राजीव रंजन नाग; नई दिल्ली। पंजाब पुलिस ने “वारिस पंजाब दे” के चीफ और कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह ने रविवार को पंजाब पुलिस के सामने आत्म समर्पण कर दिया है। जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर डिब्रूगढ़ (असम) ले जाया गया।
अमृतपाल पिछले 36 दिनों से फरार चल रहा था। खालिस्तान समर्थक नेता ने पंजाब की मोगा पुलिस के सामने आज सुबह सरेंडर किया। वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल पर हत्या समेत कई केस दर्ज है और एनएसए भी लगा है। पंजाब पुलिस ने भी सोशल मीडिया पर अमृतपाल की गिरफ्तारी की खबर साझा की।
पुलिस ने कहा कि 29 वर्षीय ने मोगा जिले के रोडे गांव में एक गुरुद्वारे में आत्मसमर्पण कर दिया। आईजी पंजाब पुलिस सुखचौन सिंह गिल ने कहा, ‘हमें विशेष जानकारी मिली थी कि अमृतपाल सिंह रोडे गांव में मौजूद था, उसे घेर लिया गया था और उसके पास भागने का कोई मौका नहीं था।’ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया है।’’ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘उस पर पहले ही सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया हुआ है। पुलिस ने 18 मार्च को अमृतपाल सिंह तथा उसके संगठन ‘वारिस पंजाब देश् के सदस्यों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की थी। जिसके बाद से वह फरार था। असम के डिब्रूगढ़ में देश की तमाम सुरक्षा एजेंसियां बारी-बारी से अब अमृतपाल से पूछताछ करेंगी। जिसमें आईबी और एनआईए भी शामिल रहेंगी। एक पुलिस सके डीएसपी स्तर के अफसर अमृतपाल के साथ है।
अजनाला थाने पर हमला करने के बाद पुलिस ने 18 मार्च को अमृतपाल सिंह और उसके संगठन के सदस्यों के खिलाफ कारर्वाई की थी। तभी से अमृतपाल फरार था।खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार रने के बाद एक विशेष विमान से असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया। उसे डिब्रूगढ़ की केंद्रीय कारागार में रखा जाएगा। इस मामले में अब डिब्रूगढ़ जेल में कुल 10 आरोपी बंद हैं। सभी को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया है। इन आरोपियों में अमृतपाल सिंह के अलावा पापलप्रीत सिंह, दलजीत कलसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह भुखनवाला, भगवंत सिंह, हरजीत सिंह, कुलवंत सिंह धालीवाल, गुरिंदर पाल सिंह व वरिंदर सिंह शामिल हैं। अमृतपाल सिंह कथित तौर पर युवाओं को ‘बंदूक संस्कृति’ की ओर ले जा रहे थे।
अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि आज अमृतपाल सिंह 35 दिन बाद गिरफ्तार हुआ है। जो लोग देश की अमन-शांति, कानून को तोड़ने की कोशिश करेंगे सिर्फ उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। मैं 3.5 करोड़ पंजाब वासियों को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने अमन-शांति को भंग नहीं होने दी।
पंजाब पुलिस के आईजी सुखचौन सिंह गिल ने कहा कि अमृतपाल रासुका कानून के तहत की गई है। उन्होंने कहा ‘हमने ऑपरेशन चलाकर सुबह 6ः45 बजे अमृतपाल सिंह को गिरफ़्तार किया था। इस पूरे ऑपरेशन के दौरान पंजाब के लोगों ने शांति, क़ानून व्यवस्था बनाए रखी, जिसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं।
अमृतपाल सिंह के कई जगहों पर छिपे होने के इनपुट मिले हैं। इनपुट के आधार पर पु्लिस ने खालिस्तान समर्थक नेता की धरपकड़ के लिए बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया। इसके साथ ही आशंका जताई गई थी कि अमृतपाल सिंह भारत से भागने की फिराक में लगा हुआ है। अमृतपाल को पकड़ने के लिए पुलिस ने आम जनता से भी सहयोग मांगा था. पुलिस की तरफ से कहा गया था कि अमृतपाल सिंह की सूचना देने वाले को उचित इनाम दिया जाएगा और उसका नाम गोपनीय रखा जाएगा।
अमृतपाल के लिंक आईएसआई के साथ जुड़े होने के प्रारंभिक संकेत मिलने के बाद केंद्र सरकार भी सतर्क हो गई थी। अमृतपाल को विदेश से फंडिंग मिलने का भी शक है। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि अमृतपाल सिंह अपनी जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस के जरिए पाकिस्तान से हथियार मंगवा रहा है और पंजाब को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रहा है।
खुफिया एजेंसियों के हवाले से जानकारी मिली है कि अमृतपाल सिंह 25 सिंतबर 2022 से हिंदुस्तान में मौजूद है। साल 2012 में दुबई गया था, और वहा संधू कार्गाे कंपनी जो उसके पिता तरसेम चलाते थे उसमे काम करता था। वह कट्टरपंथी विचारधारा वाला शख्स है, और भिंडरावाले के ऑडियो कैसेट सुनने का शौक रखता है। जब तक ये दुबई में रहा इसने हमेशा बाल छोटे रखे और न पगड़ी बांधी। अमृतपाल पिछले 4- 5 सालों से वो सोशल मीडिया पर एक्टिव है, और अक्सर लाइव स्ट्रीमिंग के जरिये पंजाब और सिखों से जुड़े धार्मिक राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपना भाषण देता रहा है।
पंजाब पुलिस ने नागरिकों से शांति और सद्भाव बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा है कि कोई भी फर्जी खबर साझा करने से परहेज करें। खबरों को सझा करने से पहले सत्यापित करें भी करें। कट्टरपंथी उपदेशक को हिरासत में लिए जाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं। उन्हें पारंपरिक सफेद लबादा पहने देखा जा सकता है। रासुका बिना किसी आरोप के एक साल तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है। अमृतपाल सिंह, जिसे सरकार खालिस्तानी-पाकिस्तानी एजेंट बताती है, पिछले कुछ सालों से पंजाब में सक्रिय है और अक्सर सशस्त्र समर्थकों द्वारा अनुरक्षित देखा जाता है। वह खालिस्तानी अलगाववादी और आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का अनुयायी होने का दावा करता है और अपने समर्थकों के बीच ‘भिंडरावाले 2.0’ के रूप में जाना जाता है।
अधिकारियों का कहना है कि उनके खिलाफ कार्रवाई आम आदमी पार्टी शासित पंजाब, केंद्र और भाजपा शासित असम के बीच एक समन्वित प्रयास था। सूत्रों का कहना है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 2 मार्च को एक बैठक में गृह मंत्री अमित शाह के साथ अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने की योजना पर चर्चा की थी।