लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ साप्ताहिक समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। बैठक में पशुधन विकास, अवस्थापना एवं औद्य़ोगिक विकास आदि विभाग के कार्यों की समीक्षा की गई।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि सभी जिलाधिकारी नियमित मॉनिटरिंग कर सुनिश्चित कराएं कि सार्वजनिक स्थानों पर छुट्टा जानवर देखने को न मिले। गौ आश्रय स्थलों पर भूसा व चारे की पर्याप्त व्यवस्था रहे। गो आश्रय स्थल के किनारों पर वृक्षारोपण कराया जाए। आवश्यकतानुसार वृहद गो संरक्षण केंद्र के निर्माण का प्रस्ताव तत्काल पशुधन विभाग को उपलब्ध करा दिया जाए। आवश्यकता होने पर अस्थाई गौ आश्रय स्थल भी बनाये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुपुर्दगी के सहभागियों को डीबीटी के माध्यम से भुगतान के लिए आधार सहित पूर्ण विवरण का सत्यापन करते हुए पोर्टल पर शीघ्र अपलोड करा दिया जाए।बैठक में बताया गया कि डीबीटी के माध्यम से गो आश्रय स्थलों को भरण पोषण हेतु भुगतान गो-आश्रय पोर्टल के माध्यम से किया जाना है। गो-आश्रय पोर्टल पर 5,919 आश्रय स्थलों के डाटा अपलोड एवं लॉक कर दिये गये हैं। मास्टर ट्रेनर, खंड विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत/विकास अधिकारी, लेखपाल के प्रशिक्षण के उपरांत माह जून का भुगतान डीबीटी प्रक्रिया से किया जायेगा। इसी प्रकार सुपुर्दगी के सहभागियों का आधार फीडिंग, एकाउंट वेरीफिकेशन की कार्यवाही चल रही है, माह जुलाई का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया जाना प्रस्तावित है।
जनशिकायतों के निस्तारण के संबंध में उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में जन शिकायतों का गुणवतापरक एवं समयबद्ध निस्तारण की महत्वपूर्ण भूमिका है। शिकायतों को गुणवत्तापरक एवं समयबद्ध निस्तारण करने के साथ शिकायतकर्ताओं को संतुष्ट किया जाए। कार्यालय समय में अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहें। आईजीआरएस में असंतुष्ट फीडबैक देने वाले शिकायतों की नियमित समीक्षा करें, थाना दिवस और तहसील दिवस में प्राप्त शिकायतों का भी रिव्यू करें। उन्होंने शिकायतों के प्रभावी निस्तारण के लिये जनपदों द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी भी प्राप्त की।
उन्होंने कहा कि औद्योगीकरण शासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता में शामिल हैं। सभी जनपदों व इंडस्ट्रियल अथॉरिटी में उद्यमी मित्रों की नियुक्ति की जा चुकी है। सभी उद्यमी मित्र जनपद में जिलाधिकारी को रिपोर्ट करेंगे। निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए इन उद्यमी मित्रों का सहयोग लिया जाये। इन्हें बैठने व कार्य करने हेतु उचित स्थान उपलब्ध करा दिया जाये। इसके अलावा उद्यमी मित्रों के दिन प्रतिदिन कार्यों के निगरानी के लिये नोडल आफिसर नामित कर दिया जाये। उद्यमी मित्रों द्वारा मासिक कार्यों की सूचना पोर्टल पर अपलोड की जाएगी, जिसकी समीक्षा संबंधित जिलाधिकारी द्वारा की जाये।
उन्होंने जिलाधिकारियों द्वारा दिये प्रस्तुतिकरण की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने में हार्टिकल्चर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। बागवानी में किसानों को भी बेहतर आय हो सकती है। बागवानी में किसानों को संख्या बढ़ाने पर कार्य किया जाए। उन्होंने एफपीओ बनाने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि प्रदूषण से तमाम सारी बीमारियां होती हैं, सभी जिलाधिकारियों को प्रदूषण को कम करने के लिए कार्य करना चाहिये।
इससे पूर्व, जिलाधिकारी गाजियाबाद ने जनपद गाजियाबाद की वायु-गुणवत्ता में सुधार विषय पर प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि वायू प्रदूषण नियंत्रण के लिए ई-वाहनों, ई-बसों के संचालन में, यातायात की सुगमता हेतु डेडीकेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान तैयार किया गया। 10 साल पुराने डीजल वाहनों व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया। ईट भट्ठों का जिग-जैग टैक्नोलॉजी पर परिवर्तन कराया गया। वायु प्रदूषणकारी उद्योगों को स्वच्छ ईंधन में परिवर्तित कराया गया। जन-जागरुकता, वृक्षारोपण को बढ़ावा, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सहित अनेक प्रयास किये गये, जिससे गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक वर्ष 201़9-20 में 231 एक्यूआई से घटकर वर्ष 2022-23 में 195 एक्यूआई हो गया है।
इससे पूर्व, मुख्य विकास अधिकारी मिर्जापुर ने ’किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में प्रयास’ विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया बागवानी को बढ़ावा देने के लिए किसानों को बागवानी से जोड़ा जा रहा है। किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा एफपीओ और जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर समय-समय पर किसानों को बागबानी की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। इन प्रयासों से औद्यानिक किसानों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, वर्तमान समय में मिर्जापुर जनपद में 15,000 किसान कार्य कर रहे हैं। प्रधान मंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (पीएमएफएमई) के तहत 223 लाभार्थियों को 12 करोड़ रुपये का टर्म लोन स्वीकृत कराकर 4 करोड़ रुपये की सब्सिडी दिलायी गई।
बैठक में अपर मुख्य सचिव पशुधन रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार, सीईओ इऩवेस्ट यूपी अभिषेक प्रकाश, एसीईओ इऩवेस्ट यूपी प्रथमेश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।
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