बछरावाँ रायबरेलीः जन सामना ब्यूरो। महात्मा गाँधी के जन्मदिवस से शुरू हुआ स्वच्छता अभियान पूरे देष में बड़ी ही षिद्दत से मनाया गया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नें सभी देषवासियों से स्वच्छता कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये अपील भी की लेकिन नगर पंचायत बछरावाँ स्वच्छता जैसे कार्यक्रम की पहल करने की दूर बात हैं। जबकि सफाईकर्मी ही सफाई नहीं कर रहें हैं। जिससे बछरावाँ के सभी मोहल्लें जिससे बछरावाँ के सभी मोहल्ले गंदगी से पटे हुए हैं। लोग मच्छर जनित व जनजनित बीमारियों के चपेट में आ रहें है। वहीं हल्की सी भी बरसात में लोगों का घर से निकलना दूभर हो जाता है सबसे आष्चर्यजनक यह है कि नगर पंचायत की उदासीनता से कस्बे कि नाले, नालियाँ और सड़क की पटरियों तक अतिक्रमण हो चुका है। अतिक्रमण कारियों की अनदेखी से नाली नालों का स्वरूप ही विलुप्त होता जा रहा है और सड़के इसी कारण पगडण्डी का रूप ले चुकी हैं। जिसकी लाठी में दम हैं वह पंचायत की जमीन पर कब्जा कर रहा है जबकि अतिक्रमण से नगर की जलनिकासी व आवागमन की व्यवस्था पूर्ण रूप से ध्वस्त हो चली दिख रही हैं यहाँ पर मनमानी करो मौज करो, कोई कुछ नहीं बोलेगा का आदर्षविहीन फार्मूला लागू है सबसे दुखद स्थिति नगर के नालों व नालियों तथा सड़क की है यह बहुतायत अवैध कब्जों से चीत्कार कर रहें है। नगर की कुछ एक नालियों को छोड़ दिया जाय तो ज्यादातर दंबग से लेकर टुच्चें टाइप के अतिक्रमणकारियों के अवैध कब्जे है। जिस सब्जी मंडी में एक जमाने में बैल गाड़ी आया जाया करती थी अब उसके बारें में सोचना ही पाप हो गया है। गल्ला मंडी, चूड़ी मंडी, बानगी मंडी, चिक मंडी, पुराने डाकखाने वाली गली, किला मोहल्ला, जागन टोला, दक्षिण चमरहिया, आदि नगर, महराजगंज रोड, कुटी मोहल्ला से अन्दर जाने वाली रोड़, मनिहारन टोला, बन्धन टोला, कायस्थन टोला, हनुमान टोला व भार्गव भटिया सहित पूरे कस्बे में अवैध कब्जो के शर्मनाक निषान नगर पंचायत की नपुंसक कार्य प्रणाली की कहानी बयां करती दिख जायेगीं। नालें व नालियों पर दबंगों ने पथ्तर जाम के अलावा लोहे कि ग्रिले जाम हैं। कुछ नें घर की दिवाल नालिंयों पर इंचों से फुटों बढ़ा ली है। जब कि शासन प्रषासन से कस्बे के सम्भ्रान्त नागरिकों द्वारा षिकायत की गयी लेकिन नगर प्रषासन का केचुआ प्रषासन इसे मिट्टी समझकर डकारने में लगा हुआ है। लेकिन जिम्मेदार लोग कुम्भकरणी नींद में सो रहे हैं।