आध्यात्मिकता का अर्थ है कि मानव जीवन को आसान बनाना-प्रो. ई.वी-गिरीश
फिरोजाबादः जन सामना संवाददाता। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय फिरोजाबाद द्वारा गाॅधी पार्क में लगाया गया पाॅच दिवसीय शिविर के पहले दिन में मुम्बई से आये प्रमुख वक्ता प्रोफेसर ई. वी. गिरीश भाई ने आध्यात्मिकता की सत्य खोज कराई और बताया कि आध्यात्मिकता व धार्मिकता में बहुत अन्तर है लोग समझते है कि किसी विशेष प्रकार की ड्रेस पहन लोग है तो वह व्यक्ति आध्यात्मिक है। लेकिन विशेष ड्रेस पहनने से वह आध्यात्मिक नहीं बन जाता है। कुछ लोग कहते है कि कर्म ही पूजा है तो क्या एक आतंकवादी का कर्म भी पूजा है। आध्यात्मिकता का अर्थ है कि मानव जीवन को आसान बनाना। मोबाईल को साइलेन्ट पर लगा देना आसान है लेकिन मन को साइलेन्ट मोड पर देना मुश्किल है मोबाईल में तो बटन होता है जिससे हम उसे साइलेन्ट मोड पर दे सकते है लेकिन मन का बटन कौन सा है। इस बटन को पाॅच दिन के शिविर में ढूढना है।
जो चीज सतत है, लगातार आध्यात्मिकता माना ही सत्य का स्वीकार करना।,समान है सबके लिए वही सत्य है। जैसे गुरूत्वाकर्षण शक्ति . किसी चीज को हम ऊपर फेकतें है तो वह नीचे ही आती है चाहे कोई पतला या मोटा व्यक्ति हो या कोई वस्तु हो, अमीर या गरीब हो गिरेगा जरूर और एक ही स्पीड से हर जगह चाहे अमेरिका में गिरे या फिरोजाबाद में फेंको किसी चीज को तो यही सत्य और इस सत्य को हमें स्वीकारना ही है और उसके अनुसार चलना ही है। धरती अपने सत्य धर्म के अनुसार चलती है। यह गुरूत्वाकर्षण किसने बनाया न्यूटन नहीं उसने तो इसकी खोज की थी। एक सत्य को सत्य ही बना सकता है और सत्य सिर्फ एक है वह है भगवान इसलिए उसे गाॅड ईज वन कहते है। फैयर लवली बनाकर लोग सुन्दर बनते है लेकिन फिर भी सुन्दर नहीं हो पा रहें है क्योंकि अपनी सोच को फेयर करें और वाणी को लवली तब आप खुद सुन्दर बन पायेगें और हमारे जीवन में सुख शांति हेल्थ वेल्थ आ जायेगी। परेशानी बाहर नहीं है इस सत्य को स्वीकार करें यह तो हमारें अन्दर है इसलिए बाहर का ठीक करने से ज्यादा अपने अन्दर का ठीक करें। मुख्य रुप से इस कार्यक्रम मे मेयर नूतन राठौर, मंगल सिंह राठौर, देवीचरण अग्रवाल, डा. प्रभाष्कर राय, पवन सीए, राकेश सीए, विनाद शर्मा योगा, सुनील टण्डन, अनुज अग्रवाल , पवन अग्रवाल आदि यह कार्यक्रम 11 अप्रैल तक चलेगा सही समय सुबह छह बजे कार्यक्रम शुरु हो जायेगा। सभी समय पर पहुॅच कार्यक्रम का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठायें।