Monday, November 25, 2024
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नहीं दिख रहे गायों की सुध लेने वाले गौसेवक…!

चकरनगर, इटावाः राहुल तिवारी। कहां गए वह गौ सेवक और अपने को गौ भक्त बताने वाले भी परलक्षित नहीं हो रहे, गायों के बुरे हाल हैं। इन ब्लेड युक्त तारों से कटे पशु बेमौत मर रहे हैं और अपने जख्मों को ठीक कराने के लिए पशु स्वास्थ्य विभाग का मुंह देख रहे हैं, लेकिन कहीं कोई भी उनकी सुनने सुनने वाला नहीं। विकासखंड चकरनगर के अंतर्गत सैकड़ों पशु बेमौत काल-कवलित हो रहे हैं जहां एक तरफ सरकार गायों के रक्षार्थ बड़े बड़े कदम उठा रही है तो वहीं दूसरी तरफ उनके अधीनस्थ कर्मचारी और अधिकारी उन को बेरहमी से मारने में कोई भी चुक नहीं ले रहे हैं। विकासखंड के अंतर्गत कई गांवों में ऐसे दृश्य देखने को मिलेंगे जैसा कि ग्रामसभा गौहानी में करीब 2 पशु बेमौत काल का शिकार होना चाह रहे हैं। उनकी न तो पशुस्वास्थ्य विभाग सुन रहा है और ना ही कोई गौ सेवक ही नजर आ रहा है। पशु बेतहाशा तड़प रहे हैं जिनकी हालत देखकर रूह कांप जाती है। ब्लेड तारों से उनके अंग इस तरीके से छिन्न भिन्न हो गए हैं कि उनका उठना बैठना चलना फिरना सभी दूभर हो गया है। इस संबंध में कल मीडिया द्वारा सी एम ओ वेटेनरी, मुख्य विकास अधिकारी इटावा और थानाध्यक्ष चकरनगर को भी इस संबंध में व्हाट्स – एप्प द्वारा सूचना दे दी गई। बावजूद इसके आज तक इन तड़प रहे पशुओं के लिए कोई भी उपचार की व्यवस्था नहीं की गई। यह पशु कालकवलित होने ही वाले हैं। यह पशुओं की तड़प रही आत्मा शायद सरकार को और उन किसानों को जिनके ब्लेड युक्त तारों से यह कटे हैं उनके लिए शायद हर सांस में बददुआएं ही निकल रही होगीं। जब इनके पास कोई जाकर खड़ा हो जाता है तो इनकी कबूतर कैसी चितवन इस बात को सिद्ध करती है कि यह प्राणों की रक्षा हेतु मानो भीख मांग रहे हों। सूत्रों की माने तो कोई भी पशु मालिक यदि साधारण में भी किसी पशु को लेकर कहीं बेचने के लिए या रिश्तेदारी में देने हेतु जा रहा है तो पुलिस बहुत ही बारीकी से चेक कर पकड़ लेती है और उसे टाईट कर एक दो थप्पड़ मारकर पशु छुड़वा देते हैं। इस वजह से जनता के अंदर भारी आक्रोश पैदा होता जा रहा है सरकार की प्रति। जब कोई पशु जख्मी हो तो उसकी हिफाजत के लिए न तो पुलिस को जुर्म दिखाई देता है और ना ही पशुधन विकास अधिकारियों को अपनी मुस्तैद ड्यूटी की जिम्मेदारी ही दिखाई देती है। आला वाला हालात यह हैं कि यह पशु जो भी बेमौत तड़प तड़प कर मर रहे हैं इसकी बद्दुआएं उस निकटवर्ती क्षेत्रों पर पड़ रही हैं