लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ साप्ताहिक समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। बैठक में कृषि, श्रम, नगर विकास, खाद्य एवं रसद, लोक निर्माण आदि विभागों के कार्यों की समीक्षा की गई।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि विगत 4 मई को प्रथम चरण के नगर निकाय चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुये हैं, कहीं कोई अप्रिय घटना घटित नहीं हुई, लेकिन मतदान का प्रतिशत कम रहा है। स्वस्थ लोकतंत्र के लिये शत-प्रतिशत मतदान आवश्यक है, इसलिये शांतिपूर्ण मतदान के साथ मतदान का प्रतिशत बढ़ाने पर भी ध्यान दिया जाये। समय से मतदाताओं के घरों तक पर्चियां पहुंच जायें। मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिये लोगों को जागरूक किया जाये।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों को 14वीं किस्त माह जून के मध्य तक आना संभावित है। 14वीं किस्त के लिये ई-केवाईसी को अनिवार्य किया गया है। प्रदेश के अवशेष पात्र कृषकों को लाभान्वित कराने के उद्देश्य से दिनांक 22 मई, 2023 से 10 जून, 2023 तक ग्राम पंचायत स्तर पर ‘पी0एम0किसान लाभार्थी संतृप्तीकरण अभियान’ पूरे प्रदेश में संचालित किया जाये। इस अभियान के दौरान ग्राम पंचायत स्तर पर सोमवार से शुक्रवार को प्रातः 9 बजे से सायं 6 तक बैठक का आयोजन किया जाये।उन्होंने सभी मण्डलायुक्तों से कहा कि इस अभियान का सफलतापूर्वक संचालन अपनी लीडरशिप में करायें। क्षेत्रीय स्तर पर लेखपाल व अन्य कार्मिकों की उपस्थिति के दृष्टिकोण से उनके क्षेत्र से आच्छादित ग्राम पंचायतों में अलग-अलग तिथि का निर्धारण कराते हुए समय-सारणी निर्गत कर बैठकों व शिविर का आयोजन कराया जाये। इस बैठक में भूलेख का सत्यापन हेतु लेखपाल, ई-केवाईसी के लिए सी0एस0सी0 व आधार लिंक नवीन खाता खोलने हेतु पोस्ट ऑफिस के प्रतिनिधि की उपस्थिति अनिवार्य है। इसके अलावा ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी/पंचायत सेक्रेटरी, तकनीकी सहायक (कृषि) भी उपस्थित रहेंगे। बैठक में नये आवेदन लेने के साथ पूर्व से लम्बित आवेदनों का भी निस्तारण कराया जाये।
उन्होंने कहा कि अभियान से पूर्व, ग्राम प्रधान के नेतृत्व में ग्राम स्तरीय कर्मियों के साथ घर-घर सर्वेक्षण कर ऐसे कृषकों की सूची तैयार करा ली जाये, जो विभिन्न कारणों से इस लाभ से वंचित हैं। इस अभियान को सफल बनाने के लिये जनपद स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी निरीक्षण किया जाये।
अटल आवासीय विद्यालयों की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि विद्यालयों में प्रवेश हेतु सभी मण्डलों में प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई है। सभी विद्यालयों में आगामी जुलाई माह से सेशन शुरू होना है। सम्बन्धित मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी व्यक्तिगत रुचि लेकर मौके पर जाकर समीक्षा करें और विद्यालय में विद्यार्थियों के लिये बिजली का कनेक्शन, पीने का पानी, क्लासरूम व हॉस्टल में फर्नीचर सहित समस्त मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराना सुनिश्चित करायें।
गेहूं खरीद की समीक्षा करते हुये उन्होंने कहा कि कम खरीद करने वाले केन्द्रों पर विशेष ध्यान केन्द्रित करने की जरूरत है। केन्द्रवार दैनिक लक्ष्य निर्धारित कराते हुये गेहूं खरीद में प्रगति लायी जाये। मोबाइल क्रय केन्द्रों का जनपद में व्यापक प्रचार प्रसार कराया जाये। गेहूं खरीद में ग्राम प्रधानों का सहयोग लिया जाये, जिस ग्राम सभा के प्रधानों से यह सूचना प्राप्त होती है कि ग्राम सभा में कृषकों के पास 100 कुं0 गेहॅू विक्रय हेतु उपलब्ध है, तो उसकी खरीद सम्बन्धित केन्द्र/मोबाइल क्रय केन्द्र द्वारा ग्राम सभा में जाकर गेहूॅू की खरीद करायी जाये। बैठक में बताया गया कि 5195 क्रय केन्द्रांें के माध्यम से 38,982 किसानों से 1.68 लाख मी0 टन गेहूॅू की खरीद की गई और 301.41 करोड़ रु0 का भुगतान किया गया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में चल रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में आयरन, फ़ॉलिक ऐसिड तथा विटामिन बी-12 के गुणों से भरपूर फोर्टीफ़ाइड चावल का वितरण किया जा रहा