मीरजापुरः संदीप श्रीवास्तव। राजस्व से लेकर लोकशिकायतों के निवारण तथा कानून व्यवस्था आदि विभिन्न क्षेत्रों में मण्डलायुक्त मुरली मनोहर लाल की मेहनत का परचम राजधानी लखनऊ में उस वक्त लहराने लगा जब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में विंध्याचल मण्डल को वर्ष 2016-17 के 18वें स्थान से वर्ष 2017-18 में पहला स्थान घोषित किया गया। यह पहला अवसर है जब मण्डल को अव्वल स्थान मिला है। प्रदेश के 18 मंडलों में पड़ोस का वाराणसी मण्डल इस बार 18वें स्थान पर चला गया।
बुधवार को लखनऊ में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सारे मण्डलीय आयुक्तों की महत्त्वपूर्ण बैठक की खबर इंटरनेट पर प्रसारित होते ही विंध्याचल मण्डल के प्रबुद्ध नागरिकों, अधिवक्ताओं, प्रशासनिक अधिकारियों ने कमिश्नर के होमवर्क, टीमवर्क और नेतृत्व क्षमता पर हर्ष व्यक्त किया। मण्डल में राजस्व, चिकित्सा, पंचायत, समाज कल्याण, विकलांग कल्याण, महिला कल्याण, खाद्य-रसद, नगर विकास, बेसिक शिक्षा, विद्युत, कृषि, बाल विकास, आई टी, नियोजन, खनिज, पी डब्लू डी जैसे विभिन्न विभागों में संचालित होने वाले 134 कार्यों पर 73.09 प्रतिशत प्राप्तांक पाकर इस मण्डल ने जबरदस्त छलांग लगाकर अन्य मंडलों से आगे निकल गया ।
इसी तरह जनपदों की भी समीक्षा में तीनों जनपद पिछले वर्ष से ऊपर हुए है जिसमें भदोही ने 115 कार्यों में 75.45 प्रतिशत अंक पाकर तीसरे, मिर्जापुर 124 कार्यों में 72.03 प्रतिशत पाकर 14वें तथा सोनभद्र 71.80 प्रतिशत पाकर 16 वें स्थान पर आया है।
स्वाभाविक है कि इस उपलब्धि पर उक्त बैठक में विंध्याचल मण्डल खूब सराहा गया । यह खबर इंटरनेट से सार्वजनिक होते मण्डलायुक्त जो अभी लखनऊ में ही हैं, उन्हें बधाइयां मिलने लगी । राजस्व मुकदमों की सुनवाई में तेजी से अपनी बैठकों एवं समारोहों में कमिश्नर को बधाई देने वाले अधिवक्ताओं ने कहा कि जब प्रशासनिक अधिकारी शासकीय कार्यों की जानकारी एवं क्रियान्वयन में रूचि लेते हैं तथा जनता के साथ सामंजस्य स्थापित करते हैं, तो फिर उपलब्धियां मिल कर रहती हैं।