Monday, November 25, 2024
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डीएम की स्वच्छ छवि पर बट्टा लगा रहा है जेई!

रायबरेली विकास अपने अनोखी कार्यप्रणाली के लिए चर्चा का विषय बना
रायबरेलीः जन सामना ब्यूरो। शासनादेश पर भी भारी पड़ रहा है रायबरेली विकास प्राधिकरण में तैनात अवर अभियंता सुनील कुमार त्यागी। जी हां चौकिये नहीं दस्तावेज कुछ यही बयां कर रहे हैं। अवर अभियंताओं की मनमानी के क्रम में मिल रही शिकायतों को दृष्टिगत रखते हुए और भारतीय जनता पार्टी की नई सरकार के मजबूत इरादों को भापते हुए आवास एवं शहरी नियोजन अनुभाग 5 के संयुक्त सचिव द्वारा दिनांक 31 अगस्त 2017 को पत्र संख्या 2239/8-5-2017 को शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर उपाध्यक्ष समस्त विकास प्राधिकरण उत्तर प्रदेश एवं अध्यक्ष समस्त विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण उत्तर प्रदेश को भेजा गया। लेकिन रायबरेली विकास प्राधिकरण ने इस आदेश को दरकिनार करते हुए एक अवर अभियंता पर विशेष कृपा की और उसे जोन 4ए में तैनात रखा है। इतना ही नहीं सूत्रों की माने तो इन अवर अभियंता महोदय को तत्कालीन जिलाधिकारी एवं उपाध्यक्ष रायबरेली विकास प्राधिकरण अभय सिंह द्वारा सख्त निर्देश देते हुए तत्काल प्रभाव से प्रवर्तन के कार्य से अलग कर योजना व अन्य कार्यों में तैनात करने के आदेश निर्गत किए थे। किंतु आदेश के तुरंत बाद निवर्तमान जिलाधिकारी का स्थांतरण हो जाने का लाभ उठाते हुए अधिकारियों को गुमराह कर के अपने उस आदेश को दबाने में भी कामयाबी हासिल कर ली। इस अवर अभियंता पर विभागीय मेहरबानियों की हद तो तब हो गई जब शासनादेश के अनुपालन में 3 माह के उपरांत सभी अवर अभियंता व सहायक अभियंताओं के जोन परिवर्तित किए जाये किंतु सुनील कुमार त्यागी पर विशेष कृपा बरतते हुए उन्हें जोन 4ए में फिर से तैनाती दे दी गई। इस संबंध में जब प्रभारी सचिव व मुख्य अभियंता त्रिलोकी नाथ से जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया कि पिछली बार जब अवर अभियंता सुनील कुमार त्यागी को जोन 4ए में तैनाती दी गई थी तब उनके घर पर कोई ट्रेजडी हो गई थी जिसके कारण उन्होंने उस जोन में कम काम किया इसलिए उन्हें पुनः जोन 4ए का चार्ज दिया गया है। ये मेहरबानियां ही सवालों के घेरे में है लोग तो यह तक कह रहे है कि इस आदेश से ही अन्दाज लगा लेना चाहिए कि एई की जड़े कितनी और किस स्तर तक मजबूत है? तो यह रहा विभागीय आदेशों व अधिकारियों का कहना। वहीं दूसरी ओर अगर सूत्रों की माने तो विभाग समेत विकास प्राधिकरण क्षेत्र में यह चर्चा है कि कोई भी अधिकारी अपने कमाऊ पूत को कमाऊ जोन से क्यों हटाएगा ? लोग तो यहां तक दबी जुबां में कह रहे हैं कि भ्रष्टाचार के इस खेल में अवर अभियंता समेत ऊपर के एक दो सीडी स्तर तक के अधिकारी भी शामिल हो सकते है! इसीलिए जिलाधिकारी के आदेश वह तत्कालीन उपाध्यक्ष के आदेश का भी कानूनी दांव पेच के माध्यम से दरकिनार कर दिया गया। देखना है कि अपनी बेबाक व ईमानदार छवि को दृष्टिगत रखते हुए वर्तमान जिलाधिकारी व उपाध्यक्ष रायबरेली विकास प्राधिकरण संजय कुमार खत्री व विभाग के सचिव एवं मुख्य अभियंता अपनी छवि को कैसे बचाते है। वीसी की आंखे समझे जाने वाले प्रभारी सचिव इस विकास प्राधिकरण के मकड़जाल से जनता को कैसे न्याय दिलाते हैं। भ्रष्टाचार के इस खेल में भले ही जिलाधिकारी व सचिव शामिल ना हो लेकिन अवर अभियंता के कथित बयान कई अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हैं।