नहीं दिखा सरकारी आदेश का असर
शिक्षाधिकारी भी ऐसे मामलों में कार्रवाई से कतराये
फिरोजाबादः जन सामना संवाददाता। जसराना में सरकारी आदेशों को दरकिनार करते हुए विद्यालय को खोला गया। ग्रामीण क्षेत्रों में निजी स्कूल चलते रहे। निजी स्कूल के संचालकों को केवल प्रवेश के नाम पर खोलने से मतलब रहां बच्चों की सुरक्षा के प्रति उदासीनता रही। वहीं शिक्षाधिकारी भी ऐसे मामलों में कार्रवाई करने के नाम से कतराते हैं।
पूरे देश में चल रहे दलित आंदोलन को देखते हुए सरकार ने मंगलवार को स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया। आदेश के बाद सरकारी विद्यालयों के साथ शहरी क्षेत्र के विद्यालय बंद रहे। जबकि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय खुले रहे। जसराना के अतुर्रा में रोज वैले एकेडमी खुला हुआ था। दिन में 11 बजे बच्चें बाहर खेल रहे थे। एक अध्याकिा उन्हें स्कूल के अंदर ले जा रही थी। एक बच्चे के द्वारा देरी करने पर उसने बच्चे का कान पकड लिया और उसे अंदर ले गई। वहीं विद्यालय के संचालक जेपी सिंह से पूछा कि सरकारी आदेश के बाद भी स्कूल क्यों खोला तो बताया कि गांवों में बबाल नहीं होता है। बबाल तो कल हुआ था आज थोडे़ ही होगा। वहीं कहा कि गांवों में तो स्कूल खुले रहते हैं।