है। फ़ोर्टीफ़ाइड चावल के उपभोग से बच्चों तथा महिलाओं में एनीमिया की बीमारी से बचाव में मदद मिलती है। फ़ोर्टीफ़ाइड चावल के लाभ का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये। संस्कृति विभाग का सहयोग प्राप्त कर नुक्कड नाटक आदि के माध्यम से फोर्टीफाइड राइस के लाभ की जानकारी व इसका प्रचार-प्रसार कराया जाये। बेसिक शिक्षा विभाग के ’कायाकल्प योजना’ तथा माध्यमिक शिक्षा विभाग की ’अलंकार योजना’ के अन्तर्गत विद्यालयों में वाल पेण्टिंग करायी जाये। स्वच्छ भारत मिशन क अन्तर्गत सार्वजनिक स्थलों पर वाल पेण्टिंग के माध्यम से फोर्टीफाइड राइस के प्रयोग व इसकी फायदों की जानकारी का प्रचार-प्रसार कराया जाये।
पी0एम0 स्वनिधि योजना के अंतर्गत प्रथम, द्वितीय व तृतीय ऋण निर्धारित लक्ष्य से अधिक स्वीकृत होने पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की। पोर्टल पर प्रथम, द्वितीय व तृतीय ऋण के लम्बित आवेदनों को समीक्षा कर निस्तारित कराया जाये। प्रथम ऋण का समय से भुगतान करने वाले वेण्डर्स को तत्काल द्वितीय व तृतीय का लाभ दिलाया जाये। डिजिटल एक्टिव वेण्डर्स की समीक्षा करते हुये कहा कि ऐसे वेण्डर्स जो किसी अन्य यूपीआई आई0डी0 का प्रयोग कर हैं, उन्हें चिन्हित कर उनकी मैपिंग करायी जाये।
इससे पूर्व, अयोध्या के मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारी ने रामपथ, रामजन्मभूमि पथ एवं भक्ति पथ के निर्माण के लिये भूमि अधिग्रहण में आयी चुनौतियों और उपलब्धियों के बारे में विस्तार से अवगत कराया। भूमि अधिग्रहण के दौरान घर-घर जाकर संवाद स्थापित किया गया और रजिस्ट्री के लिये सेण्टर्स को 24ग्7 क्रियाशील रखा गया। मुआवजा वितरण में पूरी पारदर्शिता रखी गई और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नियमित अनुश्रवण किया, जिससे कहीं किसी लेवल पर कोई समस्या नहीं आयी और न ही कोई वाद दायर हुया है। इस पर मुख्य सचिव ने कहा कि अयोध्या में बहुत ही शानदार कार्य हुआ है, इसके लिये अयोध्या के मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी सहित उनकी पूरी टीम बधाई की पात्र है। इस कार्य में सबसे अच्छी बात यह देखने को मिली है सबसे ज्यादा सहयोग अयोध्या के लोगों ने किया है।
जिलाधिकारी अमरोहा ने जनपद को टी0बी0 मुक्त बनाने के लिये किये जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि जनपद में टी0बी0 मरीजों के लिये आई0वी0आर0एस0 सेण्टर स्थापित किया गया है। इस सेन्टर के माध्यम से मरीज ने दवाई ली अथवा नहीं इसकी जानकारी उनसे कॉल करके ली जाती है और उन्हें चिकित्सीय परामर्श पर भी फोन पर उपलब्ध कराया जाता है। दवाई न लेने पर सम्बन्धित आशा व कर्मी द्वारा उनके घर जाकर उनकी समस्या का समाधान कराया जाता है। मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस आई0वी0आर0एस0 सेण्टर का अध्ययन कर पूरे प्रदेश में लागू कराने के निर्देश दिये।
इसी क्रम में जिलाधिकारी बहराइच द्वारा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गोल्डेन कार्ड वितरण में तेजी लाने हेतु अपनाई गई रणनीति के बारे में अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि कार्ड निर्माण में गति देने के लिये जनपद में प्रतिस्पर्धात्मक माहौल तैयार किया गया। अच्छा कार्य करने वाले लोगों को पुरस्कृत व मोटिवेट किया गया। मुख्य सचिव ने कहा कि गोल्डेन कार्ड बनने के बाद लोग इसका प्रयोग करें यह भी बहुत आवश्यक है। इसके लिये लोगों को जागरूक किया जाये और प्रतिस्पर्धात्मक माहौल तैयार किया जाये, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका फायदा उठा सकें।
बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद सुश्री वीना कुमारी मीना, प्रमुख सचिव लोक निर्माण श्री अजय चौहान, प्रमुख सचिव श्रम श्री अनिल कुमार, प्रमुख सचिव नियोजन श्री आलोक कुमार, सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री रवीन्द्र व श्रीमती अपर्णा यू0, निदेशक सूडा डॉ0 अनिल कुमार सहित संबंधित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समस्त मंडलायुक्त, जिलाधिकारीगण आदि उपस्थित थे।
Home » मुख्य समाचार » मुख्य सचिव ने कृषि, श्रम, नगर विकास, खाद्य एवं रसद विभागों की समीक्षा कर दिये निर्देश