जीएसटी से दवाओं में नहीं आयेगी कमी-शुक्ल
हाथरसः जन सामना संवाददाता। सांसद राजेश कुमार दिवाकर ने लोकसभा सत्र के दौरान वित्त मंत्रालय से केमिस्टों के बीच जी.एस.टी. के सम्बन्ध में जानकारी मांगी है कि क्या देश भर में बड़ी संख्या में केमिस्ट एवं स्टाॅकिस्टों को माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की जानकारी नहीं है तथा उन्होंने अभी भी इसके कार्यान्वयन की प्रक्रिया शुरू नहीं की है। क्या इसके कतिपय उपचारों के लिये औषधि की कमी होने की सम्भावना है तथा औषधियों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये क्या कदम उठाये गये हैं। क्या उन आपूर्तिकताओं को पकड़ा एवं दण्डित किया गया है जिन्हें जीएसटी के पहलुओं की पूरी जानकारी नही है तथा जिन्होंने जीएसटी के कार्यान्वयन की प्रक्रिया शुरू नहीं की है।
लोकसभा में वित्त मंत्रालय में राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने बताया कि सरकार ने करदाताओं को जीएसटी के कानूनों और प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी देने के लिये नियमित रूप से प्रचार में विज्ञापनों को जारी करके एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाया है। इसके अलावा सीबीईसी ने इसके बारे में करदाताओं को और भी जानकारी देने के लिये विभिन्न कार्यशालाओं टाउन हाॅल मीटिंग्स का भी आयोजन किया है। इसके अलावा सोशल मीडिया (ट्विटर) का भी जीएसटी के नियमों, कानूनों और कर की दरों के बारे में जानकारी का प्रचार-प्रसार करने के लिये व्यापक पैमाने पर प्रयोग किया जा रहा है। जीएसटी के कानूनों, प्रक्रियाओं और कर की दरों से सम्बन्धित जानकारी का प्रचार-प्रसार हो सके। इसके कतिपय उपचारों के लिये औषधि की कमी होने की सम्भावना नहीं है।
जीएसटी पहले की प्रक्रिया में सुधार करने वाला कदम है। सरकार जीएसटी के अन्तर्गत अपेक्षित अनुपालन के बारे मेें करदाताओं को जानकारी दे रही है। राष्ट्रीय औषधि मूल्यन प्राधिकरण (एनपीपीए) ने सूचना का प्रचार-प्रसार करने के लिये स्टाॅक होल्डरों, जिसमें केमिस्ट एसोसिएशन और मेनुफेक्चर्स एसोसिऐशन भी आते हैं के साथ जीएसटी के बारे में विभिन्न बैठकें की हैं व जीएसटी के क्रियान्वयन से सम्बन्धित एक हेल्पलाइन नम्बर 1800111255 भी जारी किया है।