♦ वृंदावन के राधा दामोदर मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं के लिए चस्पा की नसीहत
♦ मंदिर परिसर के बाहर चस्पा किया गया मर्यादित वस्त्र पहन कर आने का पोस्टर
मथुरा, श्याम बिहारी भार्गव । ब्रज में धार्मिक पर्यटन को बढावा देने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। इस का असर दिखने लगा है। प्रमुख आयोजनों और वीक एण्ड पर वृंदावन सहित दूसरे प्रमुख स्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड बढ जाती है। वृंदावन में तो श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को नियमित रूप से ट्रैफिक प्लान लागू करना पडता है। दूसरी ओर धार्मिक पर्यटन की अवधारणा से धर्म नगरी में कुछ असहजता भी बढ़ रही है। यही वजह है कि वृंदावन के प्राचीन एवं प्रसिद्ध सप्त देवालयों में से एक प्रसिद्ध मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के पहनावे के लेकर मंदिर प्रबंधन को अपील जारी करनी पडी है। प्राचीन राधा दामोदर मंदिर में श्रद्धालुओं को पोस्टर चस्पा कर मर्यादित कपड़ों में आने की हिदायत दी गई है। अपने इस निर्णय को लेकर सप्त देवालयों में से एक राधा दामोदर इन दिनों चर्चा मंे बना हुआ है। मंदिर प्रबंधन द्वारा मंदिर के अंदर एवं बाहर जगह जगह पोस्टर चस्पा कर दिए गए हैं जिन पर श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश से पूर्व मर्यादित वस्त्र पहनने की हिदायत दी गई है। मंदिर प्रबंधन द्वारा जींस, टीशर्ट, स्कर्ट, मिनी जैसे अमर्यादित वस्त्र पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। मंदिर के सेवायत के अनुसार देखने में आया है कि भारतीय अध्यात्म पर पाश्चात्य संस्कृति हावी होती जा रही है। जिसका खामियाजा कहीं न कहीं आने वाली पीढ़ियों को चुकाना होगा। इसी कारण मंदिर प्रबंधन द्वारा लोगों को उनके परिधान एवं वेशभूषा को सुधारने की नसीहत दी गई है। इससे पूर्व उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में भी इस तरह के पोस्टर लगाए जा चुके हैं। मंदिर प्रबंधन द्वारा बताया गया है कि अभी यह पोस्टर मात्र लोगों की जीवन शैली में परिवर्तन लाने के प्रयास में लगाए गए हैं और अभी मंदिर में प्रवेश से किसी को रोका नहीं जा रहा है। लेकिन भविष्य में इस तरह की संभावनाओं से इनकार भी नहीं किया जा सकता है। राधा दामोदर मंदिर के दामोदर गोस्वामी ने बताया कि यह तीर्थ स्थल है। भगवान कृष्ण का लीला स्थल है। इस जगह की अलग ही मर्यादा है। उस मर्यादा का सभी को पालन करना चाहिए। दामोदर गोस्वामी ने बताया कि कुछ समय पहले श्रद्धालु आए थे, उनका पहनावा मंदिर के नजरिए से शोभनीय नहीं था। जब शादी में जाते हैं, अलग वस्त्र पहनते हैं। होली खेलते हैं अलग वस्त्र पहनते हैं। मंदिर जाते हैं तो मर्यादित वस्त्र पहनने चाहिए। दामोदर गोस्वामी ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि मंदिर आएं तो उस तरह के वस्त्र और आभूषण पहनें, जिससे उस स्थल की मर्यादा बनी रहे।
मंदिर में दो जगहों पर लगाए बोर्ड
राधा दामोदर मंदिर में मुख्य गेट से प्रवेश करते ही एक बोर्ड लगा नजर आएगा। इस पर लिखा है मंदिर में मर्यादित वस्त्र ही डाल कर आएं। इसके अलावा उस पर दो फोटो हैं जिन पर क्रॉस लगा हुआ है। ऐसा ही बोर्ड मंदिर में प्रवेश करने के बाद दूसरे गेट के समीप बनी दीवार पर लगा है। मंदिर में लगाए गए ड्रेस कोड बताने वाले बोर्ड पर एक महिला और पुरुष का प्रतीकात्मक फोटो प्रिंट है। वेस्टर्न कपड़े पहने फोटो पर क्रॉस का निशान है। जिसका मतलब पुरुष नेकर, बरमूडा आदि और महिलाएं शॉर्ट कपड़े पहनकर न आएं।