बछरावां रायबरेलीः जन सामना ब्यूरो। सरकार द्वारा विकास कार्यों में कराये जाने वाले कार्यों में लगने वाली सामगी की सरकार द्वारा नई दर घोषित किये जाने से प्रधानों में आक्रोश उत्पन्न हो गया है। और उन्होंने विकास कार्य कराने से हाथ खड़े कर दिये है। प्रधान प्रतिनिधि समोधा राजेश सिंह नें कहा कि जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार आयी है। मौरंग के रेट आसमान चूम रहें है। फिर भी ग्राम सभाओं का विकास कार्य कराया जा रहा था। इसमें जो घाटा होता था। उसे अन्य सामानों से बचत करके समायोजित कर दिया जाता था। मौजूदा समय में सरकार नें सीधा खंजड़ ईंटा का रेट 6200 रूपये प्रति हजार से घटाकर 4900 रूपये कर दिया है। अव्वल ईंटे का भाव 6500 से घटाकर 5250 तथा सीमेन्ट का रेट 343 रूपये प्रति बोरी से घटाकर 225 रूपये व 250 रूपये प्रति बोरी कर दिया गया है। यह रेट बाजारू कीमत से कहीं बहुत ज्यादा कम है। राजामऊ प्रधान राकेश तिवारी नें कहा कि जो 40 एम0एम0 गिट्टी 1200 प्रति स्क्वायर मीटर का रेट निर्धारित था उसे घटाकर 850 रूपयें तथा मौजूदा समय में जो मौरंग 80 रूपये प्रति घनफुट में मिल रही है उसका रेट प्रति घनमीटर 1980 से घटाकर 910 रूपये कर दिया गया है। बालू 1510 के बजाय 700 रूपये तथा सरिया की दर 4650 से घटाकर 3520 कर दी गयी है। इन स्थितियों में प्रधान अपना घर खेती बेंचकर विकास कार्य कराना चाहे तभी सम्भव हो पायेगा। उन्होंने कि सरकार ग्राम प्रधानों को बेईमान समझनें की भूल कर रही है। जो उसके लिए बहुत ही घातक है। सरकार की इस नीति के चलते ग्राम सभाओं के विकास कार्य पूरी तरह ठप्प हो जायेंगे। सरकार इस नीति का ग्राम प्रधान रैन, रामबहादुर यादव, ग्राम प्रधान इचैली वीरेन्द्र सिंह, ग्राम प्रधान उचैरी आयोध्या सिंह, देवपुरी प्रधान अमरेन्द्र, प्रधान रामबक्श, रामदेव, मोलहेराम, रामहेतु सहित सारे प्रधानों नें तीव्र आलोचना की है।