राजीव रंजन नाग, नई दिल्ली। पूर्व बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी और उनके भाई बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट मामले में उत्तर प्रदेश की गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से कारावास की सजा सुनाई गई है। उन पर भारी-भरकम जुर्माना भी लगाया गया है। अफजाल अंसारी को सजा का ऐलान होते ही कस्टडी में कस्टडी में लिया गया है।
सजा होने के साथ अफ़ज़ल अंसारी अपनी लोकसभा सदस्यता खोना तय माना जा रहा है। संसद के नियम कहते हैं कि कोई भी सदस्य जो दो साल या उससे अधिक जेल की सजा काटता है, स्वतः ही अयोग्य हो जाता है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में 2019 के मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने और दो साल की जेल की सजा के बाद इसी नियम के अनुसार अपना सांसद का दर्जा खो दिया था।
मुख्तार को दस साल की सजा मिली है और पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है तो वहीं अफजाल को चार साल की जेल और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यूपी के बहुचर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड और व्यापारी नं किशोर रूंगटा अपहरण के बाद मुख्तार और अफजाल पर गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया गया था। गाजीपुर के एमपी एमएलए कोर्ट ने अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने उन पर 1 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।इससे पहले मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर केस में गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है। कोर्ट ने उन्हें 10 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उन पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं मुख्तार के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी को भी दोषी करार दिया गया है। गाजीपुर संसदीय क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद अफजल को अदालत में पेश किया गया, जबकि उनके भाई मुख्तार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यवाही में भाग लिया।
इस मामले में साल 2012 में गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ था। भाजपा के दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी, जिनकी 2005 में गाजीपुर में कथित तौर पर मुख्तार अंसारी और उनके भाई अफजाल अंसारी द्वारा हत्या कर दी गई थी, ने कहा कि उत्तर प्रदेश में माफिया का शासन समाप्त हो गया है और उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है। अलका राय ने कहा, ‘मैं न्यायपालिका में विश्वास करती हूं। गुंडों, माफियाओं का शासन (राज्य में) समाप्त हो गया है।’
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (केरल के वायनाड से) और आजम खान (रामपुर), उनके बेटे अब्दुल्ला आजम (सुआर) और भाजपा के विक्रम सैनी (खतौली-मुजफ्फरनगर) सहित यूपी के विधायकों ने हाल ही में इसी अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपनी सदस्यता खो दी थी। गैंगस्टर-राजनेता ने 2022 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था और उनकी सीट सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के उनके बेटे अब्बास अंसारी ने जीती थी।