Monday, November 25, 2024
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किसानो की उपेक्षा बर्दाश्त नही की जायेगी- धर्मसिंह यादव

रजवाहों में पानी नही सफाई के नाम पर करोडो रूपये के बनते है फर्जी बिल
फिरोजाबादः जन सामना संवाददाता। उत्तर प्रदेश सरकार जनपद के किसानों की उपेक्षा कर रही है सत्ता पक्ष के विधायक होते हुए भी मनीष असीजा को आलू एवं अस्पताल की दुर्दशा पर सवाल खडा करना पड़ रहा है। उक्त बात कहते हुए जिला काॅग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश महासचिव, / अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ धर्मसिंेह यादव कार्यवाहक जिलाध्यक्ष प्रकाश निधि गर्ग, महानगर अध्यक्ष हाजी साजिद खाॅन ने एक राय होकर कहा कि तहसील टूण्डला फिरोजाबाद सदर के किसानों की उपेक्षा वर्ष 1989 के बाद से ही होती रही है। दोनो तहसीलों के किसानों की सिचाई माइनर व बरहन माइनर से होती थी फिरोजाबाद माइनर से राजमल गोथूआ से लुहारी फतेहपुर तक के किसानों की सिंचाई 208 क्यूसेक जनल से होती थी जबकि बरहन माइनर से देवखेडा से टीकरी नियामतपुर तक किसानों की सिचाई 192 क्यूसेक जल से होती थी। जैसे कि वर्ष 2012 में जेडाझ़ाल से 34 क्यूसेक जल के लिए हजारों करोडो रूप्ये खर्य होने के बाद भी नगर निगमम फिरोजाबाद के लिए जल आपूर्ति को सकेगी। इस पर भी सवाल खडा है फिरोजाबाद तक को 15 क्यूसेक जल मिलना असंभव है क्यो कि जेडाझाल से गांव भकार से पहले जमीन नीची है जबकि गांव भकार पर उससे आगे जमीन ऊॅची है इसकी अनदेखी की गई है। सिचाई खण्ड की लापरवाही से माइनर व उसके रजवाहों पर अवैध कब्जे हुए है दोनो माइनर व उसके रजवाहों की सफाई पर करोडो रूपये के फर्जी बिल हर वर्ष बनते है सिचाई खण्ड कार्यालय से करीब 250 कर्मचारियों पर करोडो रूपये खर्च किया जा रहा है जबकि फिरोजाबाद माइनर में कोई पानी नही आ रहा है बन्द पडा है।
, राजबब्बर के लोकसभा उपचुनाव में जीतने के काद वर्ष 2010 में फिरोजाबाद माइनर में उनके प्रयास से पानी लाया गया था परन्तु दौलतपुर बाईपास में पुलिया तोडकर पाइप डालने के कारण पानी आगे नही जा सका था तब तत्कालीन अधिसाशी अभियन्ता ने जिलाधिकारी से पुलिया के निर्माण की अनुमति लेकर निर्माण का बायदा किया था परन्तु सरकाररों की बार-बार घोषणा कि टेल तक पानी पहुचेगा कोरी घोषणा होती रही है।1985 में हाथरस से फिरोजाबाद के कोटे के पानी के लिए हाथरस फिरोजाबाद नहर के समानान्तर निर्माण कराया गया जो जलेसर तहसील के एि किसान के द्वारा मा0 उच्च न्यायालय के स्टे लेने के कारण उक्त किसान के खेत पर निर्माण रोकर शेष नहर का निर्माण हुआ था 1988 में स्टे खारिज होने के काद एक सरकार ने 4.50 करोड रू का बजट स्वीकृति किया गया परन्तु अवैध धन कमाने वाली सरकारों ने पुरा नही किया चार करोड की धनराशि से दौलतपुर से आसफाबाद तक फिरोजाबाद माइनर को पक्का कराया गया जो पैसा बर्बाद गया किसानो की उपेक्षा को काॅग्रेस बर्दाश्त नही करेगी। इस के लिए गांव-गांव जनजागरण करते हुए आन्दोलन, धरना प्रर्दशन किया जायेगा।