♦ न्याय के लिये दर-दर भटक रही है मृतक की पत्नी
♦ 5 माह गुजर गये, नहीं हुआ मामले का खुलासा
♦ मृतक की पत्नी ने पुलिस पर लगाये गम्भीर आरोप
♦ गुजैनी पुलिस पर आरोपियों से साँठगाँठ का आरोप
अवनीश सिंह: कानपुर। गुजैनी थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की लाश नदी के किनारे मिली थी और पुलिस ने शायद मौत के कारणों पर सही तरीके से ध्यान नहीं दिया। जल्दबाजी दिखातेेे हुए कागजी खाना पूर्ति कर दी और अब मृतक की पत्नी ने अपने पति की हत्या होने की बात कहते हुए पुलिस पर भी गम्भीर आरोप लगाना शुरू कर दिये हैं। मृतक की पत्नी के अनुसार, पुलिस मामले की जांच में दिलचस्पी ना लेकर आरोपियों से मिलकर मेरी बात को नजरअन्दाज कर रही है।
बताते चलें कि विगत 25 दिसंबर 2022 को बलवान यादव नामक युवक का शव पांडु नदी व एक गेस्ट हादस के मध्य एक गड्ढे में पड़ा मिला था जिसकी जांच गुजैनी पुलिस द्वारा की जा रही है। मामले का खुलासा 5 माह बीत जाने के बाद नहीं हो सका है! ऐसा लग रहा है कि हत्याकांड की जांच केवल कागजों तक ही सीमित रह गई है?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुजैनी थाना क्षेत्र के ग्राम वनपुरवा निवासी बलवान यादव अपनी पत्नी रीमा व दो बच्चों के साथ रहगुजर कर रहा था। पत्नी रीमा यादव ने बताया कि उसका विवाह वनपुरवा निवासी बलवान यादव से वर्ष 2014 को हुआ था जिससे उसके दो बच्चे भी हैं। दिनांक 20 दिसंबर 2022 की शाम 5 बजे बलवान यादव अपनी पत्नी रीमा यादव से किसी काम के लिए कहकर घर से निकले थे, देर रात तक जब बलवान यादव घर नहीं पहुंचा। पत्नी को चिंता हुई आस-पास रह रहे रिश्तेदारों से संपर्क करने के बाद जब बलवान का कोई पता नहीं चला। रीमा ने 21 दिसंबर 2022 को गुजैनी थाना में पति की गुमशुदगी को लेकर प्रार्थना पत्र दिया। 23 दिसंबर तक पति बलवान यादव की कोई जानकारी नहीं मिली तो रीमा यादव ने कानपुर पुलिस आयुक्त को 23 दिसंबर 2023 को पति की हत्या की आशंका को लेकर प्रार्थना पत्र भी दिया।
दिनांक 25 दिसंबर 2022 को पत्नी रीमा यादव को जानकारी मिली कि उसके पति का शव वनपुरवा स्थित घर से एक किमी दूर गुजैनी थाना क्षेत्र में मैहर लॉन के पास एक गड्ढे में पड़ा है। बदहवास हालत में रीमा अपने दुधमुंहे बच्चों को लेकर घटनास्थल पर पहुंची तो देखा कि उसके पति का शव पड़ा था शरीर में कई घाव के निशान भी थे।
सूचना पाकर मौके पर पहुंची गुजैनी थाना पुलिस ने शव का पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उसके बाद गुजैनी पुलिस द्वारा मृतक की पत्नी से तहरीर न लेकर हत्यारोपियों को वादी बना कर अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई। इधर पत्नी रीमा यादव को जब एफआईआर के बारे में जानकारी हुई तो उसने गुजैनी पुलिस को लिखित में हत्यारोपियों के खिलाफ प्रार्थनापत्र भी दिया साथ ही डीसीपी साउथ जोन के साथ कानपुर पुलिस आयुक्त को भी घटनाक्रम से अवगत कराया। मृतक की पत्नी रीमा के अनुसार घटनाक्रम से लेकर आज तक सैकड़ों चक्कर गुजैनी थाना के लगाए लेकिन जवाब में जांच चलने का हवाला देकर वापस लौटा दिया गया।
