⇒यमुना प्रदूषण से परेशान ब्रजवासियों ने अनोखे तरीके से जाहिर की पीड़ा
मथुरा। यमुना प्रदूषण को लेकर अब पहले जैसी हाय-तौबा नहीं है। यमुना प्रदूषण का मुद्दा विगत कुछ वर्षों से आंदोलन का विषय नहीं रह गया है। बावजूद इसके गंगा दशहरा जैसे स्नान पर्व के मौके पर लोगों का ध्यान जरूर इस ओर चला जाता है। हालांकि यमुना जल में प्रदूषण अब भी उतना ही या पहले से कहीं ज्यादा है। यमुना प्रदूषण की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए गंगा दशहरा की पूर्व संध्या पर कुछ लोगों ने अनूठा प्रदर्शन किया। यमुना के घाट पर बालू से स्नान कर लोगों को यह बताने का प्रयास किया कि यमुना का पानी स्नान और आचमन के योग्य नहीं है। बालू स्नान से ब्रजवासियों को पीड़ा को भी सांकेतिक रूप से प्रदर्शित किया। सोमवार को प्रदर्शनकारी ताराचंद गोस्वामी ने यमुना के जुगल घाट पर यमुना भक्तों को साथ लेकर रेती से स्नान कर अपना विरोध दर्ज कराया। ताराचंद गोस्वामी ने कहा कि गंगा यमुना को शुद्ध करने का दावा करने वाली सरकार के अधिकारी कितने गंभीर है, इस बात का अंदाजा आप ब्रजवासियों की आस्था का केंद्र पतित पावनी मां यमुना के हालातों को देखकर लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि दशहरा पर्व को महज कुछ घंटे शेष रह गए हैं। लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने को बेताब है, लेकिन न तो अधिकारियों द्वारा घाटों के आसपास साफ सफाई कराई गई है और नहीं यमुना में गिरते नालों को टैप किया गया है। इससे पूर्व श्री गोस्वामी ने नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी कर आक्रोश व्यक्त किया।