मथुरा। वृंदावन में वीकेंड पर लगने वाला जान अब आम हो गया है। आए दिन सड़कों पर भयंकर जाम देखने को मिलता है। जाम में फंसे लोगों को लगता है कि शहर की सड़कें जाम है और प्रशासन नदारद है। पिछले चार दिनों से धार्मिक नगरी जाम से कराहर रही है। स्थानीय लोगों के साथ बाहर से आए तमाम श्रद्धालु खराब ट्रैफिक व्यवस्था से जूझ रहे हैं। जिले के आलाधिकारी जूझते ट्रैफिक सिस्टम से बेखबर दिखाई दे रहे हैं। जी हां पिछले चार दिनों से शहर का चप्पा चप्पा जाम की चपेट में नजर आ रहा है। मुख्य मार्ग के साथ गलियां भी अवरुद्ध हो चुकी है। कोतवाली के कुछ पुलिसकर्मी सीमित उपलब्धता के साथ व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का असफल प्रयास करते नजर आ रहे हैं, लेकिन जिले के तमाम आला अफसर टूटते ट्रैफिक सिस्टम से आंखे मूंदे बैठे हैं। नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के चेयरमैन धनेंद्र अग्रवाल बॉबी ने बताया कि वृंदावन में लगने वाले जाम को लेकर कई बार अधिकारियों के साथ चर्चा हुई। कई बार अधिकारियों के द्वारा ट्रैफिक प्लान के दावे किए गए, लेकिन धरातल पर कोई भी प्लान दिखाई नहीं दिया। ब्रजवासी और श्रद्धालुओं से ई रिक्शा चालकों के द्वारा नाजायज पैसे लिए जा रहे हैं।
ई रिक्शा पर रेट लिस्ट लगाने की मांग
वृंदावन के हर चौराहे पर उनकी रेट लिस्ट के साइन बोर्ड लगाने चाहिए। ई रिक्शा पर रेट लिस्ट लगनी चाहिए। जब प्रशासन के द्वारा सिर्फ 1600 ई रिक्शा को रूट निर्धारित किए गए तो फिर इतने कैसे शहर में चल रहे है। आज अगर देखा जाए तो कम से कम वृंदावन में दस हजार ई रिक्शा मौजूद है। अगर बाइक पर तीन सवारी होंगी तो प्रशासन चालान कर देगा।