Thursday, January 30, 2025
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मनोरंजन

‘तेनाली रामा’ में मिनिषा लाम्बा की विषकन्या के रूप में हुईं एंट्री

‘तेनाली रामा’ के चाहने वालों के लिये एक नया ट्विस्ट इंतजार कर रहा है। दुश्मन राज्य विजयनगर के राजा कृष्णदेव राय को नुकसान पहुंचाने के लिये एक गुप्तघाती को भेजा गया है।
बाॅलीवुड की खूबसूरत अभिनेत्री मिनिषा लाम्बा छल से हत्या करने वाली चंद्रकला का किरदार निभा रही हैं। वह एक विषकन्या है, जिसके खून में जहर है। चंद्रकला एक सुंदर महिला है और वह अपनी संुदरता से अपने दुश्मनों को जाल में फंसा सकती है। बहुत ही छोटी उम्र से उसे थोड़ा-थोड़ा जहर खाने में दिया जाता है और उस जहर के काट को भी। इस वजह से ही वह जहर को पचा लेती है। समय के साथ-साथ उसका शरीर जहरीला बन गया है।
चंद्रकला विजयनगर पहुंचती है और राजा के करीब जाने का जाल बिछाती है। वह तथाचार्य (पंकज बेरी) को महल में घुसने का माध्यम बनाती है। राजा की हत्या को अंजाम देने के लिये वह रानी तिरूमलम्बा से दोस्ती कर लेती है! रूप बदलने में माहिर चंद्रकला कई अलग-अलग रूप धारण करती है, वह अपने काम को पूरा करने के लिये किसी भी हद तक जा सकती है।
क्या चंद्रकला अपने दुश्ट इरादों में सफल हो पायेगी? क्या तेनाली रामा उसके छुपे इरादों को समझ पायेगा और राजा को बचा पायेगा?

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मातृभाषा दिवस पर अभिनेत्री-निर्माता नीतू चंद्रा जारी करेंगी एक गीत

मुंबईः जन सामना ब्यूरो। अभिनेत्री- निर्माता नीतू चंद्र जल्द ही अपने नए भोजपुरी गीत को अपने यूट्यूब चैनल पर, जिसे पहले नियो बिहार के नाम से जाना जाता था, रिलीज करेंगी। उनके भाई और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक नितिन चंद्रा द्वारा निर्देशित इस गीत का लक्ष्य भोजपुरी भाषा और इसकी समृद्ध संस्कृति के महत्व को बताना है। इस गीत को दुनिया भर में मातृभाषा दिवस पर रिलीज किया जाएगा। गीत के बारे में नीतू चन्द्रा कहती हैं, मुझे इस पर गर्व है कि डिजिटल प्लेटफाॅर्म पर इस वीडियो को रिलीज कर के मुझे अपनी जड़ से जुड़ने का अवसर मिला है। मैं दुनिया को अपनी मातृभाषा भोजपुरी से रूबरू करना चाहती हूं, ताकि दुनिया भर के लोग इस भाषा की जीवंतता और समृद्ध संस्कृति के बारे में जान सके।
भारत, अमरीका, संयुक्त अरब अमीरात, कनाडा, सिंगापुर, नीदर लैंड, आॅस्ट्रेलिया और ब्रिटेन सहित आठ देशों में इस गीत के लिए वीडियो शूट किया जा रहा है। ये उस गर्व को दर्शाता है, जो नीतू चन्द्रा को अपनी मातृभाषा भोजपुरी को ले कर है। नीतू चन्द्रा हमेशा अपनी मातृभाषा का समर्थन करने वाली अभिनेत्री के रूप में जानी जाती है। नीतू हमेशा बिहार और दुनिया के दूसरे हिस्सों में रहने वाले भोजपुरी भाषी लोगों को अपनी मातृभाषा पर गर्व महसूस करने की वजह देती है। डिजिटली इस गाने को रिलीज करने के बारे में नीतू का मानना है कि डिजिटलीकरण के कारण यह गीत दुनिया भर के दर्शकों के लिए सुलभ हो सकेगा और यही उनका मकसद भी है।

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कुंती और परी के बीच है ऑफ-स्क्रीन बहुत ही प्यारा संबंध

स्टार भारत की सबसे प्यारी माँ ‘क्या हाल मिस्टर पांचाल’ की कंचन गुप्ता उर्फ कुंती देवी ने अपने कन्हैया (मनिंदर सिंह) की परफेक्ट मईया होकर अपने दर्शकों के दिलों को जीत लिया है। वे केवल ऑन-स्क्रीन ही लोकप्रिय नहीं हैं बल्कि सेट पर भी उनके ढेरों प्रशंसक हैं। उनकी तारीफ उनके को-स्टार्स भी करते हैं, विशेष रूप से परी का किरदार निभा रहीं ओजस्वी आरोड़ा। ओजस्वी को उनकी ऑन-स्क्रीन माँ बहुत प्यार करती हैं। कुंती (कंचन गुप्ता) और परी (ओजस्वी अरोड़ा) के बीच बहुत प्यारा संबंध है। कुंती सेट पर परी की सभी समस्याओं का समाधान सुझाने वाली व्यक्ति हैं। कुंती ने हाल ही में परी द्वारा सोशल मीडिया पर शुरू की गई कॉमेडी वाइन्स में भी उनकी मदद की है।
शो में परी की भूमिका निभा रहीं ओजस्वी आरोड़ा कहती हैं, ‘‘कंचन जी और मैं कुछ विशेष साझा करते हैं। मेरी माँ मुंबई में नहीं रहती हैं लेकिन कंचन जी के साथ समय बिताते हुए मुझे लगता है कि मैं घर पर ही हूँ। मैं उन्हें अपनी वंडर-वुमन कहती हूँ क्योंकि वे बहुत मजबूत और बहुत प्यारी महिला हैं। साथ में लंच करने से लेकर जरूरत पड़ने पर माँ की तरह गले लगने तक और डायलाग के रिहर्सल तक वह मेरे शूटिंग जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गईं हैं।

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काल भैरव रहस्य के सेट पर सबकी चहेती हैं सरगुन कौर

सेट पर सबसे कम उम्र का होने के अपने फायदे हैं। सब लोग हमेशा छोटे और मासूम लोगों को लाड़ प्यार करते हैं। ‘काल भैरव रहस्य’ में गौरी का किरदार निभा रहीं सरगुन कौर को सेट पर सबसे कम की उम्र के होने का फायदा मिलता है। सरगुन अपने परिवार से दूर अकेले मुंबई में रहती हैं। जबकि उनका परिवार दिल्ली में रहता है। शो के कलाकार राहुल शर्मा (राहुल), छवि पाण्डेय (नम्रता) और माधवी गोगटे (कलावती) अपने परिवार के सदस्य की तरह सरगुन का विशेष ख्याल रखते हैं। उनका चुलबुला व्यक्तित्व सभी को भाता है। लेकिन अपने काम को लेकर वे बहुत ही गंभीर हैं। सरगुन अपनी भूमिका के लिए अपना सौ फीसदी देने में कोई कसर नहीं छोड़तीं. कुछ ही समय में वह दर्शकों के साथ-साथ सेट पर भी सबकी चहेती बन गई हैं।
इस बारे में सरगुन कहती हैं, “मुझे उन लोगों से घिरा होना अच्छा लगता है जो मेरी चिंता करते हैं, मेरा ध्यान रखते हैं। चूंकि मैं अपने परिवार के साथ नहीं रहती हूँ इसलिए सेट पर हर कोई मेरा ज्यादा ध्यान रखता है। वे मुझे ऐसा महसूस कराते हैं जैसे मैं घर पर हूँ। यह सभी का प्यार और देखभाल ही है जो मुझे सेट पर इतना सकारात्मक रखता है।

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सोनी सब के ‘तेनाली रामा’ में रामा को छोड़ना पड़ेगा विजयनगर

