कुश्ती एक अति प्राचीन खेल व मनोरंजन का साधन सभी को भाता है
कुश्ती विधा महिलाओं को ताकतवर व सशक्तीकरण पर देता है विशेष बल: हरिनारायण पाठक
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। रूरा स्थित ओमप्रकाश शर्मा महाविद्यालय के प्रांगढ़ में ग्रेपलिंग एसोसिएशन कानपुर व महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे विगत तीन दिवसीय कुश्ती, पहलवानी, ग्रेपलिंग, योग प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। तीन दिवसीय ग्रेपलिंग प्रशिक्षण के आज अतिम दिन समापन कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए सहायक निदेशक सूचना प्रमोद कुमार ने दो महिला व दो पुरूषों को परस्पर हाथ मिलवाकर कुश्ती खेल का शुभारंभ किया तथा कहा कि कुश्ती एक अति प्राचीन खेल कला एवं मनोरंजन का साधन है जो प्रायः दो व्यक्तियों के बीच होता है जिसमें खिलाडी अपने प्रतिद्धंदी को पकडकर एक विशेष स्थिति में लाने का प्रयत्न करता है। कुश्ती खेल एक प्राचीन विधा है। कुश्ती में अनेक दावपेंच होते है जिनका जानना जरूरी होता है। खेल हमारे दिनों को जोडता है खेल को खेल की भावनाओं से खेलना चाहिए। कुश्ती का खेल सभी को भाता है।
तीन दिवसीय प्रशिक्षण के समापन के अवसर पर प्रतिभागियों को सहायक निदेशक सूचना प्रमोद कुमार, प्रभारी महाविद्यालय हरिनारायण पाठक, ले0 विवेक कुमार पाण्डेय आदि द्वारा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिये गये। प्रभारी महाविद्यालय हरिनारायण पाठक, ले0विवेक पाण्डेय व समाजसेवी माया देवी ने कहा कि कानपुर देहात में ग्रेपलिंग एसोसिएशन द्वारा कुश्ती का खेल विशेषकर महिलाओं को प्रशिक्षण आदि देकर कार्यक्रम का आयोजन का निश्चित ही महिला के सशक्तीकरण ताकतवर बनाने की दशा में एक कार्य है। कुश्ती से महिलाओं ने एक आत्मविश्वास, एक शक्ति का भी एहसास होगा। यह एक प्रकार का द्वंद्वयुद्ध है जो बिना किसी शस्त्र की सहायता से केवल शारीरिक बल व निपुणता से लडा जा सकता है। प्राचीन मे इनका उल्लेख मल्लक्रीडा के रूप में मिलता है। कुश्ती के प्रशिक्षक व ग्रेपलिंग एसोसिएशन कानपुर के महासचिव सुनील चतुर्वेदी व संयुक्त सचिव विनीत सिन्हा व मधु शर्मा ने छात्र-छात्राओं को कुश्ती दाव पेंचांे की जानकारी/प्रशिक्षण देते हुए कहा कि वे कुश्ती के दावपेंचों को भली भांति जाने व अमल में लाये। उन्होंने कहा कि महाभारत, रामायण में बाली, सुग्रीव, भीम, दुर्योधन, विविध प्रकार के दावपेचों के प्रयोग से कुश्ती का विकास की कहानी बादशाह अकबर, बावर व अनेक राजा महाराजा भी कुश्ती कला के अच्छे जानकार थे। देशी रजवाडों राजाओं ने भी कुश्ती को संरक्षण प्रदान किया और उन्होंने देश के पहलवानों के साथ घूम-घूमकर कुश्ती दंगल कराकर इस विधा का प्रचार किया। उन्होंने कहा कि निरंतर कुश्ती करने से व्यक्ति का पूरा शरीर मजबूत होता है। समाजसेवी माया देवी ने कार्यक्रम की प्रंशसा करते हुए कहा कि बेटियां दो परिवारों के भविष्य होती है उन्हें आगे आना चाहिए। मदर लैड के प्रबन्धक अशोक सिंह यादव ने बच्चों को पे्ररित करते हुए अपने गीत के माध्यम से न हो साथ कोई अकेले बड़ो तुम सफलता तुम्हारे कदम चूम लेगी…गाकर उत्साह वर्धन किया। कार्यक्रम का संचालन पर्यावरण मित्र नवीन दीक्षित ने किया। इस अवसर पर किरन, गोपी किशन, सरला देवी, कोमल गुप्ता, मीनाक्षी, शिवम, आर्यवर्धन सिंह चैहान, आशुतोष मिश्रा, आरूषि देवी, सौरभ सिंह, सत्यम दीक्षित, अभिषेक, गोल्डी, अशोक सिंह आदि भी उपस्थित रहे। ग्रेपलिंग एसोसिएशन के सुनील चतुर्वेदी, विनीत सिन्हा, मधु शर्मा ने बच्चों को प्रतिद्वंदी को परास्त करने के लिए हैड लाॅक, टेक्निक स्केप, नेक चैक, ग्लीटीन चैक, फ्लाइंग आर्म लाॅक्स आदि के बारे में प्रशिक्षण व डेमो के माध्यम से भली भांति जानकारी दी। इसके अलावा कार्यक्रम में सहायक निदेशक सूचना प्रमोद कुमार द्वारा बताया गया कि जनपद में 21 जून को विश्व योग दिवस का आयोजन जिलास्तर, तहसील स्तर, ब्लाक स्तर आदि पर किया जा रहा है। जिसमें सभी जन बड चढकर भाग ले।