पवन कुमार गुप्ता; रायबरेली । एनटीपीसी ऊंचाहार की सहयोगी संस्था यूटिलिटी पावरटेक लिमिटेड के अधीन संविदा पर काम कर रहे दो दर्जन श्रमिकों को अकारण ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। छ्टनी किए गए श्रमिकों ने सोमवार को जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव से मुलाकात की है। श्रमिकों ने गलत तरीके से किए छटनी किए जाने का आरोप लगाते हुए अपनी व्यथा सुनाई । जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने उन्हें मामले में कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
ज्ञात हो कि एनटीपीसी के राख उपयोगिता विभाग में 13 वर्षों से संविदा पर काम कर रहे बड़ी संख्या में श्रमिकों की छटनी की गई है। यह श्रमिक एनटीपीसी की सहयोगी संस्था यूटिलिटी पावरटेक लिमिटेड के अधीन संविदा पर काम कर रहे थे। श्रमिकों का कहना है कि पूर्व में कुछ श्रमिकों को अकारण निकाला गया था। जिसकी शिकायत प्रधानमंत्री समेत विभिन्न स्तर पर की गई थी। जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय से स्पष्टीकरण मांगा गया तो यूपीएल की तरफ से कहा गया था कि अब किसी की छटनी नहीं होगी। इसके बावजूद हाल ही में बड़ी संख्या में श्रमिकों को बिना पूर्व सूचना दिए काम से हटा दिया गया। जिसके कारण श्रमिकों के सामने जीविका का संकट पैदा हो गया है। श्रमिकों ने कहा है कि एनटीपीसी का राख उपयोगिता विभाग और यूपीएल कंपनी निरंतर मजदूरों का शोषण कर रही है और इसके भुक्तभोगी हमेशा से क्षेत्रीय श्रमिक ही हुए हैं। श्रमिकों का कहना है कि यदि उनके साथ न्याय नहीं मिला तो वह जिलाधिकारी कार्यालय और मुख्यमंत्री कार के सामने धरना देंगे।
ज्ञापन देने वालों में राजेश सिंह, केशवदास, तुलसीराम, राम सजीवन, संतोष त्रिवेदी, मोहम्मद फारूक, दुर्गेश बाजपेई, लाल जी, अमित दुबे, विनय कुमार शुक्ला, आरके दीक्षित, वीरेंद्र कुमार, दिलीप कुमार शुक्ला, लाखन सिंह, हरि सिंह, अमरेश कुमार, सौरभ कुमार और विपिन मिश्रा समेत कई श्रमिक शामिल थे।