मथुरा : श्याम बिहारी भार्गव । कान्हा की नगरी श्री धाम वृंदावन में हिन्दू मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल कायम है। मुस्लिम कारीगर कान्हा के साथ साथ अन्य हिंदू देवी देवताओं को धारण कराई जाने वाली पोशाक एवं मुकुट श्रृंगार को पूजा मानकर तैयार करते हैं। इस बार भी जन्माष्टमी निकट है, इसलिए कन्हैया की पोशाक बनाने में मुस्लिम कारीगर जुट हुए हैं। भगवान की पोशाक और मुकुट श्रृंगार तैयार के लिए यहां दर्जनों कारखाने चल रहे हैं। जहां करीब एक हजार से अधिक मुस्लिम कारीगर दिन रात मेहनत कर काम कर रहे हैं। इन दिनों कारीगर जन्माष्टमी के लिए पोशाक एवं मुकुट श्रृंगार तैयार करने में जुटे हुए हैं। पोशाक कारीगर अल्ताफ का कहना है कि ईश्वर अल्लाह सब एक हैं। इबादत का तरीका भले ही अलग अलग हो, लेकिन हम सब एक ही भगवान के बंदे हैं। वह ठाकुर जी की पोशाक बनाने को भी पूजा मानते हैं। उन्हें गर्व है, कि देश विदेश के मंदिरों समेत घर घर में विराजमान भगवान उनके हाथ की बनाई पोशाक धारण कर रहे हैं। कारीगर रहीश एवं सलमान ने बताया कि वह भगवान की पूजा और अल्लाह की इबादत में अंतर नहीं मानते। पूरी निष्ठा और पवित्र भावना से भगवान की पोशाक एवं मुकुट श्रृंगार तैयार करते हैं। कारीगर इरफान ने बताया कि वह अधिकांश काम शोरूम संचालकों के लिए जॉब वर्क के रूप में मजदूरी पर करते है। त्योहार के समय काम कुछ ज्यादा होता है। आजकल जन्माष्टमी की पोशाक और उनकी मैचिंग का मुकुट श्रृंगार तैयार करने पर ज्यादा जोर है। जन्माष्टमी के लिए नई नई वैराइटी और डिजाइन की ठाकुर जी की पोशाक देश-विदेश भेजी जा रही हैं। स्थानीय भक्त भी डिजाइनर पोशाक पसंद कर रहे हैं। जरदोजी, आरी, स्टोन वर्क, कुंदन वर्क, रेशम वर्क, सिरोस्की एंड सेफ्टी वर्क से तैयार मोर, तोता, कमल, सूरजमुखी, माखन मिश्री, कलश, गणेशजी, वन उपवन, चिड़िया, गाय, रथ, भगवान पर जल बरसाते हाथी आदि डिजाइन की पोशाक खरीदी जा रही हैं। इसके दाम भी 200 से 250 से लेकर हजारों तक में हैं। पोशाक एवं मुकुट श्रृंगार शोरूम संचालक कपिल अग्रवाल ने बताया कि जन्माष्टमी पर्व के लिए इस बार उनके यहां कई वैरायटी की डिजाइनर पोशाक उपलब्ध हैं।
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