पीड़िता रीमा यादव ने बताया कि उसके जेठ लवकुश यादव व जिठानी नीलम व नंदोई मनोज व सुरेश व नंदोई के पिता शिवशंकर द्वारा जमीन को लेकर उसके पति की षड्यंत्र के तहत मिलकर हत्या कर दी है व चालाकी से गुजैनी पुलिस के साथ मिलकर अज्ञात के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज करा दी।
रीमा ने बताया कि उसकी शादी वर्ष 2014 में बलवान यादव के साथ हुई थी पति बलवान यादव 3 भाई व दो बहन थे। बलवान के पिता की 1991 में मृत्यु हो जाने के बाद से नंदोई के पिता शिवशंकर शुरू से ही अपने घर न रहकर उसकी सास के साथ यही वन पुरवा में रह रहे हैं।
रीमा ने बताया कि उसके ससुर की मृत्यु 1991 में संदिग्ध हालातों में हुई थी। जिसके बाद से ही शिवशंकर का उसकी सास के यहां आना जाना शुरू हो गया। उसके बाद शिवशंकर ने रीमा की सास को समझाकर अपने दोनो लड़कों मनोज व सुरेश की शादी बलवान की दो सगी बहनों से करा दी थी।
वर्ष 2001 में बलवान का छोटा भाई भी रहस्यमय ढंग से लापता हो गया जिसका आज तक पता नहीं चला।
रीमा के अनुसार पति बलवान के पिता के पास वनपुरवा गांव में अच्छी जमीन थी जिसकी आज भी कीमत करोड़ों में है। ससुर की मृत्यु के बाद धीरे धीरे शिवशंकर ने आधी से ज्यादा जमीन बेंच दी। 6 माह पूर्व बलवान यादव का शिवशंकर द्वारा प्लॉट बेंचे जाने से नाराज़ बलवान यादव का इन लोगों से विवाद हुआ था जिस पर शिवशंकर उसके बेटे मनोज व सुरेश व जेठ लवकुश ने बलवान को जान से मारने की धमकी भी दी थी।
रीमा ने बताया कि कई बार आरोपियों के खिलाफ प्रार्थना पत्र भी दिया लेकिन गुजैनी पुलिस द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र पर कोई कार्यवाही नही की गई और न ही आजतक बलवान यादव हत्याकांड का खुलासा किया गया।
पत्नी रीमा ने ‘जन सामना’ से बात करते हुए बताया कि पति के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है व न्याय न मिलने पर मुख्यमंत्री आवास लखनऊ भी जाएंगी। उसने यह भी बताया कि पति की हत्या के बाद उसको व उसके दो छोटे बच्चों को हत्यारोपियों से जान का खतरा बना हुआ है। पत्नी रीमा ने जल्द से जल्द इंसाफ न मिलने पर मुख्यमंत्री आवास लखनऊ जाकर भी पति को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष जारी रखने की बात कही है।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि यदि मृतक की पत्नी के द्वारा लगाये गये आरोपों को गुजैनी थाना पुलिस गम्भीरता से क्यों नहीं ले रही ? मृतक की पत्नी द्वारा लगाये जा रहे आरोपों में क्या कुछ सच्चाई है और यदि नहीं तो पुलिस उसे टरका क्योें रही है। साथ ही जिस तरह का रवैया गुजैनी थाना पुलिस का देखने को मिल रहा है उससे क्या पीड़िता को न्याय मिल पायेगा ? वहीं सच्चाई कुछ भी हो लेकिन यदि मृतक की पत्नी किसी पर किसी तरह का आरोप लगा रही है तो उसकी जाँच गहनता से करने की जरूरत तो है ही !