रायबरेली। सीएमओ वीरेंद्र सिंह ने बताया कि फाइलेरिया लाइलाज बीमारी है। इसका कोई उपचार नहीं है, इससे बचाव ही इसका उपचार है। इसलिए हर किसी को साल में एक बार फाइलेरिया से बचाव की दवा जरूर खानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति यह दवा खाने से छूट गया है तो 29 अगस्त से दो सितंबर के मध्य चलाए जा रहे मॉपअप राउंड में वह व्यक्ति स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सामने दवा खा सकता है। फाइलेरिया बीमारी किसी को भी हो सकती है। इसलिए भ्रम न पालें और दवा का सेवन जरूर करें।
दवा के दुष्प्रभाव से घबराएं नहीं-
नोडल अधिकारी डॉ. श्री कृष्ण ने बताया कि दवा का सेवन स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने ही करवाएंगे। दवा खाली पेट नहीं खानी है। दवा खाने के बाद किसी-किसी को जी मिचलाना, चक्कर या उल्टी आना, सिर दर्द, खुजली की शिकायत हो सकती है, ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। ऐसा शरीर में फाइलेरिया के परजीवी होने से हो सकता है, जो दवा खाने के बाद मरते हैं। ऐसी प्रतिक्रिया कुछ देर में स्वतः ठीक हो जाती है।
ऐसे करें बचाव-
जिला स्वास्थ्य सूचना अधिकारी डी. एस. अस्थाना ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए मच्छरों से बचना जरूरी है और मच्छरों से बचाव के लिए घर के आस-पास पानी, कूड़ा और गंदगी जमा न होने दें। घर में भी कूलर, गमलों अथवा अन्य चीजों में पानी न जमा होने दें। सोते समय पूरी बांह के कपड़े पहने और मच्छरदानी का प्रयोग करें। यदि किसी को फाइलेरिया के लक्षण नजर आते हैं तो वे घबराएं नहीं। स्वास्थ्य विभाग के पास इसका पूरा उपचार उपलब्ध है। विभाग स्तर पर मरीज का पूरा उपचार होता है। इसलिए लक्षण नजर आते ही तुरंत सरकारी अस्पताल जाएं।