मथुरा। प्लास्टिक हमारे पर्यावरण को बड़ी तेजी से प्रदूषित करके बहुत नुकसान पहुंभार्गव )चा रहा है इधर उधर फैली प्लास्टिक धरती के अंदर जाकर मिट्टी के पानी सोखने की क्षमता को कम करता है, जिससे भूमि की उपज कम होती है। भूमि में वर्षा के जल का अवशोषण होकर भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने में बाधा उत्पन्न होती है। पेड़ पौधों की जड़ों द्वारा जल और पोषक तत्वों के शोषण में भी यह बाधा पैदा करता है। धरती बंजर हो जाती है। गाय आदि पशु खाने की चीजों के साथ प्लास्टिक को खा जाते हैं ,जिससे उनका शरीर भयंकर बीमारियों का शिकार हो जाता है। नालियों तालाबों नदियों यहां तक की समुद्र में बहता प्लास्टिक कचरा पानी में रहने वाली जीव सृष्टि के लिए खतरनाक बन गया है। प्लास्टिक से बनी वस्तुओं से पैदा हुए कचरे का निपटारा करना बहुत ही कठिन कार्य होता है, इस कारण यह जनसाधारण तथा वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय बन गया है। हर एक व्यक्ति को इस समस्या के निवारण के लिए जागरूक करना होगा और इस समस्या के समाधान के लिए आगे आना होगा। चहुओर फैलते प्लास्टिक रूपी जिन्न को बोतल में बंद कर दिया जाए तो सृष्टि का खतरा कम होगा। इसी से निर्माण हुआ इको ब्रिक्स का। विश्व पर्यावरण दिवस पर सूर्या फाउंडेशन देशभर में 18 राज्यों के 239 गांवों में पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष गतिविधियां चला रहा है। संस्था के संस्थापक पद्मश्री जयप्रकाश अग्रवाल के आवाहन पर सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त अभियान विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।