मथुरा। भवन निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं में अपात्रों ने सेंधमारी कर दी है। इस तरह की शिकायतें मिलने के बाद विभाग ने अब ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही और वसूली की कार्यवाही शुरू की है। सहायक श्रम आयुक्त एमएल पाल के मुताबिक उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड ने आदेश जारी किए हैं कि जिन कामगारों ने गलत जानकारी देकर योजनाओं का लाभ लिया है। उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। ऐसे लोगों के खिलाफ आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कराए जाने के साथ ही भू राजस्व के तहत वसूली की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि हालांकि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें काम करने वालों के लिए परिस्थितियां बदलती रहती हैं। कई बार ऐसा होता है कि जिस समय कामगार ने पंजीकरण कराया वह इस क्षेत्र में कार्यरत था लेकिन बाद में उसने कोई दूसरा काम शुरू कर दिया लेकिन पंजीकरण होने की वजह से वह निर्माण कार्य के मजदूरों के हितों में चलाई जा रही योजनाओं का भी लाभ लेता रहा। ऐसे लोगों को भी अपात्र की श्रेणी में माना जाएगा और उनके खिलाफ भी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। हालांकि ऐसे मजदूर अपना पंजीकरण निरस्त करा सकते हैं। जिससे वह आरोपित होने से बच सकेंगे। वास्तव में जो निर्माण क्षेत्र के श्रमिक हैं उन्हें ही योजनाओं का लाभ देने का नियम है। अपात्र श्रमिक इसके तहत किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन नहीं कर सकते। अगर तथ्य छुपा कर लोग ऐसा करते हैं तो यह दंडनीय अपराध है। लेकिन जो लोग निर्माण श्रमिक के तौर पर कभी भी काम नहीं करते थे और उन्होंने गलत सूचनाएं देकर योजनाओं का लाभ लिया है उनके खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।