फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष/ पूर्व विधायक अजीम भाई द्वारा अपने आवास के समीप एक फैक्ट्री में पत्रकारों से वार्ता करते हुए सपा पर दौहरी मानसिकता का आरोप लगाते हुए कहा कि एक विशेष व्यक्ति के साथ कार्यवाही की गयी है। पार्टी के भीतरधाती लोगो के खिलाफ कार्यवाही क्यो नही की गयी। क्या यही दोहरा व्यवहार है सपा परिवार का।
विगत दिन समाजवादी पार्टी कार्यालय से पूर्व विधायक / पूर्व जिलाध्यक्ष अजीम भाई का पार्टी से पार्टी विरोध में कार्य करने पर निष्कासित कर दिया था। आज उसी सन्दर्भ में कहा कि सपा पहले यह बताये कि अनुशासनहीनता का अर्थ क्या होता है। उन्होने पार्टी से खुली बगावत की है। सिरसागंज, जसराना फिरोजाबाद में पार्टीके पक्ष में वोट न करने की अपील की। इसी का नतीजा रहा किपार्टी ने तीसरे स्थान पर रही उसके बाद करारी हार कि बाद उनको पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया। लेकिन जसबन्त नगर में शिवपाल ने भी तो पार्टी के खिलाफ कार्य किया उनको पार्टी से क्यो नही निकाला गया। करहल में सांसद मैनपुरी तेंजप्रात सिंह, पूर्व विधायक सुभाष यादव, पूर्व विधायक सोवरन सिंह, अनिलयादव ने पार्टी कि निखत परवीन को भीतरधात करते हुए चै0 नईम के स्थान पर श्रीसेवन यादव का जिता ने का कार्य किया। यही हाल एटा में सपा ने नूरी अदीवा पत्नी सराफत हुसैन का टिकिट दिया। सभापति विधान परिषद रमेश यादव, पूर्व विधायक अमित यादव कैलाश यादव ने विरोध किया निर्दलीय व्यक्ति को चुनाव जिता दिया। क्या उनकी यह नही दिखायी दिया कि अनुशासनहीनता क्या होती है। मैने खुलकर एक मंच से पार्टी विरोध में उतारा तो पार्टी से बाहर किया समाजवादी पार्टी से अजीम पूछना चहाता है कि बगावत अनुशासनहीनता में अन्तर क्या है। दोहरी मानसिकता से जो व्यवाहर किया गया है। वह गलत है। अजीम ने 1980 से लेकर 2017 तक पार्टी की सेवा की है। लोकदल, जनता दल के बाद 1992 में समाजवादी पार्टी बनने से 2017 तक सवा का कार्य किया। लेकिन पार्टी ने मेरा व मेरे कार्यकर्ताओं का जो अपमान किया उससे में बढ़ा आहत हूॅ।