Monday, November 25, 2024
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बाढः राजधानी दिल्ली हाई एलर्ट पर

⇒बचाव के लिए 45 नावें तैनात, राहत कार्यों के लिए एनजीओ से मदद की गुहार

नई दिल्लीः राजीव रंजन नाग। पूरे उत्तर भारत में बारिश का कहर जारी है। भारी बारिश की वजह से कई राज्यों में बाढ़ के हालात बनते जा रहे हैं। राजधानी दिल्ली में भी यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ते देख सभी एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने एहतियात के तौर पर बाढ़ग्रस्त इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी है। दिल्ली सरकार का मानना है कि कुछ दिन तक ऐसे हालात बने रह सकते हैं।
केंद्रीय जल आयोग के एक सीनियर अधिकारी ने बताया है कि दिल्ली में यमुना ने साल 1978 के 207.49 मीटर के अब तक के सर्वाधिक रेकॉर्ड को तोड़ दिया है। आज दोपहर यमुना 207.55 मीटर पर बह रही है। दिल्ली में यमुना नदी बुधवार को 45 साल पुराने रिकॉर्ड को पार करते हुए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। दिल्ली के संकट के मद्देनजर, दिल्ली पुलिस ने शहर के संवेदनशील हिस्सों में सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया।
केंद्रीय जल आयोग ने आज रात तक यमुना का लेवल और बढ़ने का अनुमान लगाया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘दिल्ली के लिए यह गुड न्यूज नहीं है।’ उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में दिल्ली में बारिश नहीं हुई है, लेकिन यमुना का स्तर लगातार बढ़ रहा है। क्योंकि हथिनीकुंड बैराज, हरियाणा से लगातार रिलीज किया जा रहा है। उन्होंने केंद्र से दखल देने और यह सुनिश्चित करने को कहा है जिससे यमुना का लेवल न बढ़े।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर केजरीवाल ने यमुना में जल स्तर को प्रबंधित करने में मदद के लिए हरियाणा में हथिनीकुंड बैराज से सीमित मात्रा में पानी छोड़ने का अनुरोध किया। केजरीवाल ने जिलाधिकारियों को यमुना में बढ़ते जल स्तर के कारण यदि आवश्यक हो तो स्कूलों को राहत शिविरों में बदलने का भी निर्देश दिया। दिल्ली में यमुना बुधवार को 207.71 मीटर तक बढ़ गई, जो 1978 में बनाए गए 207.49 मीटर के अपने पिछले रिकॉर्ड को पार कर गई। जल स्तर में वृद्धि के कारण श्री केजरीवाल की अध्यक्षता में एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई।
रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर 2013 के बाद पहली बार सुबह चार बजे 207 मीटर के निशान को पार किया। ऐसे में पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया गया। निचले इलाके में रहने वाले लोगों को ऊंचाई वाले इलाकों में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। बचाव कार्यों के लिए 45 नावें तैनात की गई हैं और निकाले गए लोगों को राहत देने के लिए गैर सरकारी संगठनों की मदद ली जा रही है। अतिरिक्त पानी छोड़ने और लंबे समय तक उच्च जलस्तर को रोकने के लिए ओखला बैराज के सभी दरवाजे खोल दिए गए हैं। संबंधित जिलों के सभी जिलाधिकारी और सेक्टर समितियां अलर्ट मोड पर हैं।
मुख्यमंत्री ने यमुना नदी के पास के निचले इलाकों के निवासियों से जगह खाली करने का आग्रह किया है। नदी के पास के घरों और बाजारों में पानी घुसने के कारण हजारों लोगों को पहले ही सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है। केंद्रीय जल आयोग के अनुमानों से पता चलता है कि जल स्तर और बढ़ने की संभावना है।
दिल्ली के लिए बाढ़ कोई नई बात नहीं है, 1924, 1977, 1978, 1995, 2010 और 2013 में बड़ी बाढ़ दर्ज की गई। विश्लेषण सितंबर में बाढ़ की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाता है, जबकि जुलाई में घटती प्रवृत्ति देखी गई है। विशेषज्ञों ने रिकॉर्ड जल स्तर के लिए महत्वपूर्ण गाद संचय के कारण नदी तल की ऊंचाई को जिम्मेदार ठहराया है। अपर्याप्त ड्रेजिंग और नदी के प्रवाह में बाधा डालने वाले पुलों और बैराजों की बहुतायत के कारण नदी के तल में गाद जमा हो गई है।