बिहार के छोटे से शहर सहरसा का एक लड़का इन दिनों मुंबई की माया नगरी में फिल्म निर्देशन के जरिए अपनी धाक जमा रहा है जिसका नाम है अमृत सिन्हा। अमृत सिन्हा ने रंगमंच के द्वारा फिल्मों का सफर तय किया है। अमृत सिन्हा ने महज दो वर्ष पूर्व तनय इंटरनेशनल फिल्म प्रोडक्शन हाउस की नीव रखी थी जो आज सफलता का पर्याय साबित हुआ है। विगत वर्ष 2016 में आयी अमृत सिन्हा और आनंद दाय गुप्ता की फिल्म खजुरवाटिका फिल्म का प्रदर्शन भी देश सहित अंतरराष्ट्रीय मंचो पर किया गया था। इस फिल्म में खजुराहो में बने पोराणिक मंदिर की मूर्तिकला को व उससे जुड़े तथ्यों का फिल्मांकन किया गया था। इसके बाद 2017 इसी फिल्म का नाम व पटकथा परिवर्तन करके नयी खजुरवाटिका फिल्म का निर्माण हुआ जो विश्व पटल पर काफी सराही गयी। जोकि काफी फिल्म अवार्ड अपने नाम कर पाने में सफल रही। फिर 2017 में आयी फिल्म रक्तप्रदाता जीवनदाता जोकि हैदराबाद के ब्लड डोनर पर आधारित थी जिसमें रक्तदान के प्रति जागरूकता दिखाई गयी थी। इसी क्रम में अमृत की दूसरी फिल्म ए शॉल देट बीट्स आयी जोकि खाने की बर्बादी के प्रति जागरूकता फैलाती फिल्म थी। यह दोनों सामाजिक फिल्में अवार्ड के लिये बेस्ट फिल्म के नाम से नॉमीनेट हो चुकी है। और अब अमृत सिन्हा और शौर्य सिंह की दो घंटे दस मिनट अवधि की फिल्म ‘‘फैरस’’ चर्चा में हैं जोकि आज के परिदृश्य में देश में बढ़ते क्राईम पर आधारित है जिसमें मुख्य भूमिका में वॉलीवुड के चर्चित अभिनेता विजय राज, जाकिर हुसैन, गोपाल सिंह, विक्रमजीत, पंकज झा, राहुल सिन्हा, दियांश शर्मा व मीरा जोशी हैं। अमृत सिन्हा कम समय में अपनी बेमिसाल फिल्मों के जरिए दर्जनों फिल्म फेस्टिवल जैसे- मियामी इपीक ट्रेलर फेस्टिवल, इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, आचार्य तुलसी शार्ट फिल्म फेस्टिवल,चिल्ड्रन एनीमेशन अवार्ड, इंटरनैशनल फिल्म फेस्टिवल ओडिशा, में प्रतिभागी बन चुके हैं और उनकी फिल्में कई श्रेणी में शामिल हो चुकी हैं। अमृत सिन्हा का कहना है कि मनोरंजन के दृष्टिकोण से आज फिल्म दृश्य दर्शकों द्वारा पसंद किये जा रहे हैं पर वर्ल्ड सिनेमा में समाज के सच को सामने लाने के लिये निर्देशक का दखल जरूरी हो गया है और इसी कारण उन्होंने खुद का तनय इंटरनेशनल खुद का प्रोडक्शन हाउस को निर्मित किया है उनका कहना है कि मैं हमेशा सामाजिक जागरूकता लाने वाली फिल्में बनाता रहूंगा और मेरी कोशिश रहेगी कि हमारे तनय इंटरनेशनल प्रोडक्शन हाउस द्वारा भारतीय रंगमंच से जुुड़े प्रतिभाशाली कलाकारों को विश्व पटल पर अपनी पहिचान बनाने का मौका मिल सके। -आकांक्षा सक्सेना।