मथुरा। जिलाधिकारी पुलकित खरे व मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीणा के निर्देशन में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा सीएचसी राल के अचल प्रशिक्षण केंद्र में ‘पानी नहीं, केवल स्तनपान’ अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अभिनव मिश्रा ने बताया की 1 मई से 30 जून तक जिले में ‘पानी नहीं, केवल स्तनपान अभियान’ चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत शिशु मृत्यु दर में सुधार लाए जाने हेतु आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से स्तनपान के संबंध में जागरूकता एवं प्रचार प्रसार किया जा रहा है। इसी क्रम में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को जागरूक करने हेतु आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का उन्मुखीकरण किया गया।
कार्यक्रम में सतौहा, जैंत, वाटी, उस्फार, धनगांव एवं राल परिक्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम के दौरान सभी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को पानी नहीं केवल स्तनपान अभियान के बारे में जागरूक किया गया। साथ ही शिशु की छह माह की आयु तक शीघ्र व केवल स्तनपान उसके जीवन की रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक बताया गया। साथ ही समाज में प्रचलित ऐसी मान्यताओं व मिथकों जिनके कारण केवल स्तनपान सुनिश्चित नहीं हो पाता है पर चर्चा की गई। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का बताया गया कि मां के दूध में अन्य पौष्टिक तत्वों के साथ-साथ पानी भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होता है और शिशु की पानी की आवश्यकता केवल स्तनपान से ही पूरी हो जाती है अतः शिशु को 6 माह तक ऊपर से पानी देने की आवश्यकता नहीं होती है बल्कि ऊपर से पानी देने से शिशु में संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
सीडीपीओ छवि शर्मा ने बताया कि शिशु एवं बाल मृत्यु दर की कमी लाने के लिए यह आवश्यक है कि जन्म के 1 घंटे के अंदर शिशु को स्तनपान प्रारंभ करा देना चाहिए वह उसके छह माह की आयु तक केवल स्तनपान कराना चाहिए। यह संदेश पानी नहीं केवल स्तनपान अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है।
कार्यक्रम के दौरान वीएचएसएनडी सत्र एवं कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य संवर्धन के बारे में चर्चा भी की गई।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य सेविका रेनू रानी सिंह, कुसुमलता दीक्षित, सुनीता गौतम, यूनिसेफ से संजय यादव, दीपक शर्मा, अनुराधा मूंगी व अन्य उपस्थित रहे।