कानपुरः जन सामना ब्यूरो। आज का किसान कड़ी मेहनत करता है और वह देश को ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय आबादी को भी खिलाने में सक्षम है। किसान के हित से ही सभी का हित जुड़ा है इसके लिए कृषि को लाभकारी बनाना होगा। छोटी जोत आधारित कृषि के माध्यम से खाद्यान उत्पाद बढ़ाने के साथ-साथ कृषि को लाभकारी बनाते हुए वर्ष 2022तक किसानों की आय को दुगना करना है।
उक्त अभिव्यक्ति देश के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने चंद्र शेखर आजाद कृषि विश्व विद्यालय के कैलाश भवन स्थित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन कृषि एग्रो एक्सपो 2018 एवं एग्रीकॉम 2018 के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त करते हुए उन्होंने शिवरात्रि के पर्व पर जनता को बधाई देते हुए कहा कि यह संस्था अनेक उद्देश्यो की पूर्ति करती है। जब देश में खाद्यान्न की कमी थी तब पूर्व प्रधान मंत्री ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था और इस नारे से हमारी देश की सेना और किसानों का मनोबल भी बढ़ा। किसानों को कृषि निवेश उचित मूल्य पर एवं पर्याप्त मात्रा में मिलना चाहिए तभी वह उत्पादन बढ़ा पायेगा। खाद उत्पादन बढ़ाना गंभीर समस्या है और इस समस्या को हल करने में हमें मिट्टी की उर्वरकता में सुधार करना है तथा भूमि को अधिक उपजाऊ बनाना है वर्तमान में समग्र विकास के प्रति सरकार की प्रतिब्धता है। बेहतर कृषि को बेहतर सुविधाए, निवेशों को समय से पूर्ति भी हो तभी लाभ मिलेगा। मृदा परीक्षण आधारित उर्वरक का उपयोग एवं मौसम की समय से जानकारी भी होनी चाहिए। वर्षा के कम या ज्यादा होने से भी फसल प्रभावित होती है जिसके के फलस्वरूप किसान को आर्थिक छति उठानी पड़ती है, समय की मांग है कि किसान खेती के साथ- साथ पशुपालन, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, बागवानी एवं रेशम कीट आदि को भी अपना सकता है।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि कृषि विश्व विद्यालय कानपुर तथा अन्य संस्थाओं द्वारा खाद सुरक्षा सुनिश्चित की जाये, इसके के साथ ही छोटी जोत के किसानों के लाभ के लिए आने वाले चार दिनों में यहां चर्चा होगी। सम्मेलन में प्रतिभाग करने आये विशेषज्ञ भी इस पर अपना सुझाव देंगे कि किसानों की आय एवं खाद्यान्न उत्पादन कैसे बढ़ाया जाये। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीयसम्मेलन तथा एग्रो एक्सपो प्रदर्शनी की सफलता का आशीर्वाद भी दिया। कार्यक्रम के आरम्भ में लक्ष्मी प्रसाद मल, राम आसरे, राकेश सिंह एवं बटाना देवी को कृषि, दुग्ध उत्पादन एवं कृषि से संबंधित विलक्षण कार्य करने पर पुरस्कृत किया। इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिक डाॅ. ए के सिंह, डाॅ. नरेंद्र मोहन, डाॅ. जी पी राव एवं डाॅ. ए के त्रिपाठी को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने नमामि गंगे पार भी प्रकाश डाला।
इस अवसर पर प्रदेश के राज्यपाल श्रीराम नाईक ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस चार दिवसीय सम्मेलन में देश विदेश के कृषि विशेषज्ञ भाग लेंगे किसानों को नई ऊर्जा एवं अपने ज्ञान का लाभ देंगे। इससे देश का भी विकास होगा, 1950 से आज तक अनाज का तीन गुने से भी ज्यादा उत्पादन हो गया है और आज देश निर्यात की स्थिति में है। ग्लोबल वार्निग से दुनिया परेशान है अतः हमें अपने कृषि उत्पादन कैसे बढ़े पर विशेष ध्यान देना है। हमारे पूर्व प्रधानमंत्री माननीय श्री अटल बिहारी बाजपेई जी ने जय जवान जय किसान के साथ जय विज्ञान का भी नारा दिया था। हमें विज्ञान को खेत तक पहुंचना है ताकि इतिहास लिखा जा सके।
प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य पताप साही ने कहा कि हमें ऐसी फसलों के बीज तैयार करने है जो कम पानी में फसल पैदावार कर सकें हमारा प्रदेश खाद्यान्न उत्पादन में सबसे बड़ा है हमें प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को बचाना है। इसके साथ ही कुलपति सुशील सोलोमन ने अपने बिचार व्यक्त किये। राष्ट्रपति जी का स्वागत करते हुए कहा कि यह विश्व विद्यालय 1893 में स्थापित हुआ है।
सबसे पहले राष्ट्रपति जी ने चंद्र शेखर आजाद जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सीएसए परिसर में प्रदर्शनी का उदघाटन किया तत्पश्चात कैलाश भवन सभागार में दीप प्रज्वलन कर चार दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर मंत्री सतीश महाना, सांसद देवेंद्र सिंह भोले, विधायिका नीलिमा कटियार, विधायक अभिजीत सिंह सांगा, जिला अध्यक्ष उत्तर सुरेंद्र मैथानी, एमएलसी अरुण पाठक आदि गणमान्य जन उपस्थित थे।