नई दिल्ली/ मुम्बई: राजीव रंजन नाग। 28 विपक्षी दलों का इँडिया एलायंस ने कहा है कि वह 2024 का लोकसभा चुनाव “जहाँ तक संभव हो सके साथ मिलकर” लड़ेगा। पार्टियों ने “विभिन्न भाषाओं में “जुडेगा भारत, जीतेगा इंडिया” थीम के साथ संबंधित संचार और मीडिया रणनीतियों और अभियानों का समन्वय करने का संकल्प लिया।
इँडिया एलायंस की तीसरी बैठक में उन विवादित मुद्ददों पर चर्चा से परहेज किया गया जिसमें सीट शेयरिंग, एलायंस का संयोजक तथा साझा कार्यक्रम को लेकर फैसला लिया जाना था। हालांकि हालाँकि, अधिक सकारात्मक समाचार में, गठबंधन ने संभावित न्यूनतम साझा कार्यक्रम और देश भर में सीट-बंटवारे की कांटेदार समस्या जैसे मुद्दों और चुनौतियों पर काम करने के लिए 14-सदस्यीय क्रॉस-पार्टी “समन्वय समिति” की घोषणा की। एलायंस की पहली बैठक पटना और दूसरी बैठक बेंग्लूरु में आयोजित की गई थी। शिव सेना के संजय राउत ने कहा कि इंडिया एलायंस की समन्वय समिति (कॉर्डिनेशन कमेटी), कैंपेन कमेटी, वर्किंग ग्रुप ऑफ सोशल मीडिया और वर्किंग ग्रुप ऑफ रिसर्च कमेटी का गठन हुआ है जिसमें सभी पार्टियों के सदस्य हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अभूतपूर्व तीसरे कार्यकाल का दावा करने से रोकने के लिए विपक्ष आपस में संगठित होने की चुनौती का समना कर रहा है। विपक्षी दलों की बैठक में सदस्यों ने भारतीय जनता पार्टी से मुकाबला करने के लिए एक निश्चित हथियार के रूप में अपने को पेश करने की कोशिश कर रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘बीजेपी संस्थानों पर पूरा कब्जा चाहती है। वो ईडी निदेशक, सीबीआई निदेशक, चुनाव आयोग आयुक्त और जजों की नियुक्ति को नियंत्रित करना चाहती है। बीजेपी और आरएसएस ने बीते 9 सालों में जो सांप्रदायिक जहर फैलाया है उसका असर ट्रेन यात्री और स्कूली बच्चों के खिलाफ नफरती अपराध में नजर आने लगा है। आश्चर्य की बात नहीं है कि देश के हिस्से में बलात्कार के दोषियों को रिहा किया जाता है और स्वागत किया जाता है। इससे दूसरे हिस्से में महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध बढ़ता है और उन्हें नग्न परेड कराया जाता है। मोदी के भारत में कारगिल वीर की पत्नी को भी नहीं छोड़ा जाता।’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि इस मंच पर मौजूद पार्टी देश की 60 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करती हैं। ये एकजुट रहीं तो बीजेपी का हारना तय है। अब बीजेपी का जीतना नामुमकिन है। हमारे बीच मतभेद हैं लेकिन उन्हें दूर किया जा रहा है।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इंडिया गठबंधन मोदी सरकार के पतन का कारण बनेगा। इसलिए बहुत बड़ी-बड़ी ताकतें इसे तोड़ने की साजिश रच रही हैं। हमारे खिलाफ अफवाह फैलाई जा रही हैं। हमारे बीच कोई झगड़ा नहीं है। हम सभी एकजुट हैं। मोदी सरकार देश की सबसे भ्रष्ट और अहंकारी सरकारहै। केजरीवाल ने कहा कि इंडिया गठबंधन केवल कुछ नेताओं का नहीं है बल्कि देश के करोड़ों लोगों का है, मोदी सरकार अब तक की देश की सबसे भ्रष्ट और अहंकारी सरकार है।
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि हमारे गठबंधन की बैठक के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने ‘घमंड़िया’ शब्द का इस्तेमाल किया। इससे साबित होता है कि ‘घमंडिया’ कौन है? उन्हें लोगों का एक साथ आना भी पसंद नहीं है। मैं वादा करता हूं कि हम नहीं रुकेंगे और हम गलत रास्ते पर नहीं जाएंगे. हम देश में एक स्वच्छ प्रशासन देने के लिए सब कुछ करेंगे।
एलायंस की बैठक में हालांकि भाजपा को सत्ता में वापिस आने से रोकने के सवाल पर विपक्षी दल एक मत दिखे लेकिन 2024 के चुनाव से पहले किसी संयुक्त कार्यक्रम पर स्पष्टता नहीं दिखी। लोक सभा का चुनाव हालांकि मई 2024 में प्रस्तावित है लिकन ममता बनर्जी की माने तो नरेंद्र मोदी यह चुनाव समय से पहले भी कराने की सिफारिश कर सकते हैं।
बैठक में शामिल एक सीनियर सांसद ने बताया कि अभियानों और रैलियों की योजना बनाने, सोशल मीडिया को संभालने और डेटा का प्रबंधन करने में मदद के लिए “समन्वय समिति” के अलावा चार अन्य समितियों की योजना बनाई जा रही है।
“समन्वय समिति” इंडिया एलायंस की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था होगी, और इसमें कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, शिव सेना यूबीटी, राष्ट्रीय जनता दल, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और जनता पार्टी के प्रतिनिधि शामिल होंगे। दल (यूनाइटेड)। इसके अलावा समिति में नेशनल कॉन्फ्रेंस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी भी हैं।
इँडिया एलायंस की तीन बैठकों के बाद, जो शायद सबसे खुशनुमा संदेश यह है भाजपा विपक्ष के इस गठजोड़ को तोड़ने सफल नहीं हो सकी है।
18 से 22 सितंबर के बीच अचानक संसद के विशेष सत्र बुलावे के के केंद्र के फैसले के बीच एलायंस की तीसरी बैठक हो रही है। इस सत्र का एजेंडा अभी तक सामने नहीं आया है लेकिन लेकिन ऐसी अटकलें हैं कि महिला आबादी को खुश करने के लिए सरकार बहुप्रतीक्षित महिला विधेयक और लोक सभा के साथ विधान सभाओँ चुनाव एक साथ कराने को लेकर भी विधेयक ला सकती है।
सूत्रों ने बताया कि मुंबई में विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस नेता पूर्व नेता कपिल सिब्बल की अप्रत्याशित शामिल से कांग्रेस के अनेक नेता नाराज थे। सिब्बल ने पिछले साल कांग्रेस से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी की नदद से राज्य सभा के सदस्य बन गए थे। सूत्रों ने कहा कि श्री सिब्बल, जिन्होंने पिछले साल पार्टी छोड़ दी वह “किसी भी पार्टी के साथ नहीं रहना चाहते थे।” वह इस बैठक के लिए आधिकारिक आमंत्रित सदस्य नहीं थे और उनकी उपस्थिति ने पूर्व सहयोगियों को नाराज कर दिया है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने विपक्षी नेताओं के फोटो सेशन से पहले श्री सिब्बल की महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री उद्धव ठाकरे से शिकायत की है। श्री ठाकरे की शिव सेना बैठक की मेजबानी कर रही है। सिब्बल की उपस्थिति पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की। बाद मं कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल को कपिल सिब्बल की उपस्थिति स्वीकार करने के लिए राजी किया गया।