बड़ौत, बागपत। बड़ौत दिगंबर जैन समाज समिति के तत्वावधान व ऋषभदेव सभागार मान स्तंभ परिसर में आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज का मंगल प्रवचन हुआ, जिसका संचालन पंडित दिनेश जैन द्वारा किया गया। आचार्य विराग सागर जी महाराज के चित्र का अनावरण विकास जैन भिंड द्वारा और दीप प्रज्ज्वलन अंकित जैन भिंड द्वारा किया गया। पाद प्रक्षालन का सौभाग्य अरविंद जैन और विकास जैन को प्राप्त हुआ।
धर्मसभा मे मंगल प्रवचन देते हुए अध्यात्म योगी, आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज ने कहा कि मृत्यु और आत्मा सबसे बड़े सत्य हैं। आज आदमी झूठ की जिंदगी जी रहा है। जो हम नही है, वह हम सबको बताना चाहते है और जो हम है, वह हम किसी को बताना नही चाहते। सत्य आपके भीतर है, जो आप वास्तव मे हो, उसे स्वीकार करो। आचार्य श्री ने सत्यवादी हरिश्चंद्र का उदाहरण दिया कि हमे उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। सत्य ब्रहम है।आचार्य श्री ने कहा कि यह आपके पुण्यो का ही फल है कि आपको जिनवानी दिगंबर संतो के मुख से सुनने को मिल रही है। यदि आप माँ जिनवानी का श्रवण करो, जैन शास्त्रों का अध्ययन करोगे तो कुरीतियों से दूर रहोगे। अपने बच्चों को धर्म सभा मे लाओगे तो वे व्यस्नो से बचे रहेंगे।
सभा मे मुनि श्री सौम्य सागर जी महाराज ने भी मंगल प्रवचन दिये। धर्म सभा में प्रवीण जैन, अतुल जैन,अनिल जैन, दीपक जैन, धनपाल जैन, अशोक जैन, धनेंद्र जैन, विवेक जैन, वरदान जैन, संदीप जैन, मनोज जैन और काफी संख्या मे भिंड, दिल्ली, भोपाल से आये श्रद्धालु उपस्थित थे।