हाथरस। जीएसटी विभाग द्वारा की जा रही छापेमारी से व्यापारियों का उत्पीड़न किए जाने को लेकर आज उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश द्वारा केन्द्रीय वित्त मंत्री के नाम एडिशनल कमिश्नर वाणिज्य कर को व्यापारियों द्वारा ज्ञापन सौंपा गया और उत्पीड़नात्मक कार्यवाही पर अंकुश लगाए जाने की मांग की गई।
उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी 16 मई से 15 जून तक की जाने वाली जांच सर्वे आदि में जीएसटी में छापेमारी के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न चरम सीमा पर है और कुछ समय पूर्व पूरे उत्तर प्रदेश में जीएसटी अधिकारियों द्वारा लगातार सर्वे छापे की कार्यवाही की गई है। ज्ञापन में आरोप लगाते हुए कहां गया है प्रत्येक महानगर एवं नगर के विभिन्न सेक्टरों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा व्यापारियों को फोन कर जीएसटी जांच के नाम पर धमका कर अवैध वसूली की जा रही है। चंद फर्जी फर्मों को रोकने के लिए सभी व्यापारियों के यहां जांच सर्वे में छापेमारी की कार्यवाही करने का कोई औचित्य नहीं है। फर्जी बिलिंग व फर्जी आधार कार्ड व अन्य कागजात लगाकर रजिस्ट्रेशन व कारोबार करना विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के बगैर संभव नहीं है।ज्ञापन में कहा गया है कि संपूर्ण भारत वर्ष में हजारों की संख्या में सचल दस्ते काम कर रहे हैं जो छोटी-छोटी टैक्निकल कमियों पर भी गाड़ियों को रोक कर जुर्माने आदि की कार्यवाही करते हैं। जिससे स्पष्ट है कि फर्जी बिलिंग व बोगस फर्मों का कार्य विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के बिना नहीं चल सकता है तथा फर्म का रजिस्ट्रेशन कराते समय सभी दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करने होते हैं। जिसकी स्क्रुटनी सॉफ्टवेयर में अधिकारियों द्वारा की जाती है और संपूर्ण जांच होने के बाद रजिस्ट्रेशन किया जाता है। किसी भी कागज के स्पष्ट न होने पर कई कई बार पोर्टल द्वारा पुनः आवेदन कर्ता से स्पष्टीकरण मांगा जाता है। पूरी जांच प्रक्रिया के बाद रजिस्ट्रेशन किया जाता है और उसके बाद भी यदि बोगस फर्मों का रजिस्ट्रेशन हो रहा है तो इसके लिए विभाग के पोर्टल का सॉफ्टवेयर या संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होने चाहिए। व्यापारियों के यहां छापेमारी के स्थान पर पोर्टल व अधिकारियों की कारगुजारी पर ध्यान देना अति आवश्यक है।
अंत में ज्ञापन में कहा गया है कि विभाग किसी भी समय फर्जी बिलिंग व बोगस फर्मों की जांच के लिए स्वतंत्र है जिसके लिए विभाग की एसआईबी की टीमें लगातार सभी जिलों में काम कर रही हैं तथा जीएसटी विभाग द्वारा लगातार नए नए तरीके से व्यापारियों में सर्वे छापे के नाम पर भय का वातावरण बनाकर एकतरफा कार्यवाही हो रही है। जिससे व्यापार घटेगा और राजस्व का भारी नुकसान होगा। फर्जी व बोगस फर्मों के पाए जाने पर रजिस्ट्रेशन जारी करने वाले अधिकारी के विरुद्ध जांच में कार्यवाही की जाए तथा उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री से मांग की है कि व्यापारियों के यहां की जा रही सर्वे में छापे की कार्यवाही पर तुरन्त रोक लगाने के आदेश जारी किए जाये।
ज्ञापन देने वालों में जिला अध्यक्ष राधेश्याम अग्रवाल, जिला महामंत्री मनोज कुमार अग्रवाल राया वाले, कोषाध्यक्ष मुकेश कुमार अग्रवाल, शहर अध्यक्ष कन्हैयालाल अग्रवाल, शहर महामंत्री शरद कुमार अग्रवाल डिब्बा वाले, युवा जिला अध्यक्ष सुनील कुमार अग्रवाल, चंद्र प्रकाश अग्रवाल, युवा शहर अध्यक्ष अजीत शर्मा, शुभम अग्रवाल, उद्योग मंच जिला अध्यक्ष नन्नूमल गुप्ता, अनूप अग्रवाल, शिवशंकर गुप्ता साईकिल वाले, वैभव मोहता, स्वतंत्र गुप्ता, राजीव वार्ष्णेय, सुमित वार्ष्णेय, नरेन्द्र बंसल, राजेश वार्ष्णेय पदू वाले, तनुज वार्ष्णेय, अरविन्द वार्ष्णेय आदि तमाम व्यापारी शामिल थे।