♦ कृषि विज्ञान केंद्र पर आयोजित 4 दिवसीय प्रशिक्षण का समापन
विश्व बन्धु शास्त्रीः बागपत। कृषि विज्ञान केन्द्र, खेकड़ा पर चल रहे सब्जियों में एकीकृत कीट व रोग प्रबंधन विषय पर 4 दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज समापन हो गया। अंतिम दिन कृषि वैज्ञानिकों ने जैविक विधि द्वारा सब्जियों में रोग व कीट नियंत्रण के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम प्रभारी पादप सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. शिवम सिंह ने बताया कि आजकल किसान अपने खेतों में जरूरत से ज्यादा हानिकारक कीटनाशकों का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे हमारे खेतों, फसलों तथा सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने जैविक विधि द्वारा रोग व कीट नियंत्रण हेतु किसानों को प्रेरित किया। उन्होंने जैविक विधि में उपयोग होने वाले विभिन्न कारकों जैसे गंध पाश (फेरोमोन ट्रैप), फल मक्खी ट्रैप, लाइट ट्रैप, स्टिकी ट्रैप (चिपचिपा कार्ड), जैव कीटनाशकों व कवकनाशको इत्यादि के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हमारे खेत में बहुत सारे मित्र कीट पहले से ही उपलब्ध होते हैं, हमें उन्हें पहचानना आना चाहिए। जिससे उनका संरक्षण किया जा सके। सब्जियों में कीट नियंत्रण हेतु गंध पाश, फल मक्खी ट्रैप एवं प्रकाश प्रपंच (लाइट ट्रैप) का इस्तेमाल किया जा सकता है।डॉ. शिवम ने बताया कि अधिकतर कीट पीले रंग पर आकर्षित होते हैं, इनके नियंत्रण हेतु खेत में पीला चिपचिपा कार्ड का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
कीट व रोग का शुरूआत में संक्रमण होने पर हम नीम के तेल व नीम के बीज के अर्क का भी इस्तेमाल कर सकते हैं तथा बुवाई से पहले विभिन्न जैव कीटनाशक व कवकनाशकों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे मृदा में उपस्थित हानिकारक सूक्ष्म जीवों व कीटों का नियंत्रण हो सके। इस दौरान किसानों को केंद्र के क्षेत्र का भी भ्रमण कराया गया।
प्रशिक्षण समापन के दौरान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत ने किसानों से प्रशिक्षण कार्यक्रम से संबंधित प्रतिक्रिया ली और उनको जैविक विधि से रोग व कीट नियंत्रण हेतु प्रेरित भी किया। इस दौरान कपिल, सोनू, मोनू, विनीत, आदेश, विपिन, कामेश्वर इत्यादि कृषक मौजूद रहे।