन अधिकारी पंचायत एवं नगरीय निकाय ने अवगत कराया है कि त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2021 के अन्तर्गत जनपद में प्रधान ग्राम पंचायत, सदस्य ग्राम पंचायत, सदस्य क्षेत्र पंचायत एवं सदस्य जिला पंचायत के निर्वाचन हेतु मतदान 15 अप्रैल को प्रथम चरण में होना है।

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पंचायत चुनाव में वाहनों का अधिग्रहण,पुलिस कप्तान ने दिये निर्देश

हाथरस। पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल द्वारा पुलिस लाइन स्थित परिवहन शाखा का निरीक्षण कर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उपयोग होने वाले वाहनो की समीक्षा की गई । इस दौरान प्रतिसार निरीक्षक पुलिस लाइन बिहारी सिंह यादव, प्रभारी परिवहन शाखा बच्चू सिंह एवं पीआरओ पुलिस अधीक्षक योगेश सिरोही मौजूद रहें। इस दौरान पुलिस अधीक्षक द्वारा त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव सकुशल व निष्पक्ष सम्पन्न कराये जाने के दृष्टिगत सुरक्षा व्यवस्था हेतु बनाये गए क्लस्टर मोबाइल, थाना रिजर्व मोबाइल व क्यूआरटी वाहनो की उपलब्धता व मांग के सम्बन्ध में परिवहन शाखा प्रभारी से जानकारी की गई।

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बुखार ने ले ली वृद्धा की जान,झोला छाप पर आरोप

हाथरस।  हाथरस जक्शन क्षेत्र के गांव वाहनपुर में एक झोलाछाप डॉक्टर के उपचार के बाद वृद्ध महिला की हालत बिगड़ी तो उसको बांगला जिला अस्पताल लाया गया। यहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बताया गया कि वृद्ध महिला का उपचार गांव का ही एक झोलाछाप डॉक्टर कर रहा था। मिली जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के गांव मोहनपुर निवासी 62 वर्षीय कुसमा देवी पत्नी अमर सिंह की दो दिन पूर्व हालत बिगड़ी तो उसको तेज बुखार होने के कारण गांव के ही डॉक्टर पर उसे ले गए। झोलाछाप डॉक्टर द्वारा उसे उपचार दिया गया।

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रायफल व तमंचों के साथ 3 दबोचे

सादाबाद। पुलिस कप्तान के निर्देश पर जनपद की पुलिस द्वारा अपराधियों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत कोतवाली पुलिस द्वारा अलग-अलग स्थानों से तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 2 तमंचा व एक राइफल बरामद की गई है। कोतवाली प्रभारी डीके सिसोदिया ने जानकारी देते हुए बताया कि कोतवाली पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत एक शातिर आरोपी जमील पुत्र बेदारी खां निवासी गांव बरोस को गिरफ्तार किया गया है और इसके कब्जे से एक रायफल व दो जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं।

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पुलिस कप्तान ने फोर्स के साथ किया फ्लैग मार्च

हाथरस। पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को शान्तिपूर्ण वातावरण में सकुशल व निष्पक्ष सम्पन्न कराने के दृष्टिगत तथा कानून व शान्ति व्यवस्था को सुदृढ़ बनाये रखने हेतु भारी संख्या में पुलिस बल व पीएसी बल के साथ संवेदनशील ग्राम कोटा, महामौनी, कोरना, कुंवरपुर आदि में फ्लैग मार्च किया गया। इस दौरान फ्लैग मार्च में उपजिलाधिकारी सदर अंजली गंगवार, क्षेत्राधिकारी सादाबाद ब्रह्म सिंह, प्रभारी निरीक्षक थाना मुरसान शिवकुमार शर्मा, प्रभारी निरीक्षक सादाबाद डीके सिसोदिया, प्रभारी निरीक्षक चन्दपा  नीता रानी, प्रभारी निरीक्षक सहपऊ सत्य प्रकाश सिंह मय पुलिस फोर्स एवं पीएसी बल मौजूद रहे।

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आबकारी विभाग की टोल प्लाजा व ढाबों पर चेकिंग

हाथरस। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के चलते जिला अधिकारी रमेश रंजन एवं पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल के निर्देश पर आबकारी  विभाग द्वारा जनपद भर में चलाए जा रहे अभियान के तहत बीती रात्रि को जिला आबकारी अधिकारी के नेतृत्व में आबकारी विभाग की टीम द्वारा टोल प्लाजा पर वाहनों की चेकिंग की गई और पंचायत चुनाव में शराब आदि का इस्तेमाल न हो के लिए गाड़ियों व संदिग्ध लोगों को चेक किया गया। जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार के पर्यवेक्षण में आवकारी निरीक्षक संजय चंद्रा के नेतृत्व में आबकारी टीम द्वारा सादाबाद तहसील स्थित बरोस टोल प्लाजा पर वाहनों की सघन चेकिंग की गई।

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भगवान परशुराम की विशाल शोभायात्रा कल

हाथरस। विप्र शिरोमणि भगवान परशुराम की जयंती के उपलक्ष में ब्राह्मण महासभा के तत्वावधान में कल 13 अप्रैल को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को विशाल एवं भव्य शोभायात्रा शहर में निकलेगी और शोभायात्रा में सभी विप्र बंधुओं एवं शहर की जनता से शामिल होने की अपील की गई है। उक्त संबंध में जानकारी देते हुए श्री ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष रवि रंजन द्विवेदी एडवोकेट, शोभा यात्रा संयोजक राजेश शर्मा ‘राजू’ एवं ब्राह्मण शिविर संयोजक विशाल सारस्वत ने बताया है कि विप्र शिरोमणि भगवान परशुराम की शोभायात्रा कल 13 अप्रैल को भारी धूमधाम के साथ आगरा रोड स्थित चित्रकूट व्यायामशाला से सायं 5 बजे प्रारंभ होगी और शोभा यात्रा का उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं सादाबाद विधायक रामवीर उपाध्याय द्वारा किया जाएगा। उन्होंने समस्त ब्राह्मण समाज एवं शहर की जनता से अनुरोध किया है कि शोभायात्रा में भारी संख्या में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित करें।

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तमंचा, कारतूस सहित गिरफ्तार

हाथरस। कोतवाली सदर पुलिस द्वारा अपराधियों पर चलाए जा रहे अभियान के तहत सागर पुत्र त्रिलोकीनाथ निवासी भगत सिंह कॉलोनी सादाबाद को एक नाजायज तमंचा व दो कारतूस सहित गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में कोतवाली प्रभारी अरविंद कुमार राठी, एसआई राजेश कुमार यादव, हैड कांस्टेबल अफसर शामिल थे।

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