बागपत। उत्तर प्रदेश के बागपत में दाहा गांव निवासी उत्तर प्रदेश पुलिस में पीआरवी पर हरदोई में तैनात जांबाज जवान सूरज ने फांसी पर लटकी एक महिला को अपनी सक्रियता व त्वरित सेवा देते हुए फंदे से उतारकर उसके जीवन को बचा लिया। इस सराहनीय कार्य के लिए उसे लखनऊ मुख्यालय से पुलिस सेवा के लिए प्रशस्ति पत्र मिला है।
अपनी त्वरित कार्यवाही से उसने जनपद का मान बढाकर एक मिसाल पेश की है। जैसे ही लोगों को इस सराहनीय कार्य की जानकारी मिली तो उसके पैतृक गांव दाहा में उसके घर पर परिजनों को बधाई देने वालों का दिनभर तांता लगा रहा।
दरअसल, वर्ष 2019 से यूपी पुलिस में 112 में कमांडर पद पर सेवा दे रहे दाहा गांव निवासी सूरज राणा की प्राथमिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर में हुई और बचपन से ही अपने पिता मास्टर देवेंद्र राणा व अपने आचार्यों से सेवा, अनुशासन और तत्परता का पाठ पढा था। उसी का पालन करते हुए वे आज भी पुलिस विभाग में अपनी पहचान बनाए हुए है।
कृषि उत्पादक संघ (एफपीओ) बिनौली के सभापति व सूरज राणा के पिता मास्टर देवेंद्र राणा बताते हैं कि, कोरोना काल में भी सूरज राणा ने बिना किसी घबराहट के प्रतिदिन गरीबों को समय पर भोजन की व्यवस्था कराने में सराहनीय योगदान रहा था।
उन्होंने बताया कि हरदोई जनपद के थाना साण्डी अंतर्गत एक गांव में झगड़े की सूचना मिली थी, तुरंत मौके पर जाने पर पता चला कि महिला ने कमरे का दरवाजा बंद कर फांसी लगा ली है। तुरंत ही सूरज राणा ने अन्यों के सहयोग से दरवाजे को तोडा और महिला को फांसी के फंदे से उतारा। सूरज ने दूरभाष पर बताया कि महिला को बेहोशी की हालत में तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी जान बच गई। महिला की जान बचाए जाने के प्रशंसनीय कार्य पर लखनऊ स्थित यूपी 112 मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक दिनेश त्रिपाठी ने पीआरवी 3266 के कमांडर सूरज राणा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। वही दूसरी ओर उसके दाहा गाँव में भी अपने होनहार सूरज राणा द्वारा गांव व जनपद का नाम रोशन करने पर उसके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।