कमल नैन नारंगः नई दिल्ली। एरिक्सन द्वारा प्रकाशित नवंबर 2024 की मोबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक भारत में 5G सब्सक्रिप्शन कुल मोबाइल सब्सक्रिप्शन का 74 प्रतिशत होने की संभावना है। वैश्विक मोबाइल नेटवर्क डेटा ट्रैफिक में 2024 से 2030 के अंत तक लगभग 200 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। वैश्विक स्तर पर 2030 तक लगभग 6.3 बिलियन 5G सब्सक्रिप्शन होने का अनुमान है, जिनमें से 60 प्रतिशत 5G स्टैंडअलोन (SA) होंगे। भारत में प्रति स्मार्टफोन औसत मासिक डेटा उपयोग 32 GB है, जो 2030 तक बढ़कर 66 GB तक पहुंचने की संभावना है। इसके अलावा, जनरेटिव एआई (GenAI) वीडियो खपत और अपलिंक आवश्यकताओं में वृद्धि कर सकता है, जिससे मोबाइल नेटवर्क ट्रैफिक पर असर पड़ेगा। रिपोर्ट के अनुसार, 5G नेटवर्क 2030 तक कुल मोबाइल डेटा ट्रैफिक का लगभग 80 प्रतिशत संभालने की संभावना है, जबकि 2024 के अंत में यह आंकड़ा 34 प्रतिशत था। 2030 तक वैश्विक FWA कनेक्शन का लगभग 80 प्रतिशत 5G पर आधारित होने की संभावना है।भारत में 2024 के अंत तक 270 मिलियन 5G सब्सक्रिप्शन होने का अनुमान है, जो क्षेत्र के कुल मोबाइल सब्सक्रिप्शन का 23 प्रतिशत होगा। 2030 तक यह आंकड़ा बढ़कर लगभग 970 मिलियन तक पहुंचने की संभावना है। इस वृद्धि के कारण, 4G सब्सक्रिप्शन 2024 में 640 मिलियन से घटकर 2030 में 240 मिलियन तक पहुंचने की संभावना है।भारत में 5G की गति को देखते हुए, मध्य-बैंड तैनाती 2024 के अंत तक लगभग 95 प्रतिशत जनसंख्या तक पहुंचने की उम्मीद है, जो बड़े पैमाने पर 5G नेटवर्क विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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