दर्शकों का चहेता रामा हमेशा उन मुश्किल कामों को पूरा करने में सफल रहा है, जो उसे सौंपा गया। चाहे वह अपने दुश्मनों से जीतने की बात हो या फिर कोई कठिन मामला सुलझाने की। अब टेलीविजन के पसंदीदा रामा के लिये इस हफ्ते एक और मुश्किल चुनौती इंतजार कर रही है!
आगामी एपिसोड में हम देखेंगे कि विजयनगर का रहने वाला एक व्यक्ति विश्वनाथ घोड़ागाड़ी चलाने वाले प्रसाद की शिकायत लेकर पहुंचता है। वह कहता है कि उसकी पत्नी को प्रसव के समय उसने मदद नहीं की, जिसकी वजह से बच्चे के जन्म में परेशानी आई। विश्वनाथ ने अपने जीवन की सारी जमापूंजी अपनी पत्नी के इलाज में लगा दिया। अब विश्वनाथ चाहता है कि प्रसाद वह सारा पैसा दे जो उसने खर्च किया है।
रामा (कृष्ण भारद्वाज) प्रसाद को सलाह देता है कि उसे विश्वनाथ को पैसे दे देने चाहिये। लेकिन इससे पहले कि राजा कृष्णदेव राय (मानव गोहिल) अपना फैसला सुनाते, कालुरी नाम का एक व्यक्ति दरबार में पहुंचता है और साबित कर देता है कि रामा की सलाह गलत थी। इसकी जगह वह राजा कृष्णदेव राय को हर हफ्ते इस तरह के मामले सुलझाने के लिये परिवार दरबार लगाने का सुझाव देता है। राजा प्रभावित होते हैं और कालुरी को एक इनाम देते हैं। कालुरी, रामा को उसके बचपन के नाम से बुलाता है, इससे रामा को आश्चर्य होता है कि आखिर कालुरी (अभिषेक रावत) है कौन।
राजा कृष्णदेव राय दोनों के बीच प्रतियोगिता की घोषणा करते हैं। वह एक परिवार दरबार लगाने का फैसला करते हैं। सभी मामले रामा और कालुरी के सामने रखे जायेंगे, जो भी बेहतर सलाह देगा, जीत उसकी होगी।
पहले मामले में राजा कृष्णदेवराय, रामा और कालुरी दोनों की सलाह से सहमत होते हैं और वह दोनों के एक-एक बात को मान लेते हैं। एक दूसरा मामला वरूणमाला का आता है, जिसमें रामा एक अंक से आगे हो जाता है। अगले मामले में दो दंपती दरबार में एक बच्चे के साथ आते हैं। एक उसके जन्मदाता होते हैं और दूसरे उसे पालने वाले। राजा कृष्णदेवराय, कालुरी के तर्कों से सहमत होते हैं और यह घोषणा करते हैं कि बच्चे को अपने जन्मदाता के साथ ही रहना चाहिये। रामा यह अन्याय देखकर दरबार छोड़कर चला जाता है और विजयनगर के प्रमुख सलाहकार के पद से त्यागपत्र दे देता है।
क्या रामा और उसका परिवार विजयनगर छोड़कर चले जायेंगे? क्या राजा कृष्णदेवराय कालुरी की ईष्र्या को देख पायेंगे? किस तरह रानी, रामा की मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी?

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रेखा भारद्वाज के म्यूजिक वीडियो में अभिनय करेंगी अभिनेत्री नीतू चंद्रा

रेखाजी के साथ काम करना सपना सच होने जैसा है: नीतू चंद्रा
मुंबईः जन सामना ब्यूरो। राहत फतेह अली खान की सुपर सल्सेसफुल रोमांटिक म्यूजिक वीडियो बंजारे में अभिनय करने के बाद, अभिनेत्री नीतू चंद्रा जल्द ही गायक रेखा भारद्वाज के म्यूजिक वीडियो में नजर आएंगी। इस म्यूजिक वीडियो को संगीतकार अनुपमा राग द्वारा कंपोज किया जाएगा। नीतू इस म्यूजिक वीडियो के लिए लास एंजेल्स में शूटिंग करेंगी।
गायिका रेखा भारद्वाज के साथ काम करने के बारे में नीतू कहती हैं, रेखा जी हमेशा मेरी पसंदीदा गायकों में से एक रही हैं। उनके साथ काम करने का मेरा सपना रहा है। मैं इस अवसर को खोना नहीं चाहती थी। उन जैसी महान कलाकार के साथ काम करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। उनकी शैली मेरी ऑल टाइम फेवरिट रही है।
यह पहली बार नहीं है कि दोनों एक साथ काम कर रहे हैं। नीतू और रेखा जी पहले भी थियेटर प्ले ‘उमराव जान’ के लिए मिल कर काम कर चुके हैं। इसमें नीतू ने उमराव जान का किरदार निभाया था और रेखा जी ने संगीत दिया था।

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प्रेमियों के अनकहे दर्द को बयाँ करता लक्की राज की आवाज में ‘तुम बिन लागे न जिया’: राज महाजन

दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर का लिखा यह है पहला गीत
प्रसिद्ध म्यूजिक लेबल मोक्ष म्यूजिक कंपनी ने रिलीज किया बहुप्रतीक्षित गाना “तुम बिन लागे न जिया”, जिसको अपनी रूहानियत भरी आवाज से मधुर बनाया गायक लक्की राज ने। जिस गहराई और दर्द से लक्की राज ने इसे गाया है। लक्की राज के गाये इस गाने को सुनकर वाकई में रोंगटे खड़े हो जाते हैं। बेहतरीन धुन से बंधा यह गाना प्रेमियों की तड़प और विरह को जाहिर करता है।
इस बारे में लक्की राज ने बताया, ‘यह मेरा पहला गाना था तो जाहिर सी बात है कि मैं काफी नर्वस था। परन्तु, अब जब यह आप सब के सामने आ गया है, तो प्यार देखकर मैं काफी खुश हूँ। मैं राज महाजन सर का धन्यवाद करता हूँ, इतना सुन्दर गाना मुझे देने के लिए। जबसे इसे रिकाॅर्ड है तभी से हर जगह इसे ही गुनगुनाता रहता हूँ. तुम बिन लागे न जिया…करूँ कासे बतियाँ ओ पिया.’ मुझे चारों तरफ से शुभकामनायें मिल रही हैं।
आपको बता दें कि लक्की राज को गाॅडफादर के तौर पर राज महाजन प्रमोट कर रहे हैं है। कुछ समय पहले लक्की ने मोक्ष म्यूजिक कंपनी के साथ 4 साल का काॅन्ट्रैक्ट साइन किया है। लक्की राज के नाम में ‘राज’ शीर्षक राज महाजन ने अपने नाम से दिया है और इस प्रकार लक्की को राज महाजन ने अपना नाम भी दिया है।
इस गाने का सर्वश्रेष्ठ हिस्सा है इसके बोल, ‘तुम बिन लागे न जिया’ निकला है दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर समीर श्रीवास्तव की कलम से। वैसे तो समीर लाजपत नगर थाने में एडिशनल एसएचओ हैं और लिखना उनका शौक है। इस बारे में उन्होंने बताया, ‘वैसे काम के चलते समय कम ही मिलता है। लेकिन लिखना मुझे काफी अच्छा लगता है। राज साहब मेरे काफी अच्छे मित्र हैं। एक दिन हम यूहीं साथ बैठे थे। राज अपने स्टूडियो में एक धुन गुनगुना रहे थे, और उन्होंने मुझे धुन पर लिखने को कहा। बस वहीं से शुरुआत हुई इस गाने की। देखा जाए तो यह मेरा भी पहला गाना है। मैं भी नर्वस हूँ।”

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ब्रॉडवे ने किया ‘मुगल-ए-आजमः द म्यूजिकल’ को सम्मानित

⇒मुगल-ए-आजमः द म्यूजिकल’ सर्वश्रेष्ठ भारतीय नाटक घोषित
⇒अधिकांश ब्रॉडवे पुरस्कार डाला झोली में 14 ब्रॉडवे वर्ल्ड इंडिया अवार्ड्स में से 7 पुरस्कार जीते
मुंबईः जन सामना ब्यूरो। अभी तक का भारत का सबसे बड़ा और असाधारण नाटक- मुगल-ए-आजमः द म्यूजिकल ने न केवल दर्शकों का प्यार और प्रशंसा हासिल किया है, बल्कि इसने प्रतिष्ठित ब्रॉडवे वर्ल्ड इंडिया अवार्ड्स 2017 जैसा शीर्ष सम्मान भी हासिल कर लिया है।
‘मुगल-ए-आजमः द म्यूजिकल’ ने सात पुरस्कार हासिल किए, जिसमें सर्वश्रेष्ठ प्ले (शापोर जी पालोन जी व एन.सी.पी.ए), फिरोज अब्बास खान को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, मयूरी उपाध्याय को सर्वश्रेष्ठ ओरिजिनल कोरियोग्राफी, मनीष मल्होत्रा को सर्वश्रेष्ठ ओरिजिनल कॉस्ट्यूम डिजाइन, बेस्ट एन्सेंबल कास्ट, बेस्ट ओरिजिनल लाइट डिजाइन के लिए डेविड लैंडर और नील पटेल को सर्वश्रेष्ठ ओरिजिनल सेट डिजाइन जैसे सात पुरस्कार शामिल है।
निर्देशक फिरोज अब्बास खान कहते हैं, ‘मैं इन पुरस्कारों से अभिभूत हूं. यह उन असाधारण कलाकारों और टीम का ही कमाल है, जिन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया ताकि दुनिया हमारी सबसे बेहतर प्रस्तुति का अनुभव कर सके। मुगल-ए-आजमरू द म्यूजिकल वास्तव में भारत का गर्व है. पूरी टीम की ओर से मैं इस सम्मान के लिए भारतीय दर्शकों और ब्रॉडवे वर्ल्ड को धन्यवाद देना चाहता हूं।’
दीपेश साल्गिया (क्रिएटिव एंड स्ट्रैटेजिक विजनः मुगल-ए-आजम) कहते हैं, ‘आपके पहले थियेटर प्रोड्क्शन के लिए अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिलना एक दुर्लभ उपलब्धि है। यह शापोर जी पालोन जी और पूरे मुगल-ए-आजम टीम के लिए गर्व का क्षण है।

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छिपा ली हँसते हुए पेट की मरोड़….

नई दिल्लीः जन सामना ब्यूरो। भारतीय साहित्यिक विकास मंच और अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य सभा- दिल्ली शाखा के संयुक्त तत्वावधान में दिल्ली के श्रीनिवासपुरी में आयोजित काव्य गोष्ठी /निशिस्त का शानदार आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता बेहतरीन शायर आदरणीय मनोज बेताब ने की एवं मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई दूरदर्शन प्रोग्राम मेनेजर श्रीकांत सक्सेना ने विशिष्ठ अतिथि रहे मशहूर शायर कमर बादरपुरी एवं यशपाल सिंह कपूर एवं अहिसास समूह के संगठन सचिव वीरेंद्र बत्रा । सभी अतिथियों द्वारा माँ शारदे के चित्र के समुख दीप प्रज्ज्वलि करने के उपरान्त दो सरस्वती पुत्रियों भव्या शर्मा एवं निशिता शर्मा दोनों बालिकाओं ने माँ शारदे की वंदना सुन्दर स्वर में की। विशिष्ठ अतिथि वीरेंद्र बत्रा ने अहिसास समूह के बारे में सभी साथियों को बतलाया कि यह साहित्यिक संस्था किस प्रकार से साहित्य को समर्पित हैं। दिल्ली और उसके आस पास से काव्य संध्या में आये लगभग 50 से अधिक कवि कवियत्रियों ने अपना शानदार काव्य पाठ किया। देश के जाने माने शायरों और कवियों की उपस्थिति ने समारोह को भव्यता प्रदान की। मुम्बई से त्रिभवन काल, लखनऊ से भुपेन्द्र सिंह, सिरसा से गोबिन्द चांदना और सुरेन्द्र इंसान तशरीफ लाए तो गाजियाबाद से जगदीश मीणा जी, दीपक भारतवासी, प्रभा शर्मा ने समारोह को गौरान्वित किया। फरीदाबाद से जाने माने शायर संजय तन्हा, अजय अक्स जी, अनहद गुँजन और नोएडा से सूक्ष्मलता महाजन की शानदार उपस्थिति दर्ज हुई। कार्यक्रम के आयोजक के तौर पर आदरणीय विजय स्वर्णकार, गुरचरन मेहता, फैज बदायूनी, माधुरी स्वर्णकार और ममता लड़ीवाल का योगदान सराहनीय रहा। दिल्ली से जनाब समर बुगारस्वी, कवि एवं पत्रकार संजय कुमार गिरि, गौरव त्रिवेदी, वीरेंद्र बत्रा, राजेश मयंक, भुपेन्द्र राघव, चैतन्य चन्दन, मजाज अमरोही साहब, महबूब आमीन श्रीकांत सक्सेना, प्रेम बरेलवी, यशपाल कपूर, रेणुजा सारस्वत, दिनेश उपाध्याय कमर बदरपुरी साहब, खुमार देहलवी साहब, सुन्दर सिंह , सूफी गुलफाम शाहजहाँपुरी साहब, इमरान धामपुरी, अख्तर गोरखपुरी, विनय सक्सेना ने कार्यक्रम को नई ऊँचाइयाँ दी।
कमर बदरपुरी साहब ने अर्ज किया हरेक मिसरा लहू से सींचते हैं, गजल कहना कोई आसान है क्या…

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समाज की दशा और दिशा बदल देगीः हिंदी फीचर फिल्म- पहल

सामाजिक तानों-बानों पर यों तो ढेरों फिल्में बन चुकी हैं, परन्तु समाज को एक नई दशा और दिशा देगी हिंदी फीचर फिल्म – पहल। इक्का-दुक्का सामाजिक फिल्मों को छोड़ दें तो पता चलेगा कि इस तरह की अधिकांश फिल्में सिनेमाघरों में अपना जादू अच्छे से नहीं दिखा पाईं हैं पर वे लम्बें समय तक पसंद की गईं और की जा रही हैं। लेकिन ‘पहल’ एक ऐसी फिल्म होगी जो सिनेमाघरों में अपना भरपूर जादू भी दिखायेगी और फिल्म जगत में हमेशा एक मिसाल बनी रहेगी।
इस फिल्म में वह सब दर्शाया गया है कि कैसे एक पिछड़ा समाज निम्नस्तर से उच्चश्रेणी में पहुंच सकता है। मुख्यभूमिका में राजशेखर साहनी हैं और इनका साथ दिया है प्रियंका रघुवंशी ने इन दोनों ने ही अपनी – अपनी भूमिका उम्दा तरीके से निभाई है। कहने को लगभग दोनों ही फिल्म जगत में नवोदित हैं पर इनके अभिनय को देखकर कोई इन्हें नवसिखिया नहीं कह सकेगा।
निकट भविष्य में ढेर सारे राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में अवार्ड जीतेगी ‘पहल’… हालांकि हम शत – प्रतिशत यह दावा नहीं कर सकते कि आधुनिक शहरीजन इस फिल्म को पसंद करेंगे ही करेंगे। लेकिन अगर वे दूर देहात, जंगल, पहाड़, नदियां, तालाब देखने के शौकीन हैं अथवा थोडे – बहुत प्रकृति प्रेमी हैं तो न चाहते हुए भी शहरीजन भी इस फिल्म को देखने के लिये मजबूर हो जायेंगे।
सभी कलाकारों के अभिनय की अगर बात करें तो सारे ही कलाकारों ने कमाल का काम किया है। भले ही वे बड़े कलाकार नहीं हैं, लेकिन उनके अभिनय को देखकर फिल्म जगत के अच्छे – अच्छे दिग्गज भी सराहना करते नजर आयेंगे।

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