⇒हल्की बारिश से तालाब में तब्दील हुआ परिसर
संतकबीरनगर। जनपद के सबसे घनी आबादी वाले ब्लॉक क्षेत्र सेमरियावा के लाखों लोगों के सेहत का ख्याल रखने वाला एक मात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुद बीमार है। जिसकी जीती जागती तस्वीर उस वक्त कैमरे में कैद हुई जब मरीज अपना इलाज कराने के लिए इस सरकारी अस्पताल पर जा रहे थे। जनपद के सबसे बड़े और घने आबादी वाले इस ब्लॉक क्षेत्र के एक मात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचने के लिए मरीजों को काफी कठिनाइयां उठानी पड़ रही है। क्योंकि अस्पताल के गेट पर बरसात का पानी घुटनों तक लगा हुआ है। तालाब के रूप में नजर आने लगा यह सरकारी अस्पताल सरकार के उन दावों की पोल खोलने के लिए काफी है। जिसमें सरकार विकास और अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं का डंका पीट कर खुद की पीठ थपथपाती है। सीएचसी सेमरियावां में इलाज कराने पहुंचने वाले मरीजों को हर रोज दुश्वारियां उठानी पड रही है। जिसके समाधान के लिए न तो अफसर ही कोई कदम उठा रहें हैं और न ही जनप्रतिनिधि। गौरतलब हो कि वर्षाे से चले आ रहे इस समस्या को दूर करने के लिए पूर्व प्रमुख मुमताज अहमद ने खुद के कार्यकाल में प्रयास करते हुए जल निकासी के लिए नाला का प्रस्ताव लाये थे, इस नाले की कुछ खुदाई भी हुई लेकिन कुछ वजहों से अचानक ही नाला निर्माण का कार्य बंद हो गया। जिसके कारण आज भी यह समस्या जस की तस बनी हुई है। जिले के सबसे बड़े ब्लॉक का यह अस्पताल किसी भागीरथी प्रयास का इंतजार कर रहा है शायद, पर जल निकासी की समस्या कब खत्म होगी ये तो अधिकारी और नेता जाने। वहीं इस समस्या पर अपना दर्द साझा करते हुए सीएचसी प्रभारी डॉक्टर सुरेश चंद्रा ने बताया कि अस्पताल के अंदर तो हम सभी सुविधाएं मुहैया करा रखे है पर बाहर की समस्याओं का निराकरण जिनके कंधों पर वो लोग इस पर ध्यान नहीं दे रहें है। इस संबंध में हमने ग्राम प्रधान और बीडीओ साहब को भी अवगत कराया लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण जलजमाव की स्थिति बनी हुई है। सबसे बड़ा सवाल है कि ब्लॉक मुख्यालय से सटे हुए सरकारी अस्पताल का जब यह हाल है तो दूरस्थ ग्राम पंचायत में क्या हाल होगा। वहीं इस संबंध में ग्राम प्रधान से जब इस जल निकासी की समस्या को दूर करन ेकी बात की गई तो उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत इस समय कुछ नहीं कर सकती।