चकिया, चन्दौलीः जन सामना ब्यूरो। अनुसूचित जाति / अनु0 जनजाति के उत्पीड़न को रोकने के लिए बने कानून एसी.एसटी एक्ट में उच्चतम न्यायालय द्वारा 20मार्च को अनु0 जाति /अनु0 जनजाति के कर्मचारियों पर गैर अनुसूचित जाति द्वारा उत्पीड़न करने पर एफआईआर दर्ज न करने तथा अभियुक्तों को गिरफ्तार न करने के फैसले के सम्बन्ध में विधान सभा चकिया के दलित अधिवक्ताओं द्वारा उक्त फैसले के विरोध में प्रदर्शन किया गया तथा प्रदर्शन के माध्यम से भारत सरकार से मांग की गयी कि पुर्नविचार याचिका दाखिल करके विरोधी आदेश को निरस्त किया जाये। अधिवक्ताओं ने इस आशय का एक पत्र महामहिम राष्ट्रपति को सम्बोधित उपजिलाधिकारी को सौपा। ज्ञातव्य हो कि दलित आन्दोलन कई राज्यो में हिंसक रुप ले लिया है। सोमवार से किये जा रहे प्रदर्शन ने कई प्रान्तों को अपने आगोश मे ले लिया है जिसमें अब तक कई लोगो को अपने जान से भी हाथ धोना पडा है। अधिवक्ताओ ने यहा इस फैसले के विरोध में लामबन्द होकर नारे लगाते हुए दोपहर में नगर भ्रमण भी किया तथा बाद में उपजिलाधिकारी को एक पत्रक भी सौपा।
इस मौके पर पूर्व बार अध्यक्ष रामकृत एड, राजेन्द्र प्रसाद भारती, तेजवन्त नारायण एड, विनोद अम्बेडकर एड., राम सुधार सिह एड, विजय कुमार एड, शिवपूजन राम एड, सुरेन्द्र कुमार एड, भोलानाथ भारती एड, मनोज कुमार एड, शिवमूरत सोनकर एड, शशि कान्त एड, दल श्रृंगार एड सहित अन्य लोग भी मौजूद रहे।