भोगनीपुर, कानपुर देहात। सिकंदरा तहसील के जल्लापुर सिकंदरा गांव निवासी रामऔतार ने उप जिलाधिकारी को लिखित शिकायती प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि ग्राम पंचायत जल्लापुर सिकंदरा में उपजाऊ जमीन का मुकदमा विचाराधीन है। जबकि एसडीएम कोर्ट सिकंदरा से मुकदमा कानपुर कमिश्ननरी कोर्ट में विचाराधीन है। वही गांव के सुरेश पुत्र रामजीवन निवासी जल्लापुर सिकंदरा प्रार्थी की जमीन में खाड़ी फसल धान मक्का बाजार तुरिया लूबिया जैसी फसल खड़ी है। किसानों को जब लेखपाल और कानूनगो की टीम खेत की नपाई के लिए आने की सूचना मिलने के पहले एक दर्जन से ज्यादा किसानों ने 1 घंटे से ज्यादा प्रदर्शन किया। वही पर जबकि नियम है कि खेत में फसल ना बोई जाए इसके पहले नाप तोल हो जानी चाहिए। मई जून के महीने में नापतोल की जाती है और कब्जा दिलाया जाता है। गांव के किसान रामऔतार कमलेश सीताराम राजेंद्र रमेश किशन राजू सीमा अंशी रूबी माया हंसी पल्लवी राज आज किसानों की जमीन है। इन किसानों ने विरोध किया की खेत में फसल बोई है। फसल कटने के बाद नाप तोल चटबंदी की जाए और जिसकी जमीन हो उसको कब्जा दिलाया जाए।मौके पर पहुंचे कानूनगो प्रमोद पाल लेखपाल शशांक कटियार ने बताया कि एसडीम सिकंदरा के आदेशानुसार खेती की नापतोल और चाटबंदी का आदेश दिया था। जिसके आदेश के अनुसार मौके पर पहुंचे थे। तभी गांव के किसानों ने काफी विरोध किया बगैर नापतोल किए ही वापस लौट आए। ऐसे मे बड़ी बात यह है मई जून के महीने में चाट बंदी नापतोल की जाती है और कब्जे दार को कब्जा दिलाया जाता है जबकि खेतों में फसल खड़ी होने से कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है। इस संबंध में सिकंदरा एसडीएम डॉक्टर पूनम गौतम ने बताया कि जानकारी नहीं है कि खेतों में फसल खड़ी है अगर ऐसा होता है तो फसल काटने के बाद कार्रवाई की जाएगी।