मथुरा । शतप्रतिशत छुट्टा गोवंश को गोशालाओं में पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए ग्राम पंचायतों में गौशालाएं बनाई जा रही हैं। यहां लाए जा रहे गोवंश के चारे पानी की व्यवस्था भी की जानी है। जिलाधिकारी पुलकित खरे ने जनपद के सभी प्रधानों से अपील की है कि वे अधिकाधिक भूसा दान करवाए एवं भूसे को गौशालाओं में पहुचाए। उत्तर प्रदेश पशुधन संख्या के दृष्टिकोण से देश का सबसे बड़ा राज्य है। वर्ष 2019 में प्रख्यापित नीति के माध्यम से स्थायी, अस्थायी गौ आश्रय स्थलों की स्थापना कर निराश्रित गोवंशों को संरक्षित कर उनका भरण पोषण किया जा रहा है। निराश्रित गौवंश के लिए वर्षवार भूसा, चारा की आवश्यकता होती है। गेहूँ कटाई के समय भूसा सस्ता तथा प्रत्येक किसान के पास उपलब्ध भी रहता है। यदि प्रत्येक किसान का सहयोग मिल जाएगा तो गो सेवा के लिए वर्ष भर भूसे का संग्रहण आसानी से किया जा सकेगा, इससे निराश्रित गोवंश के स्वास्थ्य में भी बेहतरी आएगी। वर्तमान में निराश्रित गो आश्रय स्थलों को भूसे की उपलब्धता के लिए अधिकाधिक मात्रा में भूसे को दान के रूप में प्राप्त कर गोशाला में स्थापित भूसा बैंक में संग्रहीत करने की आवश्यकता है। जिसके दृष्टिगत आपसे अनुरोध है कि आप स्वयं एवं गांव के समस्त किसानों के माध्यम से गो सेवा के लिए गोशालाओं में भूसा दान करने के लिए प्रेरित करने का कष्ट